Swami Vivekananda Jayanti Essay in Hindi: जितना बड़ा संघर्ष होगा... स्वामी विवेकानंद जयंती पर देखें छोटा और सरल निबंध

Swami Vivekananda Jayanti Essay in Hindi: स्वामी विवेकानंद एक महान हिन्दू संत थे। यही वजह है कि उन्हें श्रेष्ठ युवा आदर्श कहा जाता है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day 2025) मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। विवेकानंद के विचार हर उम्र हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक होते हैं। ऐसे में उनकी जयंती पर एक सरल और संक्षिप्त निबंध यहां देख सकते हैं।

Swami Vivekananda Essay in Hindi

स्वामी विवेकानंद जयंती 2025

Swami Vivekananda Jayanti Essay: महान हिन्दू संत और नेता के रूप में दुनियाभर में अपनी पहचान बनाने वाले स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। यही वजह है कि स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day 2025) मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन होता है। ऐसे में स्वामी विवेकानंद जयंती एक सरल और संक्षिप्त निबंध यहां देख सकते हैं।

Swami Vivekananda Quotes in Hindi: स्वामी विवेकानंद के विचार

"स्वयं को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।"

"बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।"

"पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है।"

"जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।"

"जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।"

"ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।"

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Hindi Essay on Swami Vivekananda Jayanti: देखें हिंदी में निबंध

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। इनकी शिक्षा अनियमित थी, लेकिन इन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीए की डिग्री पूरी की। वे एक महान भारतीय संत, विचारक और समाज सुधारक थे। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस, ने उनके जीवन में गहरा प्रभाव डाला। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का प्रचार पूरी दुनिया में किया।

उन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उन्होंने भारत की महानता को दुनिया के सामने रखा वहां उनके भाषण ने सभी को प्रभावित किया। इस भाषण में उन्होंने कहा कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। उनके ये शब्द आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।

स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो आज भी समाज सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची सफलता सेवा और परिश्रम से मिलती है। उनका निधन 4 जुलाई 1902 को हुआ, लेकिन उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। वे हमेशा युवाओं को उनके लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देते रहेंगे। उनके जीवन और कार्यों से हमें सच्ची देशभक्ति और मानवता की सेवा का पाठ मिलता है।

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Ravi Mallick author

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