भारत में एंटरप्रॉन्योरशिप डेवलपमेंट से जुड़े मौजूदा ट्रैंड क्या हैं?

इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत में आज 5,694 सक्रिय निवेशक हैं और 38 हजार से ज़्यादा स्टार्टअप हैं। इसलिए, एंटरप्रॉन्योरशिप और स्टार्टअप का ट्रेंड बढ़ रहा है।

What are the Current Trends in Entrepreneurship Development in India

What are the Current Trends in Entrepreneurship Development in India

वो दिन गए जब भारत में दुनिया की सबसे कम उद्यमी गतिविधियां होती थी और महज 5% भारतीयों के खुद के व्यवसाय थे । आज के वक्त में माहौल पूरी तरह से बदल गया है। इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत में आज 5,694 सक्रिय निवेशक हैं और 38 हजार से ज़्यादा स्टार्टअप हैं। इसलिए, एंटरप्रॉन्योरशिप और स्टार्टअप का ट्रेंड बढ़ रहा है। हालांकि, कोई व्यवसाय सफलतापूर्वक चलाना या कोई नया व्यवसाय शुरू करना तब सही लगता है जब आप एंटरप्रॉन्योरशिप से जुड़े ट्रैंड से अपडेट हों और व्यवसाय की समझ विकसित कर लें।
एंटरप्रॉन्योरशिप डेवलपमेंट में एग्जिक्युटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम (ईएमपीईडी) एंटरप्रॉन्योर बनने की इच्छा रखने वालों के लिए एक आदर्श पाठ्यक्रम है। ये पाठ्यक्रम आपको सिर्फ "एंटरप्रॉन्योर डेवलपमेंट क्या है?" ये नहीं बताता, बल्कि ये इस पाठ्यक्रम को करने वालों के कौशल को निखार कर अपने व्यवसाय में अमल में लाना सिखाता है ।

एंटरप्रॉन्योरशिप डेवलपमेंट में मौजूदा ट्रैंड के बारे में जानें

  • स्टार्टअप इंडिया का शुभारंभ
  • सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग पर बढ़ते खर्च
  • सेल बढ़ाने में माइक्र इन्फ्लुएंसर की मदद
  • एंटरप्रॉन्योर समुदाय का विकास
ये ट्रैंड व्यवसाय की दुनिया के उन परिवर्तनों को जानने में मदद करेंगे जो सही व्यावयिक निर्णय लेने में मदद करते हैं।

स्टार्टअप इंडिया का शुभारंभ

भारत में स्टार्ट्प इकोसिस्टम बदल रहा है और एसएमई या छोटे और मध्यम एंटरप्राइजेस दशकों पहले की स्थिति से कही बेहतर हालात में हैं। सरकार ने कई कदम उठाएं है और देश में स्टार्टअप के लिए मददगार ईकोसिस्टम तैयार किया है। इसके साथ ही उन्होंने ने एक नया पोर्टल स्टार्टअप इंडिया भी लॉन्च किया है ताकि देश में स्टार्टअप का विकास हो सके। नई तकनीक, ग्राहक के फायदे वाली मानसिकता, नई टैक्स पॉलिसी, और जीएसटी में राहत, व्यवसाय रजिस्ट्रेशन में आसानी, आज के समय में देश की अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप अहम भूमिका निभा रहे हैं। नए इनोवेटिव व्यवसाय लगातार सामने आ रहे हैं और एंटरप्रॉन्योरशिप के बारे में जानकारी लेने की आवश्यकता बढ़ रही है। अधिक महत्वपूर्ण क्षमता वाले स्टार्टअप्स को तेजी से अपनाया जाएगा, और बड़े निवेशक छोटे स्टार्टअप्स और उद्यमियों को फंड देंगे।
पहले, स्टार्टअप में इस तरह के निवेश फैंसी निवेश माने जाते थे लेकिन, आज के वक्त में एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप (ऐसा स्टार्टअप जिसे 1 अरब डॉलर का निवेश मिला हो) 6 महीने के भीतर एक मध्यम आकार के व्यवसाय का रूप ले लेता है। आईआईटी दिल्ली जैसे अधिमूल्य संस्थानों ने इस बात पर जोर दिया है कि जो लोग अपने खुद के बॉस बनना चाहते हैं और सफल होना चाहते हैं, उन्हें एंटरप्रॉन्योरियल इकोसिस्टम और वेंचर क्रिएशन, एंटरप्रॉन्योरियल ऑपरेशंस और डिसिजन, एंटरप्रॉन्योरियल फाइनेंस, ग्रोइंग एंड स्केलिंग अप एंटरप्रॉन्योरियल वेंचर्स, एंटरप्रॉन्योरियल फेल्योर मैनेजमेंट और भी बहुत कुछ के बारे में जानना चाहिए।

सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग पर बढ़ते खर्च

भारत में सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की संख्या 7.8 करोड़ है। 2020 की तुलना में 2021 में यह 21% बढ़ गई। Statista.com के अनुसार, भारत में सोशल मीडिया विज्ञापन खर्च 2021 में 86.3 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। अगर हमें भारत में स्टार्टअप उछाल के लिए किसी एक महत्वपूर्ण ड्राइवर को चुनना है, तो इसमें सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। डिजिटलीकरण ने उद्यमियों के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है। कंपनियां सोशल और डिजिटल मीडिया मार्केटिंग पर अधिक खर्च कर रही हैं क्योंकि वे उपभोक्ता व्यवहार के अनुसार सोशल मीडिया पर अपने विज्ञापन और मार्केटिंग रणनीति का अनुकूलन कर सकती हैं। इसके अलावा, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं के वास्तविक समय के आंकड़े प्रदान कर सकते हैं, और वे आपके विज्ञापनों को अपने उपयोगकर्ता के प्रोफ़ाइल पर दिखाएंगे जो आपके द्वारा प्रदान किए जाने वाले समान प्रकार के उत्पादों और सेवाओं में रुचि रखते हैं, तो आप इन डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने संभावित ग्राहकों तक आसानी से पहुंच सकते हैं, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने ब्रांड और उत्पादों को बढ़ावा देकर अपनी मार्केटिंग लागत को कम कर सकते हैं।

