Amit Shah Exclusive Interview: बोले अमित शाह, देश शरिया के आधार पर चलेगा? राहुल गांधी की मंशा स्पष्ट है..., जनता को तय करना होगा

Amit Shah Exclusive Interview: टाइम्स नाउ नवभारत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि निश्चित रूप से इस देश का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण से सहमत नहीं है...कांग्रेस ने तुष्टिकरण की पॉलिटिक्स के लिए गैरकानूनी रूप से आरक्षण थोपा है।

amit shah exclusive interview.

टाइम्स नाउ नवभारत पर अमित शाह एक्सक्लूसिव

Amit Shah Exclusive Interview: टाइम्स नाउ नवभारत से खास बातचीत में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीए को लोकसभा चुनाव में 400 सीटें मिलने जा रही हैं। टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में गृह मंत्री ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्राथमिकता से लेकर विपक्ष के आरोपों पर खुलकर जवाब दिया। अमित शाह ने नाविका कुमार को बताया कि BJP तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना और कर्नाटक सहित हर दक्षिणी राज्य में संसदीय सीटें जीतने जा रही है। नीचे पढ़िए पूरा इंटरव्यू...
नाविका कुमार- आप जब कैंपेन करते हैं तो बहुत सारे संसदीय क्षेत्र में जाते हैं, 400 पार आपको लगता है ये सिर्फ नारा होगा या ये असलियत में बदलेगा...क्योंकि 2-0 तो आपका चुनाव शुरू होने से पहले ही हो गया, सूरत और इंदौर...और विपक्ष का कहना है कि आप इसमें भी लोकतंत्र पर अटैक कर रहे हैं क्योंकि कैंडिडेट डराए धमकाए जा रहे हैं...
अमित शाह- देखिए, 400 पार हम निश्चित तौर से करने जा रहे हैं...इसमें कोई दो राय नहीं है...4 तारीख को 1 बजे तक इस देश की जनता आशीर्वाद देकर मोदी जी को 400 पार के बहुमत के साथ तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएगी..रहा सवाल सूरत-इंदौर में लोकतंत्र पर हमले का, इस देश में अब तक 37 लोग निर्विरोध चुने गए..ज्यादातर कांग्रेस के...तब राहुल बाबा को बताना चाहिए कि उस वक्त उनकी पार्टी कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी क्या? जब यशवंत राव चव्हाण जीते, जब उनके समर्थन से फारूक अब्दुल्ला जीत गए..जब डिंपल यादव उनकी साथी है वो चुन ली गई निर्विरोध...अपनी पार्टी के लोग इनसे संभलते नहीं हैं और हर हार को लोकतंत्र पर हमला बोलते हैं...हार जाते हैं तो कहते हैं EVM ठीक नहीं है...EVM पर ठीकरा फोड़ते हैं...जीत जाते हैं तो झट से शपथ ले लेते हैं...तो भाई जीतने के बाद भी शपथ मत लो...वही EVM है, खराब EVM है, खराब EVM से जीतने के बाद शपथ ले सकते हैं क्या...राहुल गांधी बताएं वायनाड जीतेंगे तो शपथ लेंगे या नहीं लेंगे...क्योंकि EVM तो खराब है...उनका चुनाव EVM से हुआ है...इस प्रकार की बचकाना बातें इतनी पुरानी पार्टी के लिए...कोई सलाह देने वाला भी नहीं बचा है...नेता तो नहीं ही बचा है सलाहकार भी नहीं बचा है...
नाविका कुमार- आप मानते हैं कि वाकई कांग्रेस में क्राइसिस है, बड़े नेता की..क्योंकि...
अमित शाह- प्रत्याशी की भी क्राइसिस है, नेता की भी क्राइसिस है, नीयत की भी क्राइसिस है और नीति की भी क्राइसिस है...
नाविका कुमार- आपने एक मुहिम शुरू की है, कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर, जिसे मुस्लिम लीग का मेनिफेस्टो कहा गया है, राहुल गांधी का एक्स-रे की बात कही गई है, वेल्थ रि-डिस्ट्रीब्यूशन, इनहेरिटेंस टैक्स की बात की है...कांग्रेस पार्टी कहती है कि ऐसा कुछ उन्होंने मेनिफेस्टो में लिखा नहीं है बीजेपी भ्रम फैला रही है...
अमित शाह- मुझे एक बात बताइए नाविका जी...पर्सनल लॉ का मतलब क्या है...कांग्रेस पार्टी देश की जनता के सामने एक्सप्लेन करेगी क्या? माइनॉरिटीज के पर्सनल लॉ का समर्थन करेंगे, वो क्या है? वही तो डिमांड थी मुस्लिम लीग की...सरकार के कॉन्ट्रैक्ट्स दिए जाएंगे उसमें माइनॉरिटी को प्रायोरिटी दी जाएगी...अब कॉन्ट्रैक्ट्स फर्स्ट लोएस्ट के आधार पर दिए जाएंगे, क्ववालिटी काम के आधार पर दिए जाएंगे, योग्यता के आधार पर दिए जाएंगे या फिर माइनॉरिटी मेजॉरिटी के आधार पर दिए जाएंगे...इससे बड़े अपीजमेंट का कोई उदाहरण ही नहीं हो सकता...
नाविका कुमार- आपने ये भी कहा है कि तीन तलाक वापस लाएंगे..उस पर तो सुप्रीम कोर्ट का वर्डिक्ट आ गया है...क्या ये भी कांग्रेस की तरफ से भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं...
अमित शाह- वो कुछ भी कर सकते हैं...अब उन्होंने घोषणा पत्र में रखा है, हम क्यों डाउट करें...देश की जनता को पूछना चाहता हूं कि इस देश में अभी भी तीन तलाक होना चाहिए क्या? कांग्रेस उसको वापस लाना चाहती है...देश की जनता को तय करना है...क्या देश शरिया के आधार पर चलेगा? देश की जनता को तय करना होगा...राहुल गांधी की मंशा स्पष्ट है...
