UP Board Exams 2023: लिमिटेड शब्दों में देना होगा आंसर, कॉपी भरने से नहीं मिलेंगे नंबर
UP Board 2023: यदि किसी सवाल का जवाब नहीं पता तो क्या करेंगे? यूपी बोर्ड परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली है ऐसे में जो लोग सोच रहे हैं कि कुछ न कुछ लिख देंगे, लेकिन कॉपी खाली नहीं छोड़ेंगे, तो ऐसे में दांव उलटा पड़ सकता है, जान लें पहले यह नियम
लिमिटेड शब्दों में देना होगा आंसर
UP Board 2023: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में जारी बयान में कहा है, परीक्षा केंद्रों पर 50 फीसदी निरीक्षक बाहरी होंगे और जिस विषय की परीक्षा हो रही है उसके शिक्षक को ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दिशानिर्देशों की एक सूची जारी की है, जिसमें पर्यवेक्षकों को मोबाइल, कैलकुलेटर या किसी अन्य ई-डिवाइस का उपयोग करने से रोकना शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल न होने पाए। लेकिन अब एक और जानकारी आई है, जिसमें कॉपी भरने से जुड़ी जानकारी बताई गई है।
यूपी बोर्ड परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली है ऐसे में जो लोग सोच रहे हैं कि कुछ न कुछ लिख देंगे, लेकिन कॉपी खाली नहीं छोड़ेंगे, तो ऐसे में दांव उलटा पड़ सकता है। इसलिए परीक्षा शुरू होने से पहले जरूर यहां दी गई जानकारी को गांठ बांध लें।
कॉपी भरने पर न दें जोर
UP Board 2023 की परीक्षा देने जा रहे छात्र ध्यान दें कि कॉपी भरने पर जोर न दें, इससे मेहनत गलत दिशा में जाएगी और बदले में नंबर भी नहीं मिलेगा। इस बार स्मार्ट तरीके से आंसर करने की जरूरत है, यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 में स्टूडेंट्स को लिमिटेड शब्दों में आंसर करना है, बता दें, सवाल में ही इस बात का जिक्र किया जाएगा कि उसका उत्तर कितने शब्दों में देना है। हालांकि चार-आठ शब्द ज्यादा कर सकते हैं, लेकिन इन मानकों को ध्यान में रखना जरूरी होगा।
नहीं मिलेगा नंबर
यदि आंसर नहीं आता है और कुछ भी लिखकर कॉपी भरने की सोच रहे हैं तो अभी से अपने मित्रों को भी इस बात से अवगत करा दें, कि ऐसी स्थिति में नंबर नहीं मिलेंगे। ऐसे में आपको शब्दों की सीमा का खास ध्यान रखने की जरूरत है।
क्या करना चाहिए छात्रों को
छात्र चाहें तो सही प्रैक्टिस के लिए अभी से सैंपर पेपर को हल करें, उसका अभ्यास करें, और इस दौरान ऐसे सैंपल पेपर दें, जैसे यही बोर्ड परीक्षा है, इससे समय के अंदर पेपर देने का तरीका और शब्दों की सीमा को समझा जा सकेगा।
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि किसी भी परीक्षार्थी की पुरुष निरीक्षक द्वारा तलाशी नहीं ली जाएगी। साथ ही जिन केंद्रों पर छात्राएं परीक्षा दे रही हैं, वहां महिला पर्यवेक्षक तैनात की जाएंगी। बयान में कहा गया है कि निहित स्वार्थ के लिए किसी भी शिक्षक को उसके अनुरोध पर किसी विशेष परीक्षा केंद्र पर नियुक्त नहीं किया जाएगा।
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नीलाक्ष सिंह author
उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्र...और देखें
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