बहरामपुर सीट पर इस बार आसान नहीं जीत की राह, 5 बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी को मिल रही कड़ी चुनौती

Adhir Ranjan Chowdhury : पिछले 55 वर्ष से बहरामपुर शहर के अमर चक्रवर्ती रोड में रह रहे लक्ष्मण हजारी का कहना है कि ऐसा लगता है कि इस जिले की पहचान देश के बाकी हिस्सों में सस्ते कुशल श्रमिकों की आपूर्ति करने वाले क्षेत्र के तौर पर बन गई है।

Adhir Ranjan

बहराम सीट से उम्मीदवार हैं अधीर रंजन।

Adhir Ranjan Chowdhury : लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की चुनावी राह इस बार आसान नहीं रहने वाली है। बंगाल के बहरामपुर सीट से पांच बार सांसद रहे चौधरी को इस बार कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। इस लोकसभा क्षेत्र में बेरोजगारी और श्रमिकों के राज्य से पलायन की समस्या को देखते हुए कांग्रेस उम्मीदवार का इस बार चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस इस क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस सीट पर गुजरात से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को मैदान में उतारा है। चौधरी 1999 से इस सीट से लगातार सीट हासिल करते आ रहे हैं।

पठान के अलावा चौधरी का मुकाबला भाजपा के निर्मल चंद्र साहा से भी है, जो इस क्षेत्र के लोकप्रिय डॉक्टर हैं। इस सीट के लिए 13 मई को मतदान होना है। स्थानीय व्यापारी सुधीर सेनगुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हालांकि, हम अधीर दा को अपना नेता मानते हैं, लेकिन हमें पिछले दशक में बहरामपुर के विकास में उनकी अपेक्षित भागीदारी नहीं दिखी। हमें उनसे बहुत उम्मीदें थीं।’

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पिछले 55 वर्ष से बहरामपुर शहर के अमर चक्रवर्ती रोड में रह रहे लक्ष्मण हजारी का कहना है कि ऐसा लगता है कि इस जिले की पहचान देश के बाकी हिस्सों में सस्ते कुशल श्रमिकों की आपूर्ति करने वाले क्षेत्र के तौर पर बन गई है। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र हैं और तृणमूल 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में उन सात में से छह सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी और केवल एक सीट-बहरामपुर विधानसभा क्षेत्र में उसे भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था।

पकड़ बनाए रखने में विफल हुए हैं अधीर

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि लगातार पांच जीत के बावजूद, चौधरी बहरामपुर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाए रखने में विफल रहे हैं। पार्टी न केवल विधानसभा चुनावों में पिछड़ गई बल्कि पिछले पंचायत और निकाय चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। हालांकि तृणमूल उम्मीदवार यूसुफ पठान ने बहरामपुर में मतदाताओं के एक वर्ग के बीच कुछ उत्साह पैदा किया है, लेकिन विशेषज्ञों ने इस पर संदेह व्यक्त किया है कि इसका कितना हिस्सा वोट में तब्दील होगा।

कांग्रेस ने की टीएमसी की आलोचना

कांग्रेस नेता ने पठान को उम्मीदवार बनाने के लिए तृणमूल की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम वास्तव में भाजपा को मदद करेगा और यह तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का ‘प्रधानमंत्री मोदी को परोक्ष रूप से मैत्री संदेश’ भेजने का एक तरीका है। उन्होंने कहा, ‘पठान को आम लोगों का (सांप्रदायिक आधार पर) ध्रुवीकरण करने और भाजपा की मदद करने के लिए उम्मीदवार के रूप में चुना गया ताकि कांग्रेस को हराया जा सके।’

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पठान को अपनी जीत का भरोसा

आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलकर बंगाल से जुड़े रहने वाले पठान ने अपनी जीत का भरोसा जताया है। इलाके में ‘डॉक्टर बाबू’ के नाम से जाने जाने वाले भाजपा उम्मीदवार डॉ. निर्मल कुमार साहा ने कहा कि लोगों के बीच उनके समर्थन को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती होगी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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