UPPSC PCS and RO ARO Exam: विरोध प्रदर्शन के बीच आयोग ने दिया जवाब, परीक्षाओं को लेकर कही ये बात

UPPSC PCS and RO ARO Exam: प्रयागराज में यूपीपीएससी कार्यालय के सामने हजारों छात्रों का प्रदर्शन जारी है। छात्र पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा को एक ही दिन कराने की मांग कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बयान जारी किया है।

UP PCS AND RO ARO Exam

UPPSC PCS and RO ARO Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने परीक्षाओं की शुचिता और अभ्यर्थियों की सुविधा को अपनी प्राथमिकता बताया है। आयोग की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा जताए जा रहे असंतोष पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है, जहाँ किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है। पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केन्द्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियाँ संज्ञान में आयी हैं, जिससे योग्य छात्रों के भविष्य अनिश्चित्ता बन जाती है। इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केन्द्रों को हटाया गया है।

सोमवार को जारी बयान में आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षा आयोजन के संबंध में शुचिता व गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बस अड्डा/रेलवे स्टेशन/कोषागार के 10 किलोमीटर परिधि में राजकीय एवं वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाओं जो पूर्व में संदिग्ध व विवादित या काली सूची में न हो, को ही परीक्षा केन्द्र बनाया जा रहा है। अभ्यर्थियों की मांग पर ही परीक्षा की शुचिता एवं गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि परीक्षा की शुचिता एवं गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है कि जहां 05 लाख से अधिक अभ्यर्थी हैं, वहां परीक्षा एक से अधिक पालियों में कराई जाने की व्यवस्था लागू की गई है। इसी के तहत, पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 07 और 08 दिसंबर को 02 दिवसों में और आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा 2023 को 22 व 23 दिसंबर को तीन पालियों में कराए जाने का निर्णय लिया गया।

आयोग के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि जहां किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एकाधिक दिवसों/पालियों में परीक्षायें आयोजित करायी जाती हैं, वहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रसामान्यीकरण की प्रक्रिया अपनायी जानी आवश्यक है, जैसा कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों, आयोगों आदि में अपनायी जाती है। मा. न्यायालय के विभिन्न निर्णयों द्वारा व्याख्यायित भी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट परीक्षा हेतु गठित राधाकृष्णन कमेटी द्वारा भी दो पालियों में परीक्षा कराने की अनुशंसा की गई है, वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा भी दो पालियों में कराई गई।

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