नाविका कुमार- राहुल गांधी एक्स-रे करेंगे, जाति जनगणना पर उनका बहुत जोर है...हर जगह जाते हैं तो पूछते हैं कि जितने न्यूज चैनल हैं, न्यूज पेपर हैं उसमें कोई OBC एडिटर नहीं है...
अमित शाह- नाविका जी, इनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है...इन्होंने देश में 55 साल तक देश में शासन किया है, कभी भी जाति जनगणना की है क्या? मैं पूछ रहा हूं कांग्रेस पार्टी के नेताओं से अब तक क्यों की, बता दीजिए...तब वो आपके एडिटर भी तय करेंगे...आप तो शायद OBC नहीं हो तो आपकी नौकरी भी अब संकट में है...
नाविका कुमार- उनकी तरफ से तो बहुत देर से संकट में हूं...बॉयकॉडेट हूं...
अमित शाह- नहीं, बॉयकॉडेट छोड़ दो...अब OBC के मुद्दे पर...OBC बच्चे मेरिट्स में बहुत कुछ प्राप्त कर रहे हैं और मैं आपको बताना चाहता हूं, कांग्रेस पार्टी ने काका साहिब कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट पूरा रद्दी में डाल दिया...मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाकर रखा, जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लेकर आए, तब राजीव गांधी ने ढाई घंटे का भाषण करके इसका विरोध किया था...और आज ये OBC की बात कर रहे हैं...कांग्रेस पार्टी अब तक सत्ता में रही 2014 तक OBC के बच्चों को केंद्र के एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में रिजर्वेशन नहीं दिया...वो आरक्षण नरेंद्र मोदी जी ने आकर दिया...आज तक OBC शब्द अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक मान्यता नहीं दी...OBC आयोग का गठन नहीं किया...नरेंद्र मोदी जी ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया...ये क्या कह रहे हैं? वो ऐसा मानते हैं कि कोई कुछ समझता नहीं है...अगर इस देश में कोई एक पार्टी पिछड़ा वर्ग की विरोधी पार्टी है तो वो कांग्रेस पार्टी है...
नाविका कुमार- तो अमित शाह जी आपका एक वीडियो भी था जिसको एडिट किया गया, तमाम राज्यों में FIR हुई, आपने एक मुख्यमंत्री को समन भी किया है..तेलंगाना..
अमित शाह- आपका वीडियो बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है? फेक वीडियो बनाने पर..आप समन और FIR को ही पूछती रहेंगी? आप भी राहुल गांधी के संपर्क में आ गई लगती हैं..देखिए मूल चीज क्या है, वीडियो एडिट किया गया, नहीं किया गया...और इस तरह से तोड़ मरोड़कर चुनाव को प्रभावित करना चाहिए या नहीं करना चाहिए, वो मूल चीज है...और जब आप एडिट करोगे तो FIR भी होगी, गिरफ्तारी भी होगी, नहीं डरना चाहिए फिर तो...
नाविका कुमार- मतलब रेवंत रेड्डी को अरेस्ट करेंगे?
अमित शाह- मैंने ऐसा नहीं कहा है...वो पुलिस का काम है, इससे डरना नहीं चाहिए...करने से पहले ही सोचना चाहिए...
नाविका कुमार- तो इसके आपके पास सबूत हैं कि ये जानबूझकर किया गया था और कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया...
अमित शाह- वीडियो अपने आप एडिट होता है क्या? मैंने तो नहीं सुना कि ऐसी कोई टेक्नोलॉजी आई कि अपने आप एडिट हो जाएगा... जानबूझकर ऐसा किया गया है... और ये तो जांच का विषय है पुलिस जांच करेगी, जांच को सहयोग करना चाहिए...फिर कहेंगे, हमारे ऊपर एजेंसियां आ गई, ये आ गया वो आ गया...रोने लगेंगे, तो भाई एडिट क्यों किया...अब कॉपरेट कीजिए एजेंसी को...
नाविका कुमार- साउथ का आपने एक बड़ा टारगेट रख हुआ है, आपको लगता है आप इतना कर्नाटक में, तेलंगाना में, आंध्र प्रदेश में, आप कंसंट्रेट कर रहे हैं...तमिलनाडु इससे पहले..आपको लगता है कि बीजेपी का फुटप्रिंट साउथ में उस तरह से बढ़ेगा जिस तरह से आपकी अपेक्षा है?
अमित शाह- देखिए कांग्रेस पार्टी से बड़ी पार्टी हम बनेंगे साउथ में...
नाविका कुमार- वो इतना बड़ा टारगेट शायद नहीं होगा जैसा आपने अपने लिए रखा था...
अमित शाह- मैं बताता हूं, साउथ में हम कांग्रेस पार्टी से बड़ी पार्टी होंगे...
नाविका कुमार- तमिलनाडु में बीजेपी की कितनी सीटें ?
अमित शाह- सब जगह हमारा अकाउंट भी खुलेगा...अच्छी मात्रा में वोट भी प्राप्त करेंगे और हमारे साथी चुनकर भी आएंगे...केरल में भी चुनकर आएंगे, तमिलनाडु में भी चुनकर आएंगे, आंध्र प्रदेश में भी चुनकर आएंगे, तेलंगाना और कर्नाटक में है ही...
नाविका कुमार- आरक्षण पर आपने स्टेटमेंट दिया है कि आप धर्म के आधार पर आरक्षण हटा देंगे....
अमित शाह- निश्चित रूप से इस देश का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण से सहमत नहीं है...हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है..कांग्रेस ने तुष्टिकरण की पॉलिटिक्स के लिए गैरकानूनी रूप से आरक्षण थोपा है जो धर्म के आधार पर मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया है वो आरक्षण SC/ST/OBC का काटकर दिया है...और ये कह रहे हैं कि हम झूठ कह रहे हैं...तो मैं उनको कहना चाहता हूं कि आप देश की जनता के सामने स्पष्ट कर दो कि हम धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं करेंगे...
