Independence Day 2023 Interesting Fact: क्यों कलकत्ता की सड़कों पर लगे ‘गांधी वापस जाओ' के नारे, जानें दिलचस्प किस्सा

Gandhi go Back : प्रतियोगिता परीक्षा में किसी भी यादगार व एतिहासिक किस्से को घुमाफिरा कर पूछा जा सकता है, ऐसे में आज हम जानेंगे ‘गांधी वापस जाओ' का नारा कैसे आया, व इसके पीछे का कारण क्या था।

गांधी वापस जाओ (image - canva)

Independence Day 2023 History, Where it came 'Gandhi go Back' : भारत के आजाद होने से दो दिन पहले, महात्मा गांधी विश्व युद्ध-पूर्व के ‘कैडिलैक’ वाहन से कोलकाता के बेलियाघाट पहुंचे। महानगर की घनी आबादी वाला यह इलाका दंगों का केंद्र बना हुआ था और यहां उनके जीवन में पहली बार भीड़ ने उनका स्वागत ‘गांधी वापस जाओ’ के नारों से किया। महात्मा गांधी शांति लाने की कोशिश के तहत शहर में मियागंज की विशाल मुस्लिम झुग्गी और एक निम्न मध्यम वर्गीय हिंदू इलाके के बीच स्थित बेलियाघाट की एक जीर्ण-शीर्ण एक मंजिला इमारत में रहने के लिये पहुंचे थे।
कुछ दशकों पहले तक भारत की राजधानी और देश के राजनीतिक, सांस्कृतिक व औद्योगिक पुनर्जागरण का केंद्र रहा कलकत्ता (अब कोलकाता) आजादी की पूर्व संध्या पर दंगों की आग में झुलस रहा था। हैदरी मंजिल नाम का वह घर जिसमें महात्मा गांधी रुके थे उसका चयन बंगाल के पूर्व मुस्लिम लीग प्रमुख हुसैन सुहरावर्दी ने किया था। सुहरावर्दी के अनुरोध पर ही गांधी “उस समय पृथ्वी पर सबसे अशांत शहर” में शांति लाने के प्रयास करने के लिये कलकत्ता आने पर सहमत हुए थे। लॉर्ड लुई माउंटबेटन ने महात्मा गांधी को ‘वन मैन बाउंड्री फोर्स’ करार दिया था।
‘गांधी भवन’ (हैदरी मंजिल को दिया गया नया नाम) का संचालन करने वाले ‘पूर्ब कालिकाता गांधी स्मारक समिति’ के सचिव पापरी सरकार ने कहा, “गांधीजी बाहर आए और उनके खिलाफ जुटी भीड़ को शांत किया... यह इस शहर में ‘वन मैन पीस आर्मी’ (एक सदस्यीय शांति सेना) के काम की शुरुआत थी।”
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