World Students' Day 2023 Date: डॉ. कलाम की जयंती पर ही क्यों मनाया जाता है विश्व छात्र दिवस, जानें इतिहास व महत्व

World Students' Day 2023 Date Importance Theme: हर साल की तरह इस साल भी देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के उपलक्ष्य में 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर आइए जानते हैं देश के पूर्व राष्ट्रपति की जिंदगी से जुड़ी खास बातें।

World Students' Day 2023

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World Students' Day 2023 Date Importance Theme: हर साल की तरह इस साल भी देश के पूर्व राष्ट्रपति, वैज्ञानिक और शिक्षक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती (Dr. APJ Abdul Kalam Birthday) के उपलक्ष्य में 15 अक्टूबर (World Students' Day 2023 Date) को विश्व छात्र दिवस मनाया जाएगा। डॉ. कलाम न केवल एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे बल्कि दुनिया भर के लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत भी थे। ऐसे में आइए जानते हैं कि डॉ. कलाम की जयंती पर ही विश्व छात्र दिवस क्यों मनाया जाता है।

डॉ. कलाम का जीवन परिचयडॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। डॉ. कलाम ने 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति का पद भी संभाला था। भारत सरकार ने उन्हें 1997 में भारत रत्न, 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। कलाम साहब की 27 जुलाई 2015 को 83 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ेने से मृत्यु हो गई थी।

2010 में हुई शुरूआत

विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरूआत 2010 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 79वें जन्मदिन पर हुई थी। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में घोषित नहीं किया है। इस दिन स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में छात्रों को प्रेरित करने के लिए प्रोग्राम, सेमिनार, वर्क शॉप्स और लेक्चर का आयोजन किया जाता है। यह खास दिन कलाम साहब के शानदार योगदान को याद करने और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है।

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

कलाम साहब को साइंस की दुनिया में मिसाइल मैन का नाम मिला था, तो राजनीतिक गलियारों में उनकी पहचान पीपल्स प्रेसिडेंट के तौर पर बनीं। उन्हें शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर जोर देने के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए कई स्कूलों और कॉलेजों का दौरा किया और छात्रों से मुलाकात की। वह हमेशा छात्रों को बड़े सपने देखने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उन्हें पढ़ाने और छात्रों के साथ बातचीत करने का इतना शौक था कि उन्होंने राष्ट्रपति का अपना कार्यकाल पूरा करने के अगले ही दिन शिक्षण पेशा फिर से शुरू कर दिया था।

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    TNN एजुकेशन डेस्क author

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