नई तकनीकी में विकास

एंटरप्रॉन्योर्स के लिए तकनीकी के लिए वरदान साबित हुई है; वे अब अपना नाम स्थापित करने और ब्रांड अवेरनेस उत्पन्न करने के लिए एप्लिकेशन और वेबसाइट बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। भारतीय ऐप बाजार भी मजबूत हो रहा है और आने वाले वर्षों में इसके और मजबूत होने का अनुमान है। गूगल प्ले स्टोर पर 28,000 से ज़्यादा भारतीय ऐप पब्लिशर्स के साथ भारत का ऐप बाज़ार दुनिया में अग्रणी है। मौजूदा चलन को देखते हुए उद्यमी भी ब्रांडिंग के लिए प्ले स्टोर पर अपना ऐप रखने की होड़ में हैं। इसके अलावा, 2022 में मोबाइल विज्ञापनों पर खर्च 45% से बढ़कर 65% होने का अनुमान है। व्यावसायिक नेटवर्किंग और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया आन्त्रप्रेन्योर के अलावा, कुछ ने अकेले सोशल मीडिया पर अपना करियर बनाया है। यूटूबर्स और ब्लॉगर्स इसके अच्छे उदाहरण हैं। सोशल मीडिया लोकप्रिय है क्योंकि इसकी पहुंच प्रभावशाली है। IBEF.org के अनुसार, 2020 की अंतिम तिमाही में ईकामर्स की बिक्री में 36% की वृद्धि हुई। साथ ही, बढ़ती डिजिटल साक्षरता और स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के साथ, ईकामर्स निवेश में वृद्धि हुई है, जिसमें कई छोटे और बड़े नए खिलाड़ी अपनी डिजिटल उपस्थिति के लिए तैयार हैं। आने वाले वर्षों में ईकॉमर्स की बिक्री में और तेजी आने की उम्मीद है। भारतीय ईकामर्स उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2017 के 38.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की संभावना है।

सेल बढ़ाने के लिए इंफ्लुएंसर बन रहे मददगार

इन्फ्लुएंसर वे लोग होते हैं जिनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अच्छी संख्या में फॉलोअर्स होते हैं। वे कोई सेलिब्रिटी, म्यूजिक स्टार या ट्यूटर हो सकते हैं। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, उपभोक्ता अपने दोस्तों और परिवार से मौखिक अनुशंसा पर भरोसा करते हैं, ऐसे ही माइक्रो इंफ्लुएंसर काम करते हैं। माइक्रो-इन्फ्लुएंसर सेलिब्रिटी नहीं हैं, वे सामान्य लोग हैं जो किसी विषय या विषय के बारे में खास कॉन्टेंट बना सकते हैं। उनके फॉलोअर्स की संख्या बहुत कम है, एंगेजमेंट रेट ज्यादा है और वे अपने फॉलोअर्स के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। यदि आपके पास अपनी मार्केटिंग के लिए एक सीमित बजट है, तो आप एक माइक्रो-इन्फ्लुएंसर की मदद ले सकते हैं क्योंकि वे आपके ब्रांड को मौखिक विपणन अभियान के माध्यम से स्थापित करने में मदद कर सकते हैं।

एंटरप्रॉन्योर कम्युनिटी का विकास

एंटरप्रॉन्योर कम्युनिटी ऐसा मंच हैं जहां एक जैसे उद्योग के ऐक जैसी विचारधारा वाले लोग एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। आन्त्रप्रेन्योर के लिए एक पेशेवर समुदाय में शामिल होने के कई लाभ हैं जैसे ज्ञान साझा करना, मूल्यवान सुझाव प्राप्त करना, नए ट्रैंड्स के बारे में अपडेट रहना, व्यावसायिक मुद्दों को हल करना, गलतियों से सीखना, नए कौशल सीखना, अधिक व्यवसाय प्राप्त करना, अच्छे विचार प्राप्त करना और व्यावसायिक नेटवर्किंग।
इतने सारे फायदों की वजह से एंटरप्रॉन्योर और व्यवसाय कम्युनिटी में बढ़ोतरी हुई है। उपरोक्त चर्चा में भारत के बदलते मार्केट सिनेरियो और स्टार्टअप सहित आन्त्रप्रेन्योर के लिए बढ़ते अवसरों पर प्रकाश डाला गया है। व्यवसाय शुरू करने के लिए न केवल धन और व्यवसाय योजना की आवश्यकता होती है बल्कि कार्य की सही योजना की भी आवश्यकता होती है।
एक अच्छा एंटरप्रॉन्योरशिप लर्निंग प्रोग्राम इन सभी पहलुओं को शामिल करता है। यह आपको उचित मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करता है जो व्यवसाय स्थापित करने में मदद करता है। इससे पहले कि आप एक नया व्यवसाय शुरू करें, आपको निवेशक इकोसिस्टम, एंटरप्रॉन्योर डेवलपमेंट और अन्य संबंधित कंसेप्ट के बारे में जानना होगा। फिर, आप अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आईआईटी दिल्ली द्वारा प्रस्तुत एंटरप्रॉन्योर डेवलपमेंट में एग्जिक्युटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम में शामिल हो सकते हैं। इस सर्टिफिकेट कोर्स के बारे में अधिक जानने के लिए आप TimesPro के वेबसाइट पर जा कर और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
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