Success Story: किसान के बेटे ने बिना कोचिंग दो बार क्रैक किया UPSC, IPS दीपक कुमार से जानें सफल होने का मंत्र

Success Story of IPS Officer Deepak Kumar: आईजी रेंज आगरा पद पर तैनात आईपीएस दीपक कुमार का नाम देश के टॉप आईपीएस अधिकारियों में शामिल है। बिहार के बेगूसराय के रहने वाले दीपक कुमार की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है। Times Now Navbharat से खास बातचीत में आईपीएस दीपक कुमार ने अपने यूपीएससी सफर के बारे में बताया।

IPS Deepak Kumar

Story if IPS Deepak Kumar IG Range Agra: कहते हैं अगर आपका आत्मविश्वास मजबूत है तो आपको सफलता जरूर मिलती है। इस कथन का सबसे बड़ा उदाहरण हैं आईपीएस ऑफिसर दीपक कुमार। बिहार के बेगुसराय से निकलकर देश की सबसे कठिन परीक्षा पहले प्रयास में क्रैक करना और देश के टॉप आईपीएस ऑफिसर की लिस्ट में शामिल होना, ये सभी उपलब्धियां आईपीएस दीपक कुमार के नाम में जुड़ चुका है। साल 2003 बैच के आईपीएस दीपक कुमार IG रेंज आगरा के पद पर तैनात हैं। Times Now Navbharat से खास बातचीत में आईपीएस दीपक कुमार ने अपने यूपीएससी सफर के बारे में बताया। अगर आप सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या करने का सोच रहे हैं तो आईपीएस दीपक की कहानी आपको सफलता दिलाने में हर तरीके से मदद करेगी। आइए उनके संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।

किसान परिवार के दीपक कुमार

आईपीएस दीपक कुमार एक किसान परिवार से आते हैं। उनका जन्म बिहार के बेगूसराय में हुआ है। दीपक कुमार की स्कूलिंग मशहूर आवासीय विद्यालय नेतरहाट से हुई है। वो बताते हैं कि नेतरहाट स्कूल ने देश में कई बड़े आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स दिए हैं। ऐसे में सिविल सर्विस में जाने का विचार उनको स्कूल में ही आ गया था। स्कूलिंग के बाद दीपक कुमार दिल्ली आ गए। साल 1999 से 2002 के बीच उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। वो बताते हैं कि उनके स्कूल के समय का ही दोस्तों का ग्रुप था जो एक साथ दिल्ली सिविल सर्विस की तैयारी के लिए आया था।

IPS Deepak Kumar

बिना कोचिंग पहले प्रयास में UPSC क्रैक

स्वामी विवेकानंद को अपने जीवन का सबसे बड़ा आदर्श मानने वाले दीपक कुमार बताते हैं कि उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं की। उनको स्कूल से ही सेल्फ स्टडी की आदत लगी हुई थी। यही वजह है कि उन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पहले प्रयास में पास कर ली। साल 2003 में यूपीएससी क्रैक करने के बाद उन्हें DANIPS कैडर मिला। इसके बाद दूसरे प्रयास में उनका चयन IPS के लिए हुआ।

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