World Environment Day 2023: विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे दें दमदार भाषण, गूंज उठेंगी तालियां
World Environment Day 2023 Speech Essay: हर साल की तरह इस साल भी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “#BeatPlasticPollution” है। अगर भी इस अवसर पर किसी प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे तो यहां दी गई बातों को अपने निबंध या भाषण में शामिल करके आप भी लोगों का दिल जीत सकते है।
World Environment Day 2023
World Environment Day 2023 Speech Essay: पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हर साल की तरह इस साल भी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2023) मनाया जाएगा। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में सचेत करना है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सभी देश अलग अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन करते हैं। इस अवसर पर स्कूल और कॉलेजों में भी बच्चों को जागरुक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें निबंध, भाषण, पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिताए भी शामिल हैं। अगर आप भी स्कूल में विश्व पर्यावरण दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं नीचे दी गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर इनाम अपने नाम कर सकते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
पर्यावरण की अहमियत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (World Environment Day 2023 History) का आयोजन किया गया था। इसके एक साल बाद 5 जून 1973 को इसे “Only One Earth” के थीम के साथ पहली बार मनाया गया।
इस साल की थीम
हर साल पर्यावरण दिवस के लिए एक खास थीम भी तय की जाती है। इस साल की थीम (World Environment Day 2023 Theme) सॉल्यूशन टू प्लास्टिक पॉल्यूशन यानी प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण की समस्य का समाधान है। सोशल मीडिया पर “#BeatPlasticPollution” के हैश टैग के साथ अभियान भी चलाया जा रहा है। इस विषय को इसलिए चुना गया है ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसके वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
पर्यावरण को हानि
आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन दुनिया में हर साल 40 करोड़ टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है। यह कचरा हमारे पर्यावरण को भी हानि पहुंचाता है। यहीं नहीं, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के चलते लोंगो को तरह तरह की गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है।
मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर
हमें यह समझना होगा कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। ऐसे में भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों की अनदेखी न करते हुए वर्तमान मांगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के बीच संतुलन ले आना बेहद जरूरी है।
घर से करें शुरूआत
पर्यावरण को बचाने का काम हम अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं। कोशिश करें कि साल में एक पौधा जरुर लगाएं। बिजली या पानी का दुरुपयोग न करें। किसी भी तालाब या नदी को दूषित न करें। प्लास्टिक का उपयोग बंद करें दें और इसकी जगह कागज या कपड़े के थैले का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।
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