Women's Day 2024 Special: विदेश में दहाड़ने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी, जानें कहां से की है पढ़ाई

International Women's Day 2024 Special: भारत की पहली महिला फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी ने विदेशी धरती पर भी फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाकर देश का नाम ऊंचा किया है। महज 23 की उम्र में फाइटर पायलट बनकर अवनि ने इतिहास रच दिया था। आइए उनके संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।

Avani Story.

भारत की पहली महिला फाइटर पायलट अवनि

First Female Fighter Pilot of India: कहते हैं अगर हौसले बुलंद हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है। ऐसे ही कथनों को सच साबित करती है देश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी की कहानी। 8 मार्च को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। ऐसे में विदेशी धरती पर भारत का नाम रोशन करने वाली अवनि चतुर्वेदी की कहानी युवाओं को जरूर जाननी चाहिए।

फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी ने आसमान की ऊंचाइयों को छूकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने जापान में एक युद्धाभ्यास में फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाकर भारत का नाम ऊंचा किया है। आज उनकी बहादुरी पर पूरा देश गौरव महसूस करता है। आइए उनकी सफलता और संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।

मध्य प्रदेश की रहने वाली

अवनि चतुर्वेदी मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। उनका जन्म 27 अक्टूबर 1993 को हुआ है। उनकी स्कूलिंग मध्य प्रदेश में हुई है। एक मध्यम परिवार से आने वाली अवनि शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। यही वजह है कि 10वीं और 12वीं में वो स्कूल में टॉपर रही हैं।

अवनि के पिता एक इंजीनियर हैं और उनकी मां गृहिणी हैं। अवनि का एक बड़ा भाई भी है जो भारतीय सेना में तैनात हैं। मध्य प्रदेश में स्कूलिंग करने के बाद अवनि ने वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान में इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। इंजीनियरिंग करने के बाद अवनि ने एयरफोर्स में जाने वाली टेक्निकल परीक्षा पास की।

भाई से मिली प्रेरणा

अवनि बताती हैं कि उनको सेना में जाने की प्रेरणा उनके भाई से मिली। कॉलेज में ही अवनि ने कॉलेज के फ्लाइंग क्लब को ज्वाइन किया था। यहीं से उन्हें विमान उड़ाने की शुरुआती शिक्षा मिली थी। साल 2016 में उनका चयन इंडियन एयरफोर्स के लिए हो गया।

एयरफोर्स में सेलेक्शन के बाद अवनि चतुर्वेदी ने एयरफोर अकादमी से 6 महीने की ट्रेनिंग हासिल की। अवनि का फाइटर पायलट के ओर ज्यादा झुकाव था। यही वजह है कि वो काफी कम समय में ही एक ट्रेंड फाइटर पायलट बन गईं और लड़ाकू विमान दस्ते में शामिल हो गईं।

सोलो फाइटर पायलट

साल 2018 में अवनि चतुर्वेदी ने MIG 21 फाइटर एयरक्राफ्ट में सोलो उड़ान भरी। सोलो का अर्थ ये हुआ कि उन्होंने पहली बार बिना किसी ट्रेनर के फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाया था। यह किसी पायलट के लिए सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इसे जीरो एरर प्रोफेशन भी कह सकते हैं।

विदेश में रोशन किया भारत का नाम

अवनि चतुर्वेदी का नाम उस वक्त भी काफी चर्चा में रहा जब उन्होंने जापान में पहली बार फाइटर प्लेन उड़ाकर देश का नाम रोशन किया। पिछले साल जापान के साथ हुए वीर गार्जियन युद्धाभ्यास में सुखोई विमान को उड़ाकर अवनि चतुर्वेदी ने इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कर लिया। अवनि लड़कियों को इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन करने की सलाह देती हैं।

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Ravi Mallick author

सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी का रहने वाला हूं। यहीं से पढ़ाई की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पू...और देखें

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