यूपी के परिषदीय स्कूलों में लागू होगा अर्ली वार्निंग सिस्टम, नीदरलैंड्स के मॉडल को लागू करेगी योगी सरकार

यूपी के परिषदीय स्कूलों में नीदरलैंड्स के अर्ली वार्निंग सिस्टम को लागू करने पर चल रहा विचार। बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में 12 सदस्यों की एक टीम मार्च में करेगी नीदरलैंड्स का दौरा। अर्ली वार्निंग सिस्टम को समझकर इसे यूपी में लागू किए जाने पर सरकार करेगी मंथन।

Early Warning System in UP Schools: योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश के हर बच्चे को शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में कई अवेयरनेस कैंपेन चलाए जा रहे हैं, जिनके तहत पेरेंट्स को बच्चों के जीवन में शिक्षा का महत्व समझाया जा रहा है। हर तबके के बच्चों को स्कूल लाने के साथ-साथ सरकार का फोकस उन बच्चों को भी स्कूल वापस लाने का है, जो किसी न किसी वजह से बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं। अब योगी सरकार इसके लिए अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत नीदरलैंड्स के अर्ली वार्निंग सिस्टम को उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने की रूपरेखा बनाई जा रही है।

नीदरलैंड्स के इस सिस्टम को समझने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री समेत 12 लोगों की टीम मार्च में नीदरलैंड्स जाएगी। सिस्टम को समझने के बाद जब यह टीम वापस लौटेगी तब इसे किस तरह प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में लागू किया जाए, इस पर गहन विमर्श होगा। संभावना है कि इस साल के अंत तक इस सिस्टम के माध्यम से स्कूल बीच में छोड़ने वाले बच्चों की मॉनीटरिंग और ट्रैकिंग शुरू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार की मंशा के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग हर वर्ष हाउसहोल्ड सर्वे कराता है।

इस सर्वे के अनुसार 2020-21 में 4.81 लाख, 2021-22 में 4 लाख से अधिक और 2022-23 में 3.30 लाख बच्चे बीच में स्कूल छोड़ गए। 6 से 14 वर्ष की आयु वाले इन बच्चों का दोबारा स्कूल में दाखिला कराया गया है और अब प्रदेश सरकार ऐसे सिस्टम पर काम कर रही है ताकि बच्चों के स्कूल बीच में छोड़ते ही 40 दिन के अंदर इसकी ट्रैकिंग शुरू हो जाए और उनकी समस्या का निराकरण करते हुए उनकी जल्द से जल्द स्कूल में वापसी कराई जा सके।

End Of Feed