IIT में बदल रहा है सब्जेक्ट ट्रेंड! आईआईटी बॉम्बे में स्टूडेंट्स की चौथी पसंद बना इकोनॉमिक्स

IIT Bombay: इकोनॉमिक्स ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT Bombay) में कई इंजीनियरिंग स्ट्रीम को पीछे कर दिया है। इस वर्ष इकोनॉमिक्स प्रोग्राम की डिमांड सिविल इंजीनियरिंग और एनवायरमेंटल (Civil Engineering & Envirmental) विषयों की तुलना में अधिक देखने को मिली है।

IIT Bombay: आईआईटी बॉम्बे में बदल रहा है सब्जेक्ट ट्रेंड

IIT Bombay: बीटेक प्रोग्राम और इंजीनियरिंग के लिए मशहूर आईआईटी में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की पसंद अब बदल रही है। इकोनॉमिक्स ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT Bombay) में कई इंजीनियरिंग स्ट्रीम को पीछे कर दिया है। इस वर्ष इकोनॉमिक्स प्रोग्राम की डिमांड सिविल इंजीनियरिंग और पर्यावरण (Civil Engineering & Envirmental) विषयों की तुलना में अधिक देखने को मिली है। आईआईटी बॉम्बे के इकोनॉमिक्स फैकल्टी की मानें तो चार वर्षीय बीएस इकोनॉमिक्स (BS Economics) प्रोग्राम छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है।

IIT Bombay: बन रहा छात्रों की पसंद

आईआईटी बॉम्बे के निदेशक शिरीष केदारे ने कहा हमारा इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट कई इंजीनियरिंग कॉलेजों की तुलना में अधिक खुलता है। डेटा पर नजर डालें तो आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन के इच्छुक छात्रों की लिस्ट में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद इकोनॉमिक्स और केमिकल इंजीनियरिंग चौथे स्थान पर है।

IIT Bombay:इतने रैंक पर एडमिशन

बता दें इस साल आईआईटी बॉम्बे ने इकोनॉमिक्स प्रोग्राम में एडमिशन के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 1562 रैंक पर एडमिशन ओपन किया था। वहीं एनर्जी साइंस एंड इंजीनियरिंग के लिए 1905, सिविल इंजीनियरिंग के लिए 2,244, एनवायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग के लिए 3,424 और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के लिए 2,690 निर्धारित किया गया था।
डिप्टी डायरेक्टर मिलिंद अत्रे ने बताया कि अर्थशास्त्र कार्यक्रम के लिए एडमिशन रैंक की सीमा 1000-2000 के बीच है, जो काफी उल्लेखनीय है। ये JEE Advanced में छात्र ऑल इंडिया रैंक 500-600 की तुलना में 2-4 कम अंक स्कोर करते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 40 ग्रेजुएट्स में से कई प्रतिष्ठित कॉलेज से पीएचडी करते हैं या फिर बैंक, कंसल्टिंग फर्म में अच्छी पोस्ट पर जॉब लग जाती है। आईआईटी बॉम्बे की चेयर प्रोफेसर हरिप्रिया ने देशर में अर्थशास्त्र की बढ़ती लोकप्रियता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शुरुआत में जब BS (Economics) शुरू किया गया तो कुछ आशंका थी, क्योंकि अधिकतर छात्र इससे अनजान थे। हालांकि तीसरे और चौथे बैच के बाद सीनियर छात्रों को मिले प्लेसमेंट ने इसे पसंदीदा विकल्प बना दिया।
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