नाविका कुमार- लेकिन आपकी अलायंस पार्टी है चंद्रबाबू नायडू की TDP जिसने मेनिफेस्टो रखा है उसमें माइनॉरिटी अपिजमेंट (तुष्टिकरण) है इसी तरह की...
अमित शाह- देखिए वो उनका मेनिफेस्टो है मेरी पार्टी का नहीं....
नाविका कुमार- NDA मेनिफेस्टो...
अमित शाह- NDA मेनिफेस्टो उन्होंने लिखा है लेकिन हमारा मेनिफेस्टो तो हम घोषित कर रखे हैं...वो उनका मेनिफेस्टो है...एक बात समझकर चलिए भारतीय जनता पार्टी का कोई भी चुना हुआ प्रतिनिधि अपिजमेंट की थ्योरी जिससे मजबूत होती है ऐसे एक भी कदम में हम साथ नहीं देंगे...किसी का भी नहीं देंगे...ये हमारी पार्टी की तरफ से स्पष्टता है...
नाविका कुमार- लेकिन जब अलायंस पार्टनर हों साथ में तो आइडियोलॉजी मैच होना जरूरी नहीं है ?
अमित शाह- इसको भी मैच होना कहते हैं, पार्टनर हमारी आइडियोलॉजी मैच करे, वो भी मैच होना होता है...देखिए कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जो पार्टी के कोर मुद्दे होते हैं...हम इस देश में से जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण ये चारों नासूरों से मुक्त लोकतंत्र चाहते हैं...और 2014 से मोदी जी ने इसको लगभग लगभग देश में स्थापित कर दिया है...
नाविका कुमार- लेकिन आंध्रप्रदेश में सीट जीतने के लिए आपकी अलायंस पार्टनर माइनॉरिटी अपिजमेंट करती है तो आप अपने आप को अलग करेंगे और यही जगन रेड्डी का भी आरोप है कि मोदी का चेहरा पहले था उस NDA मेनिफेस्टो पर लेकिन बाद में निकाल दिया गया...
अमित शाह- बाहर ही नहीं आया मेनिफेस्टो, जगन जी ने कहां देखा है चेहरा, मुझे मालूम नहीं...शायद सपने में उनको मोदी जी दिख गए थे क्या कि उनका चेहरा है चेहरा है...क्या करना है...मेनिफेस्टो जब बाहर आया तब चेहरा नहीं था...अब मेनिफेस्ट बाहर आने से पहले उन्होंने चेहरा कहां देख लिया वो जगन जी बताएं तो मालूम पड़े...
नाविका कुमार- तेलंगाना में ओवैसी साहब का ये कहना है कि बीजेपी वो पार्टी है जो मस्जिदों पर तीर चलाती है...माधवी लता जी के एक रोड शो में रामनवमी के दिन....
अमित शाह- मैंने स्पष्ट किया है हमने रजाकारों से सुरक्षा के लिए इस मुद्रा में सबको विश्वास दिलाने के लिए ऐसा किया...और यहां के लोग सुरक्षा चाहते हैं, ये तो यहां का मुद्दा है...
नाविका कुमार- माधवी लता, आपको लगता है कि बीजेपी का कैंडिडेट हैदराबाद से वो भी, ओवैसी जी को चैलेंज कर रही हैं, जीत पाएंगी ?
अमित शाह- देखिए निश्चित रूप से हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं...हारना जीतना जनता के हाथ में है, जनता जिसको आशीर्वाद देगी वो जीतेगा, परन्तु हम निश्चित रूप से इस सीट को जीतने के लिए लड़ रहे हैं...और दम लगाकर लड़ेंगे...
नाविका कुमार- आपने रोड शो किया है और तमाम राज्यों में उत्तर प्रदेश में, बंगाल की आपने बात की, आरोप आप पर ये है कि वही आरोप घूम फिरकर आता है कि दो मुख्यमंत्री इस वक्त जेल में हैं, एक को समन किया गया है और ममता बनर्जी के साथ आपके मतभेद संदेशखाली लेकर, ED लेकर चलते रहते हैं...क्या ये लोकतंत्र के लिए फायदेमंद है?
अमित शाह- देखिए, संदेशखाली की जांच CBI को किसने दी, हाईकोर्ट ने दी... अब हाईकोर्ट भी पॉलिटिक्स कर रही है ? मुझे एक बात बताइए कि महिला मुख्यमंत्री की नाक के नीचे तुष्टीकरण की पॉलिटिक्स के तहत उनकी पार्टी के ही नेता सैंकड़ों महिलाओं का शोषण करते हैं, हमने इसका विरोध किया, जमीन पर विरोध किया वहां हम विपक्ष में हैं...हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया उसके बाद गिरफ्तारी हुई, फिर उचित कदम नहीं उठाए गए जब केस डायरी हाईकोर्ट के सामने गई, हाईकोर्ट ने CBI को इन्क्वायरी ऑर्डर किया...अब ममता जी कह दें कि हाईकोर्ट भी पॉलिटिक्स कर रही है...
नाविका कुमार- वो सुप्रीम कोर्ट में है, ऑबजेक्ट कर रहे हैं...
अमित शाह- तो सुप्रीम कोर्ट निर्णय करेगी न, हम कहां कुछ बोल रहे हैं...
नाविका कुमार- एक हाईकोर्ट के जज बीजेपी के कैंडिडेट बन जाते हैं, सवाल तो उठाएंगे लोग...
अमित शाह- सैंकड़ों लोग इंदिरा गांधी की मिनिस्ट्री में कांग्रेस के मंत्रालयों में मंत्री रहे...अपनी नौकरी छोड़ने के बाद कोई भी ज्यूडिशियल ऑफिसर कोई भी पार्टी को ज्वाइन कर ही सकता है...ये कोई पहली बार नहीं हुआ है...जब हम करते हैं तब सवाल उठते हैं...
