World Aids Day 2022: जानें क्या है एसआईवी एड्स, इसके लक्षण व कैसे करता है शरीर पर असर

World Aids Day 2022 Date, Theme: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस भयावह बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना व एड्स मरीजों का सामाजिक बहिष्कार करने के बजाए उनके साथ अच्छा व्यवहार करना है। तथा एकजुटता के साथ इस बीमारी को मात देना है। आइए जानते हैं विश्व एड्स दिवस 2022 की थीम क्या है।

कब है विश्व एड्स दिवस 2

मुख्य बातें
  • 1 दिसंबर को मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस।
  • इसका उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना है।
  • एड्स का पूरा नाम एक्वार्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है, यह ह्यूमन डिफिशिएंसी वायरस के कारण होता है।

World Aids Day 2022 Date, Theme: आज विश्वभर में वर्ल्ड एड्स दिवस (World Aids Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचाआईवी व एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना है ताकि इस भयावह बीमारी के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 37.9 मिलियन लोग एड्स जैसी भयावह बीमारी से ग्रस्त हैं। वहीं एड्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत में एड्स के कुल मरीजों की संख्या करीब 2.35 मिलियन है। एड्स के मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा होता जा (World Aids Day 2022 Theme) रहा है। ऐसे में लोगों को इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करने व एड्स मरीजों का सामाजिक बहिष्कार करने के बजाए उनके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इस संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जाता है।

दुनियाभर के देशों में एड्स का कोई इलाज (World Aids Day 2022) नहीं है। बता दें एचआईवी के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है, जिससे यह वायरस तेजी से शरीर में फैलने लगता है। यदि शुरुआती स्टेज में इसका इलाज ना किया जाए, तो व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। आमतौर पर यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने व एचआईवी वाले व्यक्ति के संबंध में आए इंजेक्शन या उपकरण को साझा करने से फैलता है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम का संचालन करती हैं। आपको शायद ही पता होगा कि, 1 दिसंबर 1988 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिन से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

क्या है विश्व एड्स दिवस 2022 की थीमहर साल विश्व एड्स दिवस के लिए एक नई थीम रखी जाती है। इस साल की थीम है, खुद को परीक्षण में लाना एचआईवी को समाप्त करने के लिए समानता प्राप्त करना। WHO द्वारा इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं। आइए जानते हैं क्या है एड्स, इसके लक्षण और इससे कैसे बचा जाए।

क्या है AIDSएड्स का पूरा नाम एक्वार्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है, यह ह्यूमन डिफिशिएंसी वायरस के कारण होता है। यह वायरस शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति एक के बाद एक बीमारियों से पीड़ित होता जाता है। यदि शुरुआती स्टेज में इसका इलाज करवा लिया जाए, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। वहीं यदि अंतिम स्टेज पर पहुंचने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। दुनियाभर के किसी देश के पास इस बीमारी का इलाज नहीं है। यहां तक अमेरिका जैसे विकसित देश भी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं ढूंढ पाया है। ऐसे में जागरूकता ही इसका एकमात्र हथियार है।

Aids के लक्षणएचआईवी के लक्षण की बात करें, तो इसके लक्षण वायरस के शरीर में प्रवेश करने के कुछ समय बाद देखने को मिलते हैं। शुरुआत में तेज बुखार, शरीर पर चकत्ते, पसीना आना, थकान महसूस होना, उल्टी- दस्त, शरीर पर गांठे पड़ना, लगातार खुजली, आदि लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिल सकता है। यदि समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए तो, यह अपना गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसे में यदि आपने बीते दिनों असुरक्षित यौन संबंध बनाया है या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हों और ये लक्षण शरीर में देखने को मिलें तो तुरंत एड्स की जांच करवाएं और अपने डॉक्टर से सलाह लें।

World Aids Day History, विश्व एड्स दिवस का इतिहासविश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1988 में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, इस दौरान करीब 90 हजार से 1.5 लाख लोग एचआईवी से पीड़ित थे, जो एड्क का सबसे बड़ा कारण है। वहीं दो दशकों के भीतर संक्रमण दर में विस्फोटक वृद्धि हुई और करीब 33 मिलियन लोग इसके चपेट में आ गए।

वहीं एड्स के संक्रमण का पहला मामला साल 1981 में सामने आया, इस दौरान करीब 25 मिलियन लोग अपनी जान गंवा बैठे थे। इसी के मद्देनजर WHO ने लोगों को इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करने व शिक्षित करने के लिए प्रतिवर्ष एड्स दिवस मनाने की घोषणा की। इसका असर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिला है। पिछले कुछ सालों में इसके मरीजों की संख्या में कमी हुई है।

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