Lok Sabha Election: चुनाव से पहले ही बढ़ी धर्मेंद्र यादव की मुसीबतें, क्या फिर आजमगढ़ गवां देगी अखिलेश की सपा?
Azamgarh Lok Sabha Seat: आजमगढ़ में एक बार फिर धर्मेंद्र यादव vs दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की जंग हो रही है। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार और अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज हुए हैं। जिससे अखिलेश की टेंशन बढ़नी लाजमी है।
धर्मेंद्र यादव ने बढ़ाई अखिलेश यादव की टेंशन?
Lok Sabha Chunav: मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई अभय राम यादव के बेटे धर्मेंद्र यादव को सपा ने एक बार फिर आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। 2022 के उपचुनाव की तरह एक बार फिर उनका सामना भारतीय जनता पार्टी के नेता और आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' से हो रहा है। इस बीच सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में अखिलेश यादव की टेंशन बढ़नी लाजमी है।
धर्मेंद्र यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला
अखिलेश की टेंशन में इजाफा होना इसलिए भी लाजमी है, क्योंकि आजमगढ़ जैसी हॉट सीट... जिसे सपा का गढ़ कहा जाता रहा है, वहां वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में दिनेश लाल यादव निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को शिकस्त दे दी थी। इस बार अखिलेश भाजपा से बदला लेने के मूड में हैं। यही वजह है कि उन्होंने एक बार फिर अपने भाई धर्मेंद्र यादव को निरहुआ से मुकाबला करने भेज दिया। हालांकि इस बीच आजमगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने धर्मेंद्र के अलावा अन्य 10 लोगों के खिलाफ लिया एक्शन
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर क्षेत्र) शैलेंद्र लाल ने रविवार को बताया कि गत 22 मार्च को मेंहनगर क्षेत्र में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव का काफिला गुजरा था, जिसमें अनुमति से अधिक गाड़ियां शामिल थीं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक आदर्श आचार संहिता लग जाने के बाद कोई भी प्रत्याशी अपने काफिले में 10 से अधिक गाड़ियां लेकर नहीं चल सकता, जबकि धर्मेंद्र यादव की काफिले में 42 गाड़ियां थीं। शैलेंद्र लाल ने बताया कि इसी आधार पर मेंहनगर थाने में धर्मेंद्र यादव तथा 42 अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस प्रकरण की जांच कर रही है।
कहीं अखिलेश ने धर्मेंद्र को टिकट देकर गलती तो नहीं कर दी?
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आखिर क्या सोच रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि अखिलेश ने आजमगढ़ सीट से पिछले उपचुनाव में हारे हुए प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को सपा का उम्मीदवार बनाया है। अखिलेश यादव के विधायक चुने जाने के बाद खाली हुई इस सीट पर वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने धर्मेंद्र को करारी शिकस्त दी थी। तो क्या सपा आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा से उपचुनाव में मिली हार का बदला लेना चाहती है या फिर अखिलेश से कोई गलती हो गई है।
जब निरहुआ ने अखिलेश यादव के भाई को दी थी शिकस्त
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने पर सांसद पद से इस्तीफे के बाद आजमगढ़ में हुए उपचुनाव में उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने पराजित कर दिया था।
2022 के उपचुनाव में किसे कितने वोट मिले?
उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' | भारतीय जनता पार्टी | 312768 |
धर्मेंद्र यादव | समादवादी पार्टी | 304089 |
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली | बहुजन समाज पार्टी | 266210 |
वर्ष 2022 में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव को तीन लाख 12 हजार से अधिक वोट हासिल हुए थे, जबकि धर्मेंद्र यादव को तीन लाख चार हजार से अधिक वोट मिले थे। बसपा के गुड्डू जमाली को दो लाख 66 हजार से अधिक वोट मिले। हाल ही में जमाली ने सपा की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनने का मौका दिया। अब देखना ये होगा कि बसपा इस सीट पर किसे अपना उम्मीदवार बनाती है, क्योंकि उपचुनाव में निरहुआ की जीत में गुड्डू जमाली की बड़ी भूमिका थी।
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