बेंगलुरू साउथ सीट पर दो युवाओं की टक्कर, BJP के फायरब्रांड नेता तेजस्वी सूर्या का मुकाबला कांग्रेस की सौम्या रेड्डी से
2019 में भाजपा के छह बार के सांसद अनंत कुमार के 2018 में कैंसर के कारण निधन के बाद भाजपा ने तेजस्वी सूर्या को इस सीट के लिए चुना था। तेजस्वी ने पार्टी को निराश नहीं किया।
बेंगलुरु साउथ सीट पर दिलचस्प मुकाबला
- बेंगलुरू साउथ सीट पर इस बार जबरदस्त टक्कर है। तेजस्वी सूर्या के सामने सौम्या रेड्डी की चुनौती है। 2019 में तेजस्वी ने हासिल की थी रