Asansol Lok Sabha Seat: 'काले हीरे की धरती' आसनसोल सीट, कभी वामपंथियों का था बोलबाला, बीजेपी ने लगाई सेंध
Asansol Lok Sabha History: आसनसोल को 'काले हीरे की भूमि' कहा जाता है, काला हीरा कोयले का पर्यायवाची है, यानी आसनसोल भारत में कोयले के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है यह पश्चिम बंगाल में स्थित है।
आसनसोल को 'काले हीरे की भूमि' कहा जाता है
Asansol Lok Sabha Seat 2024: पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट की बात करें तो ये सीट खासी चर्चा में है, बता दें कि इस सीट का इतिहास काफी रोचक रहा है गौर हो कि यह लोकसभा सीट कभी माकपा का गढ़ हुआ करती थी पर बाद में यहां की स्थिति बदली और साल 2014 में बीजेपी ने इस गढ़ में सेंध लगाई पर साल 2022 के बाद से यहां टीएमसी और बीजेपी के बीच टक्कर है।
बाबुल सुप्रियो मार्च 2014 में बीजेपी में शामिल होकर बने सांसद फिर केंद्रीय मंत्री
बाबुल सुप्रियो मार्च 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे उसके बाद साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने इन्हें आसनसोल से मैदान में उतारा और इन्होंने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार डोला सेन को करीब 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था यानी 2014 में बीजेपी ने यहां पहली बार जीत दर्ज की थी जिसके बाद केंद्र सरकार में इन्होंने शहरी विकास और आवास और शहरी कार्य मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय दिया था।
2019 की सरकार में इन्हें पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया
वहीं इसके अगले चुनाव यानी 2019 में बाबुल सुप्रियो ने कांग्रेस की मुनमुन सेन को 197632 वोटों से हराया था, उस वक्त सुप्रियो को 51.16 फीसदी वोट मिले थे, तब 2019 की केंद्र सरकार में इन्हें पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया था।
ममता सरकार ने इन्हें मंत्री बनाया
साल 2021 के जुलाई महीने में बाबुल ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी और 18 सितंबर 2021 को तृणमूल का दामन थाम लिया अप्रैल 2022 को बालीगंज विधानसभा सीट से विधायक बने और ममता सरकार ने इन्हें मंत्री बनाया।
टीएमसी ने 2022 के उपचुनाव में सेंध लगाई
कभी माकपा का गढ़ कहलाने वाली इस सीट पर अब बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच वर्चस्व की जंग जारी है, 2019 में बीजेपी जीती पर टीएमसी ने 2022 के उपचुनाव में सेंध लगाई और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा इस सीट पर कामयाब रहे।
एक नजर आसनसोल लोकसभा पर
आसनसोल में 80 प्रतिशत लोग शहरों में जबकि 20 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है वहीं यहां पर साक्षर लोगों की संख्या लगभग 82 फीसदी है, जिसमें पुरुषों की संख्या 51.56 तो महिलाओं की संख्या 48.44 फीसदी है।
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