Assembly Elections 2023:मुख्यमंत्री चेहरा नहीं ऐलान कर भाजपा ने जीत लिया मैदान ! नहीं दोहराई 2018 की 'गलती'

Assembly Elections 2023: बात चाहे मध्य प्रदेश की हो या फिर छत्तीसगढ़- राजस्थान की, भाजपा ने इस बार तीनों राज्यों में सीएम चेहरे को घोषित नहीं किया था। भाजपा नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी। और कई चुनावी रैलियों में मोदी ने कहा था कि इस बार चेहरा कमल है।

ASSEMBLY ELECTION RESULTS

भाजपा के जीत का फॉर्मूला

Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ मे भाजपा ने एक तरफा बढ़त बना ली है। अब यह करीब-करीब साफ हो गया है कि तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सेटबैक है। क्योंकि इस हार से न तो कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहरा का फायदा उठा पाई। और न ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकार रख अपने सुशासन का ठपा लगा पाई। जिस तरह भाजपा ने मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़त बनाई है, उससे 2018 की रणनीति से सबक लेने की झलक साफ दिखती है।

सीएम चेहरा नहीं मोदी के नाम पर वोट

बात चाहे मध्य प्रदेश की हो या फिर छत्तीसगढ़, राजस्थान की, भाजपा ने इस बार तीनों राज्यों में सीएम चेहरे को घोषित नहीं किया था। भाजपा नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी। और कई चुनावी रैलियों में मोदी ने कहा था कि इस बार चेहरा कमल है। साफ है कि भाजपा किसी मुख्यमंत्री चेहरे पर दांव नहीं लगाना चाहती थी। वह मध्य प्रदेश में न तो शिवराज सिंह चौहान को सीएम चेहरा बना रही थी, न हीं राजस्थान में वसुंधरा और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को सामने लेकर आई। सारा वोट मोदी ब्रांड पर मांगा गया। और उसका फायदा उन्हें तीनों राज्यों में मिलता दिखाई दे रहा है।

2018 जैसा नहीं चला दांव

साल 2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, उस वक्त भाजपा की मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में सरकार थी। और उस बार तीनों राज्यों के चुनाव सीएम चेहरे के नाम पर लड़े गए थे। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह चेहरा थे। लेकिन यह रणनीति भाजपा के लिए कारगर साबित नही हुई थी। और तीनों राज्यों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन इस बार पार्टी ने ऐसा नहीं किया और उसकी सीएम चेहरा घोषित नहीं करने की राणनीति काम करती दिख रही है।

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Prashant Singh author

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