Teachers Day Songs: टीचर्स डे पर स्टेज से गाएं ये गाना, हो जाएंगे सब आपके दीवाने

Teachers Day Songs, Teachers Day Songs Lyrics In Hindi: शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूल कॉलेज में तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा डांस व सॉन्ग कंपटीशन भी (Teachers Day Songs) होता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए टीचर्स डे पर शानदार सॉन्ग लेकर आए हैं।

Teachers Day Songs, Teachers Day Songs Lyrics In Hindi

Teachers Day Songs: यहां देखें टीचर्स डे पर शानदार सॉन्ग और गीत

Teachers Day Songs, Teachers Day Songs Lyrics In Hindi: भारत के पूर्व राष्ट्रपति व प्रथम उप राष्ट्रपति के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया (Teachers Day Songs) जाता है। वह भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू (Teachers Day Songs Lyrics) विचारक थे। उन्होंने अपना आधे से ज्यादा जीवन शिक्षक के रूप में देश को समर्पित कर (Teachers Day Songs For Students) दिया था। कहा जाता है कि जब वह राष्ट्रपति बने तो उनके शिष्यों ने उनका जन्मदिवस मनाने के लिए पूछा तो उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए (Teachers Day Songs For Kids) कहा था कि वह चाहते हैं कि उनका जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। इस दिन के बाद से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूर्ण रूप से शिक्षकों को समर्पित होता है। इस खास अवसर पर स्कूल कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में यहां हम आपके लिए टीचर्स डे पर शानदार सॉन्ग के लिरिक्स लेकर आए हैं।

Teachers Day Songs, Teachers Day Songs Lyrics In Hindi

तारे जमीं पर (Taare Jameen Par)

देखो इन्हें ये हैं ओस की बूँदें
पत्तों की गोद में आसमाँ से कूदें
अंगड़ायी लें फिर करवट बदल कर
नाज़ुक से मोती हँस दें फिसल कर
खो न जाएँ ये तारे ज़मीं पर
ये तो हैं सर्दी में धूप की किरनें
उतरें जो आँगन को सुनहरा-सा करने
मन के अँधेरों को रौशन-सा कर देँ
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल देँ
खो न जाएँ ये तारे ज़मीं पर
जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया
पर निंदिया में मीठा-सा सपना
और सपने में मिल जाये फ़रिश्ता-सा कोई
जैसे रंगों भरी पिचकारी
जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई
ये तो आशा की लहर है
ये तो उम्मीद की सहर है
ख़ुशियों की नहर है
खो न जाएँ ये तारे ज़मीं पर
देखो रातों के सीने पे ये तो
झिल-मिल किसी लौ से उगे हैं
ये तो अँबिया की ख़ुशबू हैं बागों से बह चले
जैसे काँच की चूड़ी के टुकड़े
जैसे खिले खिले फूलों के मुखड़े
जैसे बंसी कोई बजाये पेड़ों के तले
ये तो झोंके हैं पवन के
हैं ये घुँघरू जीवन के
ये तो सुर हैं चमन के
खो न जाएँ ये तारे ज़मीं पर
मोहल्ले की रौनक गलियाँ हैं जैसे
खिलने की ज़िद पर कलियाँ हैं जैसे
मुट्ठी में मौसम की जैसे हवाएँ
ये है बुज़ुर्गों के दिल की दुआएँ
खो न जाएँ ये तारे ज़मीं पर
कभी बातेँ जैसे दादी-नानी
कभी छलकें जैसे मम मम पानी
कभी बन जाएँ भोले सवालों की झड़ी
सन्नाटे में हसीं के जैसे
सूने होंठों पे ख़ुशियों के जैसे
ये तो नूर हैं बरसे गर तेरी क़िस्मत हो बड़ी
जैसे झील में लहराये चंदा
जैसे भीड़ में अपने का कंधा
जैसे मन-मौजि नदिया
झाग उड़ाये कुछ कहे
जैसे बैठे-बैठे मीठी-सी झपकी
जैसे प्यार की धीमी-सी थपकी
जैसे कानों में सरगम हरदम बजती ही रहे
जैसे बरखा उड़ाती है बुँदिया

रुक जाना नहीं (Ruk Jana Nahi)

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही, ओ राही...
सूरज देख रुक गया है तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के
ओ राही, ओ राही......
साथी न कारवां है ये तेरा इम्तिहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंज़िल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही, ओ राही......
नैन आँसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं
लोगों को उनका सब कुछ देके
तू तो चला था सपने ही लेके
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही, ओ राही.......

खोलो खोलो दरवाजे (Taare Zameen Par)

खोलो खोलो दरवाज़े
पर्दे करो किनारे
खूंटे से बंधी है हवा
मिल के छुड़ाओ सारे
आ जाओ पतंग ले के
अपने ही रंग ले के
आसमाँ का शामियाना
आज हमें है सजाना
क्यूँ इस कदर, हैरान तू
मौसम का है, मेहमान तू
ओ दुनिया सजी, तेरे लिए
खुद को ज़रा पहचान तू
तू धूप है, छम से बिखर
तू है नदी, ओ बेख़बर
बह चल कहीं, उड़ चल कहीं
दिल खुश जहाँ
तेरी तो मंज़िल है वही
ओ, क्यूँ इस कदर हैरान तू
मौसम का है मेहमान तू
बासी ज़िंदगी उदासी
ताज़ी हँसने को राज़ी
गरमा गर्म सारी
अभी-अभी है उतारी
हो ज़िंदगी तो है बताशा
मीठी-मीठी सी है आशा
चख ले रख ले
हथेली से ढक ले इसे
तुझमें अगर, प्यास है
बारिश का घर, भी पास है
हो रोके तुझे, कोई क्यूँ भला
संग-संग तेरे आकाश है
तू धूप है छम से बिखर...
खुल गया आसमाँ का रस्ता देखो खुल गया
मिल गया खो गया था जो सितारा मिल गया
मिल गया
रोशन हुई, सारी ज़मीं
जगमग हुआ, सारा जहां
हो उड़ने को तू, आज़ाद है
बंधन कोई, अब है कहाँ
तू धूप है छम से बिखर...
यदि शिक्षक दिवस के अवसर पर आपने भी स्कूल में सॉन्ग कंपटीशन में हिस्सा लिया है, तो यहां आप बॉलीवुड के शानदार टीचर्स डे सॉन्ग पर एक नजर डाल सकते हैं।
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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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