दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले BJP को एक और झटका, पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह शंटी AAP में हुए शामिल

Jitender Singh Shunty: जितेंद्र सिंह शंटी आज आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। वे बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया। पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल होने पर केजरीवाल ने कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान समाज के लिए जीतेंद्र सिंह शंटी के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की।

जीतेंद्र सिंह शंटी आप में हुए शामिल

Delhi Assembly Elections: सामाजिक कार्यकर्ता और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित जीतेंद्र सिंह शंटी गुरुवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। जीतेंद्र सिंह शंटी शहीद भगत सिंह सेवा दल (एसबीएस) फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं। पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल होने पर केजरीवाल ने कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान समाज के लिए जीतेंद्र सिंह शंटी के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की।

'एम्बुलेंस मैन' के रूप में जाने जाते है शंटी

केजरीवाल ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की सहायता करने में शंटी के समर्पण और प्रयासों पर प्रकाश डाला और जन सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि शंटी के पार्टी में शामिल होने से आम आदमी पार्टी (आप) की ताकत बढ़ेगी। उन्हें 'एम्बुलेंस मैन' के रूप में जाना जाता है...मुझे बताया गया है कि उन्होंने 70000 से अधिक शवों का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कराया है। कोविड काल में जब लोग अपने परिवार के सदस्यों के शव लेने में झिझक रहे थे, तब उन्होंने शव स्वीकार किए और अंतिम संस्कार किया। वह भी कोविड का शिकार हो गए। यहां तक कि जब उनके परिवार को कोविड हुआ, तब भी उन्होंने अपना मिशन जारी रखा। इसके लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया...वह लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं...उनके शामिल होने से आप को मजबूती मिलेगी।

हम दोनों भगत सिंह से प्रेरणा लेते हैं- शंटी

आप में शामिल होने पर जितेंद्र शंटी ने कहा कि मैं राजनीति से दूर होकर सेवा कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। कोविड-19 महामारी के दौरान मुझे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करके सेवा करने का अवसर मिला। एक दिन मुझे अरविंद केजरीवाल का फोन आया, जिन्होंने इस नेक काम में योगदान देने की इच्छा जताई। मेरे सहयोगियों ने हमारे काम में समानता बताई: जहां वह लोगों को जीवन दे रहे हैं, वहीं हम मृत्यु के बाद के मामलों का ख्याल रख रहे हैं। हम दोनों भगत सिंह से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने लाहौर जेल में मानवाधिकारों का मुद्दा सबसे पहले उठाया था।

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