चुनाव से ठीक पहले गहलोत को झटका, 4 दशक पुराने साथी रामेश्वर दाधीच ने छोड़ा साथ, BJP में हुए शामिल

Rameshwar Dadhich News: गहलोत सरकार में दाधीच का कद बड़ा रहा है और वह उनकी कैबिनेट के प्रमुख सदस्य थे। वह बीते चार दशकों से गहलोत से जुड़े थे। भाजपा में शामिल होने के बाद दाधीच ने कहा कि वह बड़े फैसले लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिलियत से प्रभावित होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा बहुत समय से लंबित था।

सीएम अशोक गहलोत से दाधीच के थे अच्छे रिश्ते।

Rameshwar Dadhich : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी साथी रामेश्वर दाधीच ने उनका साथ छोड़ दिया है। वह गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसे गहलोत के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दाधीच जोधपुर के मेयर रह चुके हैं। दाधीच के अलावा दौसा के पूर्व जिला प्रमुख एवं विनोद शर्मा भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

बीते 4 दशक से गहलोत के साथ थे

गहलोत सरकार में दाधीच का कद बड़ा रहा है और वह उनकी कैबिनेट के प्रमुख सदस्य थे। वह बीते चार दशकों से गहलोत से जुड़े थे। भाजपा में शामिल होने के बाद दाधीच ने कहा कि वह बड़े फैसले लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिलियत से प्रभावित होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा बहुत समय से लंबित था लेकिन मोदी के फैसले ने इसे मूर्त रूप दे दिया। दाधीच ने कहा कि पीएम मोदी सभी वर्गों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। गरीबों एवं वंचितों के विकास के लिए उन्होंने योजनाएं चलाई हैं।

टिकट न मिलने से नाराज थे दाधीच

बताया जाता है कि कांग्रेस से टिकन न मिलने की वजह से नाराज चल रहे थे। दाधीच कांग्रेस के टिकट पर सूरसारगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया लेकिन गुरुवार को उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया। दाधीच के भाजपा में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं और प्रदेश में व्याप्त अराजकता को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार के जाने का समय आ गया है।

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