नाविका कुमार- लेकिन आप वहां महिला रक्षा में खड़े हैं संदेशखाली में और यहां कर्नाटक में आपके अलायंस पार्टनर के फैमिली मेंबर वो शामिल हैं शोषण में, 2976 वीडियो की बात हो रही है जो प्रज्वल रेवन्ना की है...वो देश से भाग जाते हैं, किसी को पता भी नहीं चलता है...
अमित शाह- देखिए इस पर हमारा स्टैंड स्पष्ट रखा है...स्पष्ट स्टैंड है हमारा कठोर से कठोर कदम उठाने चाहिए...और कर्नाटक सरकार नहीं उठा सकती है तो छोड़ दे हम उठाएंगे...लॉ एंड ऑर्डर उनके हाथ में है..जब तक वोक्कालिगा में वोटिंग नहीं हुआ इन्होंने इस चीज को दबाकर रखा...जैसे ही वोक्कालिगा बेल्ट में वोटिंग खत्म हुई, इसको बाहर लाए... मैं आपको बताता हूं अगर उन्होंने समय पर कदम उठाए होते तो भाग भी नहीं पाते, अरेस्ट भी होते...
नाविका कुमार- लेकिन आपकी अपनी पार्टी के आदमी ने चिट्ठियां लिखी हैं कर्नाटक के स्टेट प्रेसिडेंट को
अमित शाह- देखिए एक बात समझ लीजिए एक नॉन ऑफिशियल का चिट्ठी लिखना, इसके तथ्य की जानकारी का कर्नाटक स्टेट प्रेसिडेंट के पास क्या एजेंसी है? एजेंसी किसके पास है ? कर्नाटक में कांग्रेस के पास है...उनको जांच करनी थी...और ये कब का मालूम होगा...मैं तो स्पष्ट आरोप लगाता हूं कि इन्होंने वोक्कालिगा वोटिंग समाप्त होने तक इसको दबाकर रखा...क्योंकि डीके शिवकुमार खुद वोक्कालिगा हैं...
नाविका कुमार- अमित शाह जी लोग कहते हैं आपका राम लहर पर, दारोमदार टिका हुआ है इस चुनाव का...राम मंदिर की बात करें तो आप इसको अचीवमेंट्स में गिनवाते हैं और वैसे महंगाई बेरोजगारी से जनता त्रस्त है...ये विपक्ष का आप पर आरोप है...
अमित शाह- देखिए विपक्ष का काम आरोप लगाना है...मैं उनको पूछना चाहता हूं इतने साल सरकार चलाई कब 10 लाख करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट हुआ? इतने साल चलाई सरकार कब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने की आपने हिम्मत की? इतने साल सरकार चलाई आपने कभी भी धारा 370 को छूने की हिम्मत की है ? इतने साल सरकार चलाई आपने कभी भी हिंदू बौद्ध जैन क्रिस्चन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए कदम उठाया है? इतने साल सरकार चलाई कभी भी गरीबों को 5 किलो अनाज फ्री ऑफ कॉस्ट दिया है? इतने साल सरकार चलाई कभी भी 10 साल के अंदर 60 करोड़ से ज्यादा बैंक अकाउंट खोलकर हर गरीब को देश के अर्थतंत्र में समाहित होने का अधिकार दिया? इतने साल सरकार चलाई, 14 करोड़ महिलाओं को आपने टॉयलेट से वंचित रखा...ये आपराधिक काम है...इतने साल सरकार चलाई 6 करोड़ लोग घर विहीन थे, 3 करोड़ बना दिए बाकी 3 करोड़ अगले 5 साल में बनाएंगे... इतने साल सरकार चलाई 20 हजार गांव में बिजली का तार नहीं पहुंचा था, 3 करोड़ घर में बिजली नहीं पहुंची थी, हमने पहुंचाई...अगर आपने ये सब कर लिया होता, नल से जल 14 करोड़ घरों में, अगर 55 साल में ये सब कर लिया होता हमारे लिए करने के लिए कुछ आता ही नहीं...चुनाव के मुद्दे तो ये हैं नाविका जी...।
नाविका कुमार- तो चुनाव के मुद्दे ये हैं कि आप कह रहे हैं कि महंगाई, बेरोजगारी मुद्दा नहीं है ?
अमित शाह- जरूर मुद्दा है, उसको भी हमने कंट्रोल में रखा है, रोजगारी भी बढ़ा है..इस देश में 6 साल में एक करोड़ लखपति दीदी अपना स्वरोजगार जेनरेट की है, सैंकड़ों स्टार्टअप बने, ढेर सारी इंडस्ट्री सारे इन्वेस्टमेंट का रिकॉर्ड तोड़ने का काम इस 10 साल के अंदर हुआ...जब 10 लाख करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है तो आप क्या समझती हैं रोजगार ही नहीं मिलेगी ? सरकारी नौकरियों की मैं बात कर लेता हूं...एक साल के अंदर 23-24 के साल में मोदी जी ने 10 साल युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया है जो सर्वाधिक है आजादी के बाद से...मगर उनको झूठ बोलकर भाग जाना है, बहस में नहीं आना है...आप कर लो न राहुल गांधी का इंटरव्यू, सबका पूछना आप....कर पाओ तो कर लो आप...
नाविका कुमार- वो मुझे इंटरव्यू नहीं देंगे
अमित शाह- तो फिर झूठ बोलकर भाग जाने का ही काम बचा है उनके पास...
नाविका कुमार- लेकिन उनका ये भी कहना है कि 80 करोड़ लोगों को आज भी गरीब होने पर मुफ्त राशन मिल रहा है तो बात तो यही हुई कि 80 करोड़ लोग गरीब हैं इस देश में...
