EVM से उठा अखिलेश यादव का भरोसा, बैलट पेपर से चुनाव कराने की कर दी मांग
Akhilesh Yadav On EVM: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बैलट पेपस से वोटिंग कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मतदान के लिए मतपत्र का इस्तेमाल हो, ईवीएम ने अविश्वास की भावना पैदा की है। विपक्ष बार-बार ईवीएम पर सवाल उठाता रहा है।
अखिलेश यादव ने की बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग।
Akhilesh Yadav News: अखिलेश यादव ने शनिवार को चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल की वकालत की और ईवीएम का नाम लिए बिना कहा कि 'इन' मशीनों और (चुनाव के) नतीजों ने लोगों के मन में अविश्वास की भावना पैदा की है। पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए, यादव ने यह भी कहा कि यदि भारत 'बर्गर, पिज्जा और जींस' को लेकर अमेरिकियों का अनुसरण कर रहा है, तो उनके द्वारा मतपत्रों के उपयोग की भी नकल की जानी चाहिए।
अखिलेश यादव ने ईवीएम पर उठाया सवाल
सत्तारूढ़ भाजपा का जिक्र करते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी के पास सत्ता है और वह विमर्श तय करेगी और कोई भी कुछ भी कहेगा, उसे बदल देगी। उन्होंने कहा, 'मैंने कई बार कहा था कि हम प्रौद्योगिकी को समझते हैं और हम तकनीक के साथ बड़े हुए हैं। इस उत्तर प्रदेश में, सपा सरकार ने सबसे ज्यादा लैपटॉप बांटे थे।' सपा प्रमुख ने कहा, 'दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में महीनों तक मतदान होता है और फिर गिनती में महीने लग जाते हैं।'
'एक महीने तक गिनती क्यों नहीं होनी चाहिए?'
अखिलेश ने कहा, '140 करोड़ लोग देश का भविष्य तय करते हैं। आप तीन घंटे में नतीजे क्यों चाहते हैं? एक महीने तक गिनती क्यों नहीं होनी चाहिए?' उन्होंने कहा, 'आज, हम हर क्षेत्र में अमेरिका का अनुसरण कर रहे हैं, चाहे वह बर्गर, पिज्जा या जींस हो। फिर हमें उनके द्वारा मतपत्रों के इस्तेमाल की भी नकल करनी चाहिए।' यादव ने कहा कि जब हाल में उत्तराखंड की एक सुरंग में बचाव अभियान के दौरान अमेरिकी मशीनें विफल हो गईं, तो देश के युवाओं ने लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की।
अखिलेश ने बताई अपनी इस मांग की वजह
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,' सपा का विचार है कि चाहे हम हारें या जीतें, हम चाहते हैं कि लोकतंत्र में विश्वास बढ़े। इन मशीनों और परिणामों ने लोगों के मन में अविश्वास की भावना पैदा की है। शायद तकनीक सही हो सकती है, लेकिन कहीं न कहीं, लोगों में अविश्वास की भावना है। इसलिए, हमारा विचार है कि मतदान मतपत्र के माध्यम से होना चाहिए ।' उन्होंने यह भी कहा कि 2022 में भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान प्रत्येक विधानसभा सीट की मतदाता सूची से यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के नाम बड़े पैमाने पर हटाने के उनके आरोप को साबित करने के लिए उन्हें नोटिस दिया था। अखिलेश ने कहा, 'मैंने मतदाताओं के नाम उनके हलफनामों के साथ निर्वाचन आयोग को भेजे थे, लेकिन उन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।'
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