कौन हैं IAS अदापा कार्तिक? जो हार्वर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी छोड़कर कर रहे गांव वालों की सेवा

UPSC Rank 1 IAS Officer Adapa Karthik: डॉक्टर अदापा कार्तिक ने हावर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिलने और आईपीएस अधिकारी के रूप में सर्विस मिल जाने के बाद भी आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना नहीं छोड़ा और आखिरकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बड़ी सफलता हासिल करते हुए पहली रैंक हासिल की।

UPSC IAS Rank 1 Officer Adapa Karthik

यूपीएससी आईएएस टॉपर अदापा कार्तिक

UPSC IAS Topper Adapa Karthik Success Story: पेशे से डॉक्टर रह चुके अदापा कार्तिक की जड़ें वास्तव में आंध्र प्रदेश से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने साल 2007 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी। उन्होंने आंध्र प्रदेश से एमबीबीएस किया और इसके बाद अपनी प्रतिभा के दम पर उन्हें हार्वर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी दोनों में स्कॉलरशिप की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने आईएएस यानी भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में शामिल होने और जमीनी स्तर पर देश सेवा के लिए दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के मौके वाली शानदार स्कॉलरशिप को छोड़ दी।

अदापा कार्तिक यूपीएससी सीएसई परीक्षा का तीन बार हिस्सा बने थे और यहां तक कि पहले और दूसरे प्रयास दोनों में परीक्षा पास भी कर ली थी, जिसके बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) आवंटित की गई। आईएएस अधिकारी बनने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कार्तिक ने तीसरी बार परीक्षा दी और सिविल सेवा परीक्षा (आईएएस) में पहली रैंक हासिल की।

उन्होंने यूपीएससी सीएसई के लिए जूलॉजी और मनोविज्ञान को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। एक बातचीत में उन्होंने कहा कि वह बुनियादी किताबों का उपयोग पढ़ाई के लिए करते थे और 6 से 8 घंटे के बीच पढ़ाई करते थे। उन्होंने बिताए गए घंटों के बजाय अध्ययन की निरंतरता और गुणवत्ता यानी क्वालिटी बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया।

IAS को ही चुनने पर कार्तिक का जवाब: जब आईएएस अदापा कार्तिक से एक बातचीत में आईएएस ही चुनने की दृढ़ इच्छा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि इससे उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने का जबरदस्त मौका मिला है। उदाहरण के लिए, वह अब लगभग 20,000 की आबादी वाले एक छोटे से शहर में काम करते हैं। यह इतना पिछड़ा क्षेत्र है कि हम जो थोड़ा सा काम करते हैं उसका यहां के लोगों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ता है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, स्वच्छता, सड़क और बिजली जैसे कई बुनियादी क्षेत्रों में लोगों के जीवन को प्रभावित करने का भी मौका मिलता है। वास्तव में कार्तिक को एक टॉपर के रूप में आंध्र प्रदेश के खम्मम में अपने गृहनगर जाने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने रानीखेत को चुना क्योंकि यह बहुत ज्यादा पिछड़ी जगह है और इस तरह की उस जगह पर आम लोगों के जीवन में वह बड़ा योगदान दे सकते हैं।

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प्रभाष रावत author

रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विषयों में विशेष रुचि रखने वाले प्रभाष रावत कुछ-ना-कुछ नया सीखते रहने में विश्वास करते हैं। बीते 5 साल से ज्यादा समय ...और देखें

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