World Students' Day 2024: विश्व छात्र दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इस दिन का इतिहास व महत्व
World Students' Day 2024 Date and Theme: हर साल की तरह इस साल भी 15 अक्टूबर को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर विश्व छात्र दिवस मनाया जाएगा। इस दिन छात्रों को प्रेरित करने के लिए स्कूल और कॉलेज में प्रोग्राम, सेमिनार, वर्कशॉप्स और लेक्चर का आयोजन किया जाता है।
World Student’s Day 2024
World Students' Day 2024 Date Theme Importance Theme: देश के पूर्व राष्ट्रपति, वैज्ञानिक और शिक्षक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस (World Student's Day 2024) मनाया जाता है। कलाम साहब को साइंस की दुनिया में मिसाइल मैन का नाम मिला था, तो राजनीतिक गलियारों में उनकी पहचान पीपल्स प्रेसिडेंट के तौर पर बनीं। उन्हें शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर जोर देने के लिए भी जाना जाता था। उनके इसी योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल की तरह इस साल भी 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जा रहा है।
विश्व छात्र दिवस की थीम
विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत साल 2010 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 79वें जन्मदिन पर हुई थी। इस दिन छात्रों को प्रेरित करने के लिए स्कूल और कॉलेज में प्रोग्राम, सेमिनार, वर्कशॉप्स और लेक्चर का आयोजन किया जाता है। इस खास दिन का उद्देश्य कलाम साहब के शानदार योगदान को याद करना और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालना है। हर साल यह दिन एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व छात्र दिवस 2024 की थीम 'छात्रों के भविष्य के लिए समग्र शिक्षा' है। इसका उद्देश्य शिक्षा को केवल शैक्षिक उपलब्धियों तक सीमित न रखकर छात्रों के समग्र विकास पर जोर देना है।
डॉ. कलाम का जीवन
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और मां का नाम आशियम्मा था। डॉ. कलाम अपने पांच भाई-बहनो में सबसे छोटे थे। एजुकेशन की बात करें तो उन्होंने रामेश्वरम से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद 1954 में त्रिची के सेंट जोसेफ कॉलेज से साइंस की डिग्री हासिल की थी। फिर 1957 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
डॉ. कलाम ने 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सचिव के रूप में कार्य किया। डॉ. कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति का पद भी संभाला था। उन्होंने राष्ट्रपति का अपना कार्यकाल पूरा करने के अगले ही दिन शिक्षण पेशा फिर से शुरू कर दिया था। उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों का दौरा किया और छात्रों से मुलाकात की। वह हमेशा छात्रों को बड़े सपने देखने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
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अंकिता पाण्डेय author
मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली...और देखें
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