World Bamboo Day 2024: विश्व बांस दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानें इसका इतिहास
World Bamboo Day 2024 History: विश्व बांस दिवस हर साल 18 सितंबर को मनाया जाएगा। सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों को ध्यान देने की जरूरत है कि महत्वपूर्ण दिवस को लेकर जरूर से प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आज इस लेख से जानें विश्व बांस दिवस कब मनाया जाता है, विश्व बांस दिवस क्यों मनाया जाता है? विश्व बांस दिवस का इतिहास
विश्व बांस दिवस 2024 (image - canva)
World Bamboo Day 2024 History, World Bamboo Day Kab aur Kyo Manaya Jaata hai: विश्व बांस दिवस हर साल 18 सितंबर को मनाया जाएगा। सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों को ध्यान देने की जरूरत है कि महत्वपूर्ण दिवस को लेकर जरूर से प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आज इस लेख से जानें विश्व बांस दिवस कब मनाया जाता है, विश्व बांस दिवस क्यों मनाया जाता है? विश्व बांस दिवस का इतिहास
विश्व बांस दिवस क्यों मनाया जाता है? - Vishva Bans Divas Kab Manata Jaata Hai?
World Bamboo Day Kyon Manaya Jaata hai? बांस को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 सितंबर को 'विश्व बांस दिवस' मनाया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं, बांस एक घास है नाकि पेड़ नहीं। हालांकि यह अपने आकार और दिखावट के कारण पेड़ जैसा दिख सकता है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसे घास के परिवार पोएसी, उपपरिवार बम्बुसोइडी के सदस्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
विश्व बांस दिवस का इतिहास - Vishva Bans Divas ka Itihas/ World Bamboo DayHistory
World Bamboo Day History in Hindi: विश्व बांस दिवस की शुरुआत 2009 में बैकॉक में आयोजित 'विश्व बांस कांग्रेस' के दौरान वर्ल्ड बैंबू एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष कामेश सलम ने की थी। इस दिवस को बांस उद्योग को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए मनाया जाता है। बांस ग्रैमिनी कुल अर्थात घास कुल का पौधा है, यह प्राकृतिक रूप से उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
विषमतम परिस्थितियों में रहता है जिंदा - Vishva Bans Divas 2024, World Bamboo Day2024
खास बात यह है कि बांस का पौधा विषमतम परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता है। यह गंभीर आपदाओं और भारी नुकसान के बाद भी फिर से उग आता है। बांस की लंबाई बौनी प्रजातियों में कुछ सेंटीमीटर से लेकर लंबी प्रजातियों में 30 मीटर तक होती है।
मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर - Vishva Bans Divas Kyon Manaya Jata hai
दरअसल, बांस प्राचीन समय से ही मानव सभ्यता का अभिन्न हिस्सा रहा है, जो मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके साथ जुड़ा हुआ है। औद्योगिक क्रांति के बाद बांस ने दुनिया भर के कल-कारखानों में खास पहचान बनाई। अगर भारत की बात करें तो यहां पर हर साल 1.35 करोड़ टन बांस का उत्पादन होता है। देश का उत्तर पूर्वी क्षेत्र बांस के उत्पादन में काफी समृद्ध है। यह इलाका देश का 65 प्रतिशत और विश्व के 20 प्रतिशत बांस का उत्पादन करता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एजुकेशन (education News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
नीलाक्ष सिंह author
उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
UP School Closed Today: बिग अपडेट! कानपुर, आगरा मथुरा समेत यूपी के इन जिलों में आज बंद रहेंगे स्कूल
Bihar School Closed: गंगा नदी में उफान से बाढ़ जैसे हालात, पटना जिले के 76 स्कूल 21 सितंबर तक रहेंगे बंद
UP School Closed: यूपी में भारी बारिश का कहर जारी, कल इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल
UGC NET Result 2024: जारी होने जा रहा यूजीसी नेट रिजल्ट, ugcnet.nta.ac.in से ऐसे करें डाउनलोड
RSMSSB CET Admit Card 2024: राजस्थान सीईटी एडमिट कार्ड लिंक, एक क्लिक से ऐसे करें डाउनलोड
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited