Success Story: गांव से निकलकर बनाई पहचान, सरकारी स्कूल से तय किया ग्लैमर की दुनिया तक का सफर

Success story of Roysa Rajpurohit: राजस्थान के जालोर जिले के एक छोटे से गांव शंखवाली से निकलकर मुंबई की ग्लैमर की दुनिया में पहचान बनाना सबसे बस की बात नहीं होती है लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बल पर गोपाल राज राजपुरोहित (रॉयसा राजपुरोहित) ने सफलता की नई कहानी लिख दी।

Roysa Rajpurohit

Success story of Roysa Rajpurohit: किसी भी फील्ड में करियर बनाना हो, संघर्ष करना पड़ता है। जो संघर्ष कर लेता है वो जीत हासिल करता है और जो डर जाता है वो पीछे रहा जाता है। राजस्थान के जालोर जिले के एक छोटे से गांव शंखवाली से निकलकर मुंबई की ग्लैमर की दुनिया में पहचान बनाना सबसे बस की बात नहीं होती है लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बल पर गोपाल राज राजपुरोहित (रॉयसा राजपुरोहित) ने सफलता की नई कहानी लिख दी। रॉयसा राजपुरोहित की कहानी युवाओं को प्रेरित करती है कि कैसे मेहनत से मुकाम हासिल किया जा सकता है।

ऐसे आया फिल्मी दुनिया में करियर बनाने की ख्याल

बचपन में उन्हें शाहरुख खान की फिल्म स्वदेश की शूटिंग देखने का मौका मिला। आंखों के सामने शाहरुख की अदाकारी देखकर वह प्रभावित हुए और ग्लैमर की दुनिया में करियर बनाने की ठान ली। उन्होंने 10वीं तक की शिक्षा राजकीय माध्यमिक विद्यालय शंखवाली से हासिल की और 12th किशन वीर महाविद्यालय वाई सतारा महाराष्ट्र से किया। उनका परिवार महाबलेश्वर में व्यापार करता था। रॉयसा ने बचपन में तो पुलिस की वर्दी पहनने का सपना देखा था लेकिन 12वीं तक आते आते उनका मन ग्लैमर की दुनिया में रम गया।

जुनून से पाया मुकाम

कुछ समय महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में बिताने के बाद, रॉयसा ने खुद का प्रोडक्शन हाउस रोअरिंग लायंस प्रोडक्शंस शुरू किया। इतना ही नहीं, उन्होंने "रफ कॉपी फिल्म्स" के बैनर तले भी काम शुरू किया। बॉलीवुड में उनकी एंट्री 2009 में फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी में लाइन प्रोड्यूसर के रूप में हुई। इसके बाद उन्होंने अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो टीवी शो बनाया। उन्होंने जिला गाजियाबाद और आर...राजकुमार जैसी फिल्मों में भी काम किया। उनका अगला प्रोजेक्ट 'फ्रीडम ऑफ मिडनाइट' भी जल्द ही रिलीज होने वाला है।

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