Swami Vivekananda Speech In Chicago: 130 साल पहले आज के दिन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो से भरा था हुंकार, पढ़ें विवेकानंद का सबसे चर्चित भाषण

Swami Vivekananda Speech In Chicago: आज से ठीक 130 साल पहले जब स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो से हुंकार भरा तो पूरी दुनिया भारत की मुरीद हो उठी थी। स्वामी जी धर्म, दर्शन, वेद, पुराणों, साहित्य और उपविषदों के ज्ञाता थे। यहां हम आपके लिए स्वामी विवेकानंद जी का अमेरिका के शिकागो का पूरा भाषण लेकर आए हैं।

Swami Vivekananda Speech In Chicago: यहां देखें स्वामी विवेकानंद का शिकागो की धर्म संसद में दिया गया भाषण

Swami Vivekananda Speech In Chicago: तीस वर्ष का ज्योतिपुंज था ज्ञान पुष्प का सुरभि कुंज था, मस्तक पर अरुणिम वो रेखा चकित रह गया जिसने (Swami Vivekananda Chicago Speech) देखा। जी हां हम बात कर रहे हैं वेदों के ज्ञाता और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की, जिन्होंने पश्चिमी देशों के बड़े बड़े सूट बूट वाले विद्वानों को बौना साबित कर भारत को विश्वगुरू के रूप में पुनरस्थापित (vivekananda Chicago Speech) किया था। ज्ञान परंपरा के शिखर पुरुष स्वामी विवेकानंद जी का पूरा नाम नरेंद्रनाथ (11 september 1893 Vivekananda Chicago Speech) दत्त था। आज ही के दिन ठीक 130 साल पहले जब स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो से हुंकार भरा तो पूरी दुनिया भारत की मुरीद हो उठी थी। सनातन संस्कृति के एक संदेशवाहक के रूप में उन्होंने पूरी दुनिया में भारत का परचम बुलंद कर दिया था।

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स्वामी विवेकानंद के इस भाषण को आज भी ऐतिहासिक भाषण के तौरा पर याद किया जाता है। अमेरिकी अखबारों ने विश्व धर्म संसद के बाद स्वामी विवेकानंद को सबसे महान वक्ता बताया था। स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, वेद, पुराणों, साहित्य और उपविषदों के ज्ञाता थे। विवेकानंद जी का दन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने महज 25 साल की उम्र में सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य जीवन अपना लिया था। स्वामी जी ने अपना पूरा जीवन ईश्वर की भक्ति और मानव जाति की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। यहां हम आपके लिए स्वामी विवेकानंद के शिकागो का पूरा भाषण लेकर आए हैं।

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Swami Vivekananda Speech In Chicago: मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनोंविश्व धर्म संसद के मंच से जब स्वामी जी का नाम पुकारा गया तो, हॉल में बैठे सभी लोग उनको देखने के लिए उतावले हो उठे। स्वामी जी अकेले मंच पर चलकर नहीं आए बल्कि उनके साथ भारत की सनातन संस्कृति और लाखों वर्षों का इतिहास भी मंच तक आ पहुंचा। पूरे विश्व की नजर मंच की ओर थी कि, अब भारत क्या बोलेगा। स्वामी विवेकानंद मंच पर पहुंचे तो, लेकिन पहले 1 मिनट तक कुछ नहीं बोले, पूरी दुनिया की उत्सुकता बढ़ने लगी कि आखिर स्वामी जी चुप क्यों हैं।

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