उत्तराखंड में नए शैक्षणिक सत्र से ही कम होगा बस्तों का बोझ, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

Uttarakhand Govt will reduce weight of school bags: शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय में स्कूली बच्चों का बोझ करने करने को लेकर राज्य में संचालित विभिन्न बोडों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

School Bag Weight Norms

School Bag Weight Norms

तस्वीर साभार : IANS

Uttarakhand Govt will reduce weight of school bags: उत्तराखंड में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के स्कूली बस्तों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए अब राज्य सरकार चिंतित नज़र आ रही है। यही कारण है कि राज्य सरकार अब इन बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने के लिए जल्द ही नए दिशा निर्देश जारी करने वाली है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इससे संबंधित प्रस्ताव को जल्द तैयार कर शासन को उपलब्ध करने के निर्देश दिए हैं। बस्ते के बोझ कम करने संबंधी आदेशों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षाधिकारियों की होगी। साथ ही प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में तैनात संविदा व नियत वेतनमान पर कार्यरत अस्थाई शिक्षिकाओं को भी मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जायेगा।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय में स्कूली बच्चों का बोझ करने करने को लेकर राज्य में संचालित विभिन्न बोडों के अधिकारियों के साथ बैठक की। निर्णय लिया गया कि नई शिक्षा नीति-2020 एवं भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य के सभी विद्यालयों में स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ घटाकर निर्धारित मानकों के अनुरूप रखा जायेगा। इसके लिये एससीईआरटी उत्तराखंड के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दे दिये गये हैं।

शासन से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद आगामी सत्र से ही नई व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा, जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षाधिकारियों की होगी। 26 जनवरी 2024 तक पूरे प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों, प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों एवं अभिभावकों के साथ जिला व राज्य स्तर पर बैठकों का आयोजन कर जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में आईसीएसई, सीबीएसई, उत्तराखंड बोर्ड, एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड के तहत कक्षा 1 से 12 तक के निजी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं जिसमें अध्ययन करने वाले बच्चों के बस्ते का बोझ उनकी क्षमता से भी कई गुना अधिक है जिसको कम करने के लिये नई शिक्षा नीति-2020 में भी सिफारिश की गई है। राज्य में आगामी शैक्षणिक सत्र से ही बस्ते का बोझ कम करने संबंधी आदेशों का सख्ती से पालन कराया जायेगा।

डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत संविदा व अस्थाई शिक्षिकाओं को अन्य कार्मिकों की भांति मातृत्व अवकाश भी दिया जायेगा। इस संबंध में विभागीय स्तर से सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिये जायेंगे।

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