अमित शाह- तो ये इनकी देन है...हमने तो उसमें से 25 करोड़ को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है...अभी तो बेहतर हो रहे हैं इसके लिए हम उनका मुफ्त राशन बंद करना हम नहीं चाहते...परंतु 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से हमने बाहर निकाला है...और ये देन किसकी है ? किसने चार पीढ़ी से यहां 55 साल तक शासन किया है ? कांग्रेस और उनके लोगों ने शासन किया है...और मुझे तो मालूम नहीं पड़ता कि इनके सलाहकार भी ढंग के नहीं रख सकती कांग्रेस पार्टी ? कांग्रेस पार्टी सालों से इनके अध्यक्ष सलाहकारों से चली...
नाविका कुमार- सैम पित्रोदा का भी मुद्दा उठा लिया इनहेरिटेंस टैक्स का जब वो...
अमित शाह- मालूम नहीं सैम पित्रोदा जी आइवरी टावर में जीते हैं..ना उनको भारत की ग्राउंड रियलिटी मालूम है ना हमारे लोगों की जरूरतें मालूम हैं...अच्छे व्यक्ति हैं...लेकिन आइवरी टावर में जीते हैं...
नाविका कुमार- आप मानते हैं वो अच्छे व्यक्ति हैं?
अमित शाह- मैं तो मानता हूं...हर व्यक्ति अच्छा होता है, कुछ न कुछ तो अच्छा होता है...
नाविका कुमार- राहुल गांधी भी ?
अमित शाह- सबमें कुछ न कुछ अच्छा होता है..आपमें भी होगा, वो तो देखने का नजरिया चाहिए...
नाविका कुमार- राहुल गांधी में क्या अच्छा लगता है आपको ?
अमित शाह- ये मेरा काम नहीं है, ये उनकी माताजी का काम है अच्छाई देखना...
नाविका कुमार- राहुल गांधी कह रहे हैं कि महिलाओं के अकाउंट में एक लाख रुपए हर साल आएंगे खटाखट खटाखट खटाखट
अमित शाह- देखिए नाविका जी, इस आधार पर निर्णय मत करना वोट देने का...इंदिरा जी कहकर गईं थीं हम गरीबी हटाएंगे, गरीबी हटाने के काम इतने साल बाद मोदी जी कर रहे हैं...पूरे परिवार का एक सूत्र है, झूठ बोलो बार बार बोलो, सार्वजनिक रूप से बोलो और फिर ना सुने तो बड़े आवाज से बोलो...ये चार सूत्र के आधार पर चार पीढ़ी चलाई है...
नाविका कुमार- लेकिन ये वेल्थ रि-डिस्ट्रीब्यूशन है कि मंगलसूत्र छिन जाएंगे, घुसपैठियों को दे दिया जाएगा...क्या ये व्याख्या सही थी ?
अमित शाह- बिलकुल सही है, मैं आपको बताता हूं...मनमोहन सिंह जी ने कहा है या नहीं कहा है कि इस देश के संसाधन पर माइनॉरिटी का और उसमें भी खासकर मुसलमानों का अधिकार है...
नाविका कुमार- लेकिन उससे पहले वाले वाक्य में उन्होंने SC/ST कहा था...
अमित शाह- वो ठीक है...मगर बाद में तो प्रायोरिटी तय कर दी...ये लोग तो बेचारे द्वितीय कक्षा की प्रायोरिटी में चले गए SC/ST/OBC...आपने तो माइनॉरिटी और उसमें भी मुसलमान, सिख-जैन नहीं, बौद्ध नहीं, मुसलमान क्योंकि वोट बैंक है...मगर आप लोगों का है न, कांग्रेस को सवाल पूछने से चार पीढ़ी की उनकी परंपरा के कारण उनसे डरते हो, नहीं पूछते हो...ना मनमोहन सिंह को पूछते थे ना राहुल गांधी को पूछते हैं...
नाविका कुमार- आपके मेनिफेस्टो में UCC है, वन नेशन वन पोल है लेकिन इस बार NRC नहीं है...कोई खास वजह ?
अमित शाह- मैं पहले बता देता हूं, वन नेशन वन पोल ये बहुत सुधार होने वाला है, इस देश की चुनाव प्रक्रिया में..देश में बार बार चुनाव होने से समय की और धन की, संसाधन की बर्बादी होती है..बार बार आचार संहिता लगने से विकास भी बाधित होता है और देश की जनता जो वोटिंग करती है, उसमें बहुत सारे कंफ्यूजन भी होते रहते हैं...देश के मुद्दों पर राज्य के मुद्दों पर और स्थानीय मुद्दों पर...वोटिंग का एक ही समय होना चाहिए और देश की जनता ने कई बार ऐसा किया है कि ऊपर अलग लोगों को वोट दिया है और नीचे किसी और को वोट दिया है...आज भी होता है जहां साथ में चुनाव होते हैं...मैं तो अपील करता हूं सभी दलों को कि मोदी जी जो नया विचार लेकर आए हैं, वो देश की चुनाव प्रक्रिया में सुचिता भी स्थापित करेगा और उसका स्वास्थ्य भी अच्छा करेगा...तो इसकी मदद करनी चाहिए...UCC भी हमारे देश के संविधान के अंदर जो प्रिंसिपल्स तैयार किए गए उस वक्त ऐसी परिस्थिति नहीं थी कि UCC लाया जाए, बहुत आपाधापी चल रही थी, तो संविधान सभा ने देश के विधानमंडल और संसद से अपेक्षा की, कि उचित समय पर विधानमंडल और संसद इस देश में एक समान नागरिक कानून को लेकर आए और मैं मानता हूं कि ये सभी चुने हुए लोगों का दायित्व था, मैंडेट था, संविधान सभा का, जिसमें ज्यादातर लोग कांग्रेस के थे...लेकिन अपिजमेंट की पॉलिटिक्स करने के लिए ये लोग इसको छोड़ दिए...हम UCC लेकर आए हैं, उत्तराखंड में लेकर आए हैं और हमने संकल्प पत्र में रखा है कि हम ये प्रयास करेंगे कि 5 साल में पूरे देश में UCC लागू हो...
नाविका कुमार- इस पर आपका कमिटमेंट है कि 5 साल के पहले 100 दिन के प्रोग्राम में होगा...
अमित शाह- 100 दिन को मत बोलिए आप...5 साल का घोषणा पत्र होता है इसमें होता है...
नाविका कुमार- NRC ?
अमित शाह- NRC के लिए अभी अभी, क्योंकि कोरोना की वजह लेट हो गया...थोड़ी सहमति बनाने में देर हो गई...तो अभी अभी हमने CAA को लागू किया है...अभी भी ममता जी, कांग्रेस सब तो विरोध कर रहे हैं...कह रहे हैं कि हम वापस ले लें...
नाविका कुमार- ले सकते हैं वापस ?
अमित शाह- कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है...ना उनको बहुमत मिलना है ना CAA वापस जाना है...जो शरणार्थी आए सबको अधिकार है इस देश का नागरिक बनने का...और मेरे और आपके जितना ही अधिकार उनका है जो शरणार्थी बनकर आए हैं...देश का कमिटमेंट है उनसे पार्टिशन के वक्त का...पार्टिशन का पाप भी कांग्रेस ने किया और पार्टिशन के वक्त दिया हुआ वादा भी तोड़ने का पाप कांग्रेस ने किया...नहीं कर सकते वापस...
नाविका कुमार- तो फेडरलिज्म का क्या होगा? वो कहते हैं कि राज्यों का आपने कोई रोल नहीं छोड़ा...
अमित शाह- ये जो बातें करते हैं बच्चों जैसी, अनपढ़ जैसी करते हैं...हमारे संविधान में स्टेट का सेंटर का और साझा, तीन तरह से विषयों का आवंटन हुआ है...नागरिकता शुरू से जब से संविधान बना है, तब से सेंटर का रोल है, स्टेट का रोल ही नहीं है...क्या लोगों में ये गलतफहमियां फैला रहे हैं...मैं आपको बताता हूं नाविका जी संविधान शुरुआत से नागरिकता के विषय पर स्पष्ट है कि नागरिकता देश में चुनी हुई संसद का विषय है राज्य का नहीं है...हर राज्य नागरिकता के लिए अलग अलग कानून बनाएगा तो देश बिखर जाएगा...तमिलनाडु अपना बनाएगा, गुजरात अपना बनाएगा, महाराष्ट्र अपना बनाएगा, महाराष्ट्र अपना बनाएगा, बंगाल अपना...ऐसे नहीं चल सकता देश...जैसे विदेश नीति केंद्र सरकार का एकाधिकार है, रिजर्व बैंक केंद्र सरकार का एकाधिकार है, इसी प्रकार से नागरिकता केंद्र सरकार का एकाधिकार है और आज से नहीं 1950 से...
नाविका कुमार- अमित शाह जी दो मुख्यमंत्री चुनाव से पहले जेल में जाते हैं...
अमित शाह- देखिए टाइम पर वो जांच में सहयोग करते तो चुनाव से पहले चले जाते...19 समन...
नाविका कुमार- लेकिन जाना तय था ?
अमित शाह- वो तो उन्होंने भ्रष्टाचार किया है इसलिए जाना था...इस देश में कई मुख्यमंत्री विपक्ष के, ममता जी भी हैं, हिमाचल के भी हैं, ढेर सारे हैं सिद्धारमैया जी हैं...ऐसा नहीं है...आप करप्शन करोगे, पकड़े जाओगे, चुनाव तक आपकी पेशी टालते जाओगे चुनाव के वक्त अपीयर होगे फिर अरेस्ट होगे तो कहोगे कि देखो देखो चुनाव के वक्त....तो 6 महीना पहले आ जाना चाहिए था...
नाविका कुमार- लेकिन इंसुलिन भी ना देना जेल में...उनकी हेल्थ को...
अमित शाह- उनके एक और झूठ को आप कैरी कर रही हैं...दिल्ली में जेल दिल्ली सरकार के अंदर हैं...अगर AAP पार्टी ही उनको इंसुलिन नहीं दे रही है तो AAP पार्टी में गंभीर संकट है...
नाविका कुमार- आपका आरोप है कि AAP पार्टी में...
अमित शाह- आरोप नहीं है फैक्ट बता रहा हूं...दिल्ली की जेल दिल्ली सरकार के अंदर है...
नाविका कुमार- कह रहे हैं कि जान को खतरा है...
अमित शाह- AAP पार्टी से ही है...
नाविका कुमार- AAP पार्टी से ही है?
अमित शाह- उसका मतलब तो यही होता है कि...मैं नहीं मानता कि जेल में खतरा है, परंतु है तो AAP पार्टी से ही है...क्योंकि दिल्ली की जेल दिल्ली सरकार के अधीन है, केंद्र सरकार का कोई रोल नहीं है...दिल्ली सरकार उनकी ही है, जेल में बैठकर वही चला रहे हैं...
नाविका कुमार- आपको लगता है ये सही है कि संवैधानिक तौर पर कि एक मुख्यमंत्री को जेल भेजा जाए ?
अमित शाह- मुझे तो सही नहीं लगता है नाविका जी...मैं भी जेल में गया था एनकाउंटर के मामले में कांग्रेस सरकार ने जेल में डाला था...बाद में कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक साजिश है, कहकर मुझे बरी किया...बरी किया मतलब मेरे आरोप खारिज कर दिए...परंतु मैंने भी अरेस्ट होने से पहले इस्तीफा दे दिया था..हेमंत सोरेन जेल में गए, अरेस्ट होने से पहले इस्तीफा दे दिया..अब संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि ऐसा कोई करेगा तो क्या होगा...संविधान सभा ने ऐसे निर्लज्ज मुख्यमंत्री चुनकर आ जाएंगे जो जेल में जाने के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे, ऐसे सत्ता के लोभी लोग आ जाएंगे इसकी कल्पना ही नहीं की थी...शायद वो इतना नहीं सोच पाए
नाविका कुमार- तो आपको लगता है कि संशोधन होना चाहिए ? कोई लॉ होना चाहिए ?
