UP Board 2023: यूपी बोर्ड के छात्रों के लिए बड़ी खबर! विनायक दामोदर सावरकर संग 50 महापुरुषों की पढ़ सकेंगे जीवन गाथा

UP Board 2023-24 News: यूपी बोर्ड के छात्रों के लिए बड़ी खबर आई है। अब कोर्स में विनायक दामोदर सावरकर संग 50 महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ने का मौका मिलेगा।

यूपी बोर्ड (image - canva)

मुख्य बातें
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में किया अहम बदलाव
  • कक्षा 9 से लेकर 12वीं के एक करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ेंगी महापुरुषों की जीवन गाथा
  • छात्र-छात्राओं को इस विषय में पास होना होगा अनिवार्य, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में नहीं शामिल होंगे अंक

UP Board 2023: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बच्चों को देश के महापुरुषों, क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानी, समाजसुधारक, इतिहासकार और देश की आजादी में अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले महानुभावों से रूबरू कराने के लिए उनके पाठ्यक्रम में उनकी जीवन गाथा शामिल करने के निर्देश दिये थेए ताकि बच्चे देश के स्वातंत्र्य वीरों की शौर्यगाथा से परिचित हो सकें। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद से ही इन महापुरुषों के नामों को लेकर यूपी बाेर्ड में लंबे समय से कवायद चल रही थी। इसको लेकर कुछ समय पहले यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों की ओर से महापुरुषों के नाम की सूची शासन को भेजी गई थी, जिस पर शासन की मुहर लगने के बाद यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवन गाथा शामिल करने का निर्णय लिया गया है।

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एक करोड़ से ज्यादा छात्र छात्राएं पढ़ेंगे महापुरुषों की जीवन गाथा

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यूपी बोर्ड ने नैतिक योग खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में भी इन महापुरुषों की जीवन गाथा को शामिल किया है। इन महापुरुषों की जीवन गाथा, जुलाई से स्कूलों में शुरू होने वाली पाठ्यक्रम में शामिल होगी। यह विषय सभी विद्यालयों के लिए अनिवार्य किया गया है। छात्र छात्राओं को इस विषय में पास होना अनिवार्य है। ऐसे में एक करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे। हालांकि इसके अंक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में शामिल नहीं होंगे। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम में इन महापुरुषों के नाम शामिल करते हुए उसे जारी कर दिया गया है। यूपी बोर्ड के 27 हजार से ज्यादा राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ से ज्यादा छात्र छात्राएं इन महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे।

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