किला बचाने की आखिरी कोशिश में आजम खान ! सियासी भाषण में भड़काऊ शब्दों की भरमार
Azam Khan Speech in Rampur: रामपुर की एक सभा में आजम खान ने अतीक अहमद का नाम तो सीधे सीधे नहीं लिया। लेकिन क्या यह चाहते हो कोई और कनपटी पर गोली मारकर चला जाए। उन्होंने कहा कि जब वो सरकार में थे तो रामपुर के लिए सरकारी खजाना खुला रहता था।
- रामपुर में आजम खान के जहरीले बोल
- स्वार में हो रहा है उपचुनाव
- इशारों में अतीक अहमद का जिक्र
Azam Khan Speech in Rampur: यूपी में नगर निकाय चुनाव(UP Nikay Chunav 2023) के लिए जोरशोर से प्रचार जारी है। सूबे का रामपुर जिला भी अछूता नहीं। इस जिले में नगरीय निकाय के साथ साथ स्वार विधानसभा सीट(Swar Assembly Bypoll) पर भी मतदान होना है। स्वार पर आजम खान(Samajwadi Party Leader Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम का कब्जा था। लेकिन अयोग्य ठहराए जाने के बाद चुनाव हो रहे हैं। अब बात रामपुर की हो और आजम खान का नाम न आए यह भला कैसे हो सकता है। अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली के गंगाराम में इलाज करा रहे आजम खान चुनावी रण में हैं और अपने बयानों के जरिए अपने वोटर्स को एकजुट करने की कोशिश में अपशब्दों का इस्तेमाल तो किया ही साथ में अतीक अहमद(Atique Ahmed) का नाम लिए बगैर मुसलमानों को डराने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि क्या यह चाहते हो कोई आए और कनपटी पर गोली चलाकर चला जाए।
अपशब्दों की भरमार
रामपुर में हुए विधानसभा उपचुनाव पर आज़म खान ने कहा कि विकास करोगे विकास कागज पर लिख नही सकोगे। अरे राजनेतिक नामर्दो,सियासी हिजड़ों अरे मर्दानगी होती तो चुनाव होता ये चुनाव था ये राजनेतिक हिजड़ापन था। वो दावा करते हैं चुनौती देते हैं,हिंदुस्तान के 150 करोड़ में कोई आओ लड़ो रामपुर वालों से चुनाव अगर रामपुर चुनाव जीत गया तो पूरा रामपुर खाली कर देंगे। जन सभा में बैठे लोग से उन्होंने कहा कि इस सभा में कोई कमी है,इस गली से 4 भौकने वाले चले जाएं तो 40 और आ जायेंगे। स्वार उपचुनाव पर कहा कि देखो हमने मारा ढेला स्वार मेंबड़ा सेहतमंद कुत्ता लेकर आओ मगर जंजीर हाथ में पकड़ कर रखो, फिर मारो ढेला बड़ी जोर से भौंकेगा। एक वक्त वो आएगा तुम्हारे पास ढेले रह जाएगें,और कुत्ते का मुंह खुला रह जायेगा।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि जब किसी की जागीर में कोई दूसरा सेंध लगा देता है तो तिलिमिलाना लाजिमी है। वैसे तो किसी भी हालात में राजनेता संजीदगी का चोला उतार कर नहीं फेंकते। लेकिन खतरा जब अस्तित्व पर हो कोई रास्ता ना मिले तो बौखलाना लाजिमी है। यह बात सच है कि रामपुर जिले में विकास की जितनी पहचान नजर आती है उसमें आजम खान का योगदान है। लेकिन उसका दूसरा पक्ष यह भी ना जाने कितनों के आशियानों को यूनिवर्सिटी बनाने के नाम पर कब्जा लिया। जब शासन और प्रशासन ने पोस्टमार्टम करना शुरू किया तो अनगिनत बातें सामने आईं जो शायद हमेशा हमेशा के लिए दफ्न कर दी गई थीं। ऐसी सूरत में आजम खान के बयान खीझ से भरे हैं, आने वाले समय में आप इससे अधिक निचले दर्जे की भाषा सुन सकते हैं।
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