DK Shivkumar की कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पद से छुट्टी, खड़गे से खटपट या मामला कुछ और

DK Shivkumar News: कर्नाटक में चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान मची है। डी के शिवकुमार अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है, उनकी जगह बी एन चंद्रप्पा को कमान दी गई है।

डी के शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष से हटाए गए

DK Shivkumar News: कर्नाटक में 10 मई को सभी 224 सीटों के लिए चुनाव होने हैं लेकिन उससे ठीक पहले कांग्रेस(Karnataka Assembly Elections 2023) में घमासान छिड़ गई है। पार्टी आलाकमान ने डी के शिवकुमार को कांग्रेस पद से हटा दिया है। उनकी जगह पर बी एन चंद्रप्पा(B N Chandrappa) को कमान दी गई है। इसे एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि अक्सर इस तरह की खबरें आती रही हैं कि उनके रिश्ते सिद्धारमैया से ठीक नहीं हैं। हालांकि सिद्धारमैया कहते रहे हैं कि उनके संबंध बेहतर हैं किसी तरह का खटास नहीं हैं। बता दें कि वो निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। इन सबके बीच यह भी खबर आई कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके संबंध अच्छे नहीं थे। जब इस तरह की जानकारी सामने आने लगी कि अगर कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जीत हासिल होती है तो उन्हें सीएम पद की कमान दी जा सकती है। इन सबके बीच सिद्दारमैया से भी उनके संबंध उतार चढ़ाव वाले रहे हैं।

'डी के शिवकुमार से मतभेद नहीं'

लोकतंत्र में मतभेद मौजूद हैं लेकिन यह पार्टी के हितों के लिए नुकसान करने वाली नहीं है। 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव उनकी आखिरी चुनावी लड़ाई होगी और वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। वो वरुणा विधानसभा(Varuna Vidhansabha) क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं कि क्योंकि उनका पैतृक गांव इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वह अभी भी सक्रिय राजनीति में रहेंगे लेकिन इस चुनाव के बाद वह दिल्ली में किसी भी पद को स्वीकार नहीं करेंगे।वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि इसे पार्टी आलाकमान ने मंजूरी दे दी है। ऐसा नहीं है कि मैं चुनाव लड़ने में दिलचस्पी रखता हूं, लेकिन कोलार के लोग चाहते हैं कि मैं वहां से भी चुनाव लड़ूं।

खड़गे के बारे में डी के शिवकुमार की राय

डी के शिवकुमार ने कहा था कि अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे( Mallikarjun Kharge) को राज्य की कमान दी जाती है तो उनकी अगुवाई में काम करने में दिक्कत नहीं होगी। खड़गे जी पार्टी, राज्य और देश के लिए पूंजी हैं। अगर उन्हें राज्य को आगे ले जाने का मौका मिलता है तो उन्हें खुशी होगी। शिवकुमार ने कहा कि खड़गे जी उनसे करीब 20 साल बड़े हैं। उन्होंने त्याग करते हुए आधी रात को नेता सदन का पद छोड़ दिया था। हम उस त्याग और बलिदान को जानते हैं। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर एआईसीसी का प्रेसीडेंट होना कोई सामान्य कामयाबी नहीं है।
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