इन 5 लोकसभा सीटों पर अखिलेश ने बेटियों पर खेला दांव; समझिए सपा का सियासी प्लान
Daughters in Politics: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 5 लोकसभा सीट गोंडा, मछलीशहर, कैराना, मैनपुरी और गाजीपुर में बड़ा दांव खेला। कुछ सीटों पर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अखिलेश यादव की सपा ने बेटियों को टिकट दिया, तो कुछ सीटों पर बेटियों को सियासत में आगे कर दिया।
इन पांच बेटियों पर अखिलेश ने खेला दांव।
UP Politics: लोकसभा चुनाव में यूपी की अहमियत को कोई भी नकार नहीं सकता। सबसे अधिक 80 सीटों वाले इस सूबे में सियासी पार्टियां तरह-तरह का प्रयोग करती हैं, कभी संयोग तो कभी के प्रयोग के भरोसे हर कोई राजनीति में साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल करता है। कुछ इसी तरह का दांव समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी में खेला। वो ये कि उत्तर प्रदेश में सियासत की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बेटियों को आगे कर दिया।
इन पांच सीटों पर बेटियों को कर दिया आगे
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 5 लोकसभा सीट गोंडा, मछलीशहर, कैराना, मैनपुरी और गाजीपुर में बड़ा दांव खेला। कुछ सीटों पर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अखिलेश यादव की सपा ने बेटियों को टिकट दिया, तो कुछ सीटों पर बेटियों को सियासत में आगे कर दिया।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों की बेटियां अपनों की सियासत की विरासत को आगे बढ़ाती नजर आईं। इनमें से किसी बेटी ने अपने माता पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी अपने कंधों पर उठाई, तो कोई खुद चुनावी मैदान में उतरकर परिवार का मान सम्मान बढ़ाने में लगी रहीं। सपा ने बेटियों को लोकसभा का टिकट देकर उन पर अपना विश्वास जताया है। आपको ऐसी ही 5 बेटियों के बारे में बताते हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री श्रेया वर्मा
समाजवादी पार्टी ने पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री श्रेया वर्मा को गोंडा से टिकट दिया। गोंडा के पड़ोसी जिला बाराबंकी की रहने वाली श्रेया ने स्कूली पढ़ाई वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून से की है। दिल्ली के रामजस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स करने वाली श्रेया वर्मा ने राजनीति की शिक्षा अपने बाबा और पिता से ली है। उन्होंने ही इन्हें बारीकियों को सिखाया है।
अखिलेश यादव के साथ श्रेया वर्मा।
श्रेया के पिता राकेश वर्मा भी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। वह कुछ साल पहले सपा में आईं। उन्हें महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया। 2022 के चुनाव में अपने पिता राकेश वर्मा के प्रचार की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर थी। इसी अनुभव के बल पर वह गोंडा से अपना भाग्य आजमा रही हैं। उनके खिलाफ इस सीट से भाजपा के कीर्तिवर्धन सिंह चुनाव मैदान में हैं।
तूफानी सरोज की बेटी प्रिया सरोज
समाजवादी पार्टी ने मछलीशहर से अधिवक्ता प्रिया सरोज को इस चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। ये तीन बार के सांसद और वर्तमान 2022 में मछलीशहर की केराकत सीट से विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। कानून की पढ़ाई करने वाली प्रिया ने अब लोकसभा का रास्ता अख्तियार करने के लिए राजनीति का रास्ता चुना है।
अखिलेश यादव के साख प्रिया सरोज।
दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से 12वीं तक और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन करने वाली प्रिया सरोज ने 2022 में लॉ की पढ़ाई पूरी कर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रही हैं। प्रिया के खिलाफ इस सीट से भाजपा के बीपी सरोज ताल ठोक रहे हैं।
मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन
सपा ने इस चुनाव में कैराना लोकसभा सीट से पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन पर भरोसा जताया। इकरा हसन पिछले कई सालों से कैराना क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी माता तबस्सुम हसन भी इसी सीट से सांसद रही हैं। कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन उनके बड़े भाई हैं।
इकरा चौधरी।
लंदन की यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा हासिल करने वाली इकरा हसन ने वर्ष 2022 में अपने भाई के जेल जाने के बाद उनके प्रचार की कमान संभाली थी और जितवाया भी। इकरा हसन पूर्व में जिला पंचायत सदस्य पद पर अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं। इनके खिलाफ भाजपा के प्रदीप चौधरी हैं।
अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी
गाजीपुर से पांच बार विधायक और दो बार सांसद बने सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने अपनी बेटी नुसरत अंसारी की भी राजनीति में एंट्री करा दी है, जो अपने पिता की जीत के लिए प्रचार करती देखी जा रही है। इसके साथ ही नुसरत ने इस सीट से नामांकन भी दाखिल किया है।
नुसरत अंसारी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अफजाल के खिलाफ एक मामले में सुनवाई चल रही है, जिस पर कभी भी फैसला आ सकता है। माना जा रहा था कि यदि अफजाल का नामांकन फैसले के चलते रद्द कर दिया जाता है तो उनकी बेटी को आगे कर दिया जाएगा। नुसरत ने अपने पिता के चुनाव प्रचार में शिव मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की, महिलाओं के साथ बैठकर कीर्तन भी किया।
अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव
उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रिमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव मैदान में हैं। मैनपुरी से यह उनकी दूसरी पारी है। इस बार उनकी बेटी अदिति यादव ने भी अपनी मां के लिए जनता के बीच जाकर वोट मांगती नजर आईं। अदिति के प्रचार-प्रसार से डिंपल यादव को मतदाताओं का काफी सपोर्ट मिलता दिखा। अदिति यादव लंदन से पढ़ाई कर रही हैं। इस सीट पर डिंपल के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने विधायक जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है।
अदिति यादव।
इन पांच बेटियों पर अखिलेश यादव ने इस चुनाव में भरोसा जताया। यदि यूं कहा जाए कि उत्तर प्रदेश की सियासत में बेटियां अब विरासत को आगे बढ़ा रही हैं, तो गलत नहीं होगा।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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