अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी की डिमांड मानी, पर ललितेश को भदोही से ही क्यों बनाया उम्मीदवार? जानें इस सीट का इतिहास

Bhadohi Election: पश्चिम बंगाल में तो ममता बनर्जी ने INDI अलायंस में शामिल किसी भी दल को एक भी सीट नहीं दी, मगर उन्होंने उत्तर प्रदेश में अखिलेश से समझौता कर एक सीट पर अपने उम्मीदवार को टिकट दिला दिया। मगर सवाल ये है कि सपा ने टीएमसी को भदोही सीट ही क्यों दी? गणित समझिए।

UP के लिए क्या है ममता बनर्जी का प्लान?

Mamata Banerjee Plan For Uttar Pradesh: ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के बीच आखिर ऐसी कौन सी खिचड़ी पकी कि समाजवादी पार्टी ने अपने कोटे से दीदी की टीएमसी को उत्तर प्रदेश में एक सीट दे दी? सवाल ये भी है कि आखिर अखिलेश ने ललितेशपति त्रिपाठी को भदोही लोकसभा सीट ही क्यों दी? आपको इसके पीछे की सियासी गुणा-गणित समझनी चाहिए। आपको इस रिपोर्ट में भदोही सीट का इतिहास भी बताते हैं।

ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के लिए बनाया खास प्लान

लोकसभा चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के लिए खास प्लान तैयार किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में तो विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) से कोई समझौता नहीं किया और सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए, मगर उन्होंने अखिलेश से बात करके यूपी में अपनी गणित बैठा लिया।

ललितेश के लिए अखिलेश से ममता ने किया समझौता

मीरजापुर के मड़िहान से विधायक रह चुके ललितेशपति त्रिपाठी पहले कांग्रेस पार्टी के नेता थे। वो कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व सीएम और देश के पूर्व रेल मंत्री कमलापति त्रिपाठी के चौथी पीढ़ी हैं। ललितेश औरंगाबाद हाउस में रहते हैं, जहां एक वक्त यूपी, बिहार और दिल्ली तक के नेताओं का जमावड़ा लगा करता था। ललितेश यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी कहे जाते थे। साल 2014 में ललितेश को कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशी भी बनाया था, मगर वो अचानक कांग्रेस छोड़ ममता बनर्जी की टीएमसी में शामिल हो गए।

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