अमित शाह- नहीं हमारा ये एजेंडा नहीं है,जनमत क्या बनता है इसके आधार पर कानून बनते हैं...अभी तो जनता ही इसको तय करेगी कि अच्छा है या बुरा है...
नाविका कुमार- अगर संविधान में कोई गैप है तो ?
अमित शाह- मैं इस विषय पर कुछ नहीं बोलना चाहता हूं...जनता तय करे कि ऐसे निर्लज्ज मुख्यमंत्री होने चाहिए या नहीं होने चाहिए...
नाविका कुमार- आज कल एक मुद्दा उठा हुआ है इंटरनेशनली भी...वो है US ने जो मुद्दा उठाया है...US ने कहा है कि R&AW से पन्नू को निशाना बनाने की...
अमित शाह- US ने कोई मुद्दी नहीं उठाया किसी अखबार ने उठाया...
नाविका कुमार- वॉशिंगटन पोस्ट ने....
अमित शाह- इसको US मत बना दीजिए, वो अखबार है...
नाविका कुमार- आप इस मैटर को सीरियसली नहीं लेते ?
अमित शाह- देखिए डिप्लोमेसी अगर US सरकार गंभीरता से मानती है तो डिप्लोमेट चैनल से चर्चा करेगी हम उसका जवाब देंगे...हमारा कहीं पर कोई रोल नहीं है...
नाविका कुमार- सवाल ये है कि 400 पार अगर आपको पहले ही पता है तो कहीं फिर से EVM में घोटाला तो नहीं?
अमित शाह- लास्ट टाइम हमने 300 पार का नारा दिया था तो क्या EVM में घोटाला था? तो राहुल गांधी वायनाड से कैसे जीते...इतनी सारी सरकार उसके बाद कैसे विपक्ष की बनी? 400 पार का लक्ष्य रखने का हमारा अधिकार भी नहीं है क्या, लोकतंत्र के अंदर ? NDA गठबंधन अपना लक्ष्य तय नहीं कर सकता? इस प्रकार से हमारे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है...आप हारोगे तो हम भी हारना तय कर लें ? आपके कर्म ऐसे हैं तो जनता आपको नहीं चुनती है..हमारे काम अच्छे हैं तो हम विश्वास से जा रहे हैं...मोदी जी ने 10 साल में कोई ऐसा काम नहीं किया कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता का सिर नीचा हो...आज हम सिर उठाकर चल रहे हैं कि पूरी दुनिया में मोदी जी ने भारत का मान बढ़ाया है, भारत को सुरक्षित किया है भारत को समृद्ध किया है गरीबों का कल्याण किया है...
नाविका कुमार- लेकिन ,फिर वोटिंग परसेंटेंज गिर क्यों रही है ?
अमित शाह- वोटिंग परसेंटेंज दो विचारधाराओं के खेमे से मिलकर बनती है..मुझे लगता है कि कांग्रेस का खेमा पूरी तरह से सुस्त पड़ा है..वो वोट डालने बाहर नहीं निकल रहा है..।
नाविका कुमार- कर्नाटक में आप कह रहे हैं कि आप बहुत मजबूत स्थिति में हैं.. तो फिर बेंगलुरू के अंदर वोटिंग परसेंटेंज में 8 से 9 % की गिरावट हुई है..
अमित शाह- देखिए, वहां कांग्रेस का वोटर तो हैं लेकिन उनको मालूम है कि काहे टाइम बर्बाद करने जाए..जीतना है नहीं.. राहुल बाबा बैठे हैं, कुछ मिलना नहीं है..छोड़ो अभी..।
नाविका कुमार- सिर्फ राहुल बाबा का तो इलेक्शन नहीं है..तमाम पार्टियां हैं इंडी अलायंस है.. ममता बनर्जी हैं..अखिलेश यादव हैं..
अमित शाह- विपक्ष बंटा हुआ है..कौन बनेगा..ममता बन सकती हैं क्या ? ..उद्धव जी बन सकते हैं क्या ?... अखिलेश बन सकते हैं क्या...स्टालिन बन सकते हैं क्या ? या, तो फिर एक सुझाव आया था बारी-बारी..हर साल एक -एक को बनाएंगें..किस प्रकार का ये गठबंधन है...इसका ना नेता है ना नीति है...ना नियत है...
नाविका कुमार- लेकिन, इस तरह के प्रयोग पहले तो हुए हैं ?
अमित शाह- वे सफल हुए क्या ? देश की जनता ने अब तय कर दिया है...ये तो तीस साल प्रयोग चले..इससे देश काफी पिछड़ गया है..
नाविका कुमार- आप पर ये भी सवाल उठाए जा रहे हैं इलेक्टोरल रिफॉर्म के और इलेक्टोरल बॉन्ड के..क्या इलेक्टोरल बॉन्ड की जो वजह है..वो कहीं न कहीं जो सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है, वो BJP के लिए आपके लिए झटका तो नहीं है ?
अमित शाह- नहीं कोई झटका नहीं है..ये राहुल जी आरोप लगा रहे हैं ये कह रहे हैं कि उगाही...जैसा शब्द इन्होंने प्रयोग किए हैं...तो क्या सोलह सौ करोड़ का बॉन्ड, जो कांग्रेस पार्टी को मिला...वो उगाही है..उनकी राज्य सरकार के ठेकों के सामने लिया हैं क्या ? देश की जनता के सामने वो स्पष्ट करें..वो बोल रहे हैं उनको मालूम नहीं है कि उनकी पार्टी को भी सोलह सौ करोड़ रुपये मिले हैं..और वो बोलते जा रहे हैं..।
नाविका कुमार- राहुल गांधी को आप सीरियसली नहीं लेते हैं ?
अमित शाह- मैं नहीं, देश की जनता सीरियसली नहीं ले रही है...बीस बार सोनिया जी ने लॉन्च किया..बीसों बार फेल हो गए.. इस बार इक्कीसवीं बार कर रहे हैं देखिए क्या होता है..मैं क्या..मेरे तो एक वोट है..जो निश्चित है भारतीय जनता पार्टी को जाना है..।
नाविका कुमार- कांग्रेस से आप सबको ले लेते हैं और राहुल गांधी आपको पसंद नहीं है ? उधर से जो भी आता है वो आपके लिए सही है ?
अमित शाह- मैंने, ये नहीं कहा कि कांग्रेस में सभी लोग बुरे हैं... कांग्रेस के लोग भी समझ गए हैं कि इनके नेतृत्व में कुछ होने वाला नहीं है...।
नाविका कुमार- जिन पर आरोप लगे हैं , जिन पर दाग हैं सब आपकी पार्टी में आ जाते हैं ? और विपक्ष कहती है कि अब उनके सारे दाग धुल गए ?
अमित शाह- विपक्ष कहता है कि वॉशिंग मशीन है, तो आप मानते हैं न कि आपके कपड़े गंदे हैं ? तो उसकी धुलाई के लिए वो हमारे वॉशिंग मशीन में आते हैं... .ये किस प्रकार के लोग हैं जो स्वीकार कर लेते हैं कि हम मैले हैं...। एक भी आदमी जो हमारे पार्टी में जुड़ा है, जिस पर केस है उसका एक भी केस हमने वापस नहीं लिए है..और ना लूंगा..।
नाविका कुमार- अखबार में छपा है कि कई नेता जो आपकी पार्टी में आए हैं उनका केस वापस ले लिए गए हैं..।
अमित शाह- जी नहीं ऐसा नहीं है मान लीजिए किसी पर तीन-चार भ्रष्टाचार के केस हैं, तो वो मर्ज होकर समय के साथ एक हो जाता है...
नाविका कुमार- जो आरोप अजित पवार पर, अशोक तंवर पर लगाए गए वो सब गलत है ?
अमित शाह-सब पर केस चल रहे हैं एक भी केस वापस नहीं लिए गए हैं..अजीत पवार डिप्टी सीएम बने हैं लेकिन वो बरी नहीं हुए हैं..।
नाविका कुमार- आपकी पार्टी का नारा है..पीएम कहते हैं कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा..तो ये दोनों विरोधाभास तो नहीं हैं ?
अमित शाह- देखिए हमारे पार्टी में आकर कोई गड़बड़ करें तो देखूंगा..बाकी पहले जो हुआ कोर्ट उस पर कार्रवाई कर रही है...।
नाविका कुमार- आपके पास दूसरे दलों से नेता आते हैं, तो आप उनका प्रोफाइल नहीं देखते..उन पर क्या आरोप हैं ?
अमित शाह- देखिए , नाविका जी जिस तरह के वातावरण में वो रहें..वहां उस तरह की चीजें की इजाजत होंगी...एनडीए में ये सब नहीं है..पहली बात दूसरी बात जो वो करके आए हैं उसमें हमारे तरफ से कोई छूट नहीं होगी..ये मैं आपको भरोसा दिलाता हूं..।
नाविका कुमार- अमित शाह जी चुनाव की सरगर्मी हर रोज परवान चढ़ रही है..गर्मी भी बहुत है...इस बार देश की जनता को आप सीना तान कर कह सकते हैं कि पिछले दो लोकसभा चुनाव से इस बार ज्यादा सीटें आएंगी? क्योंकि एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है कुछ भी नहीं है ?
अमित शाह- देखिए , मैं कैसे कह सकता हूं मैं तो देश की जनता को विनती करने आया हूं कि तीस साल तक देश अस्थिरिता के माहौल में रहा है...मिलीजुली सरकारें रही हैं..तीस साल बाद देश की जनता ने मोदी जी के नेतृत्व में स्थिर सरकार दिया...और इस दस साल में देश ने अच्छा खासा मुकाम हासिल किया है..और अब समय आ गया है कि 2047 में पूर्ण विकसित भारत..पूर्ण आत्मनिर्भर भारत और हर क्षेत्र में भारत को नंबर वन बनाना है..दस साल मोदी जी के यूपीए के जो गड्ढे थे...उसे भरने में गया है..और अब मजबूत भारत, सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत, शिक्षित भारत बनाने का वक्त आ गया है..देश की जनता जानती है जिस व्यक्ति पर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री रहते हुए पिछले तीस साल से पच्चीस पैसे का आरोप नहीं लगा है...ऐसे प्रमाणिक नेता,परिश्रमी नेता, विजनरी नेता नरेंद्र मोदी को वोट दें... और भारत के गौरव को पूरी दुनिया में पहुंचाने का एक नंबर पर लाने का हमें मौका दें..यही मैं देश की जनता को निवेदन करता हूं..।
नाविका कुमार- और डिक्टेटरशिप का आरोप ?
अमित शाह- देखिए, इस देश में अदालतें भी हैं..मीडिया भी है...आप इतनी बेखौफ होकर पूछ रही हैं क्या होगा आपको कुछ होगा..कुछ नहीं होगा..काहे का डिक्टेटरशिप..मैं आपको चैलेंज देता हूं कि जो डिक्टेटरशिप का आरोप लगा रहे हैं...वो आपके इन्हीं सारे सवालों का जवाब एक बार बैठ कर दें दे..आप पांच साल में इनसे जवाब ले आओ तो मेरे पास आना..वो लोग तो मीडिया के सामने आते ही नहीं हैं..झूठ बोलकर भाग जाते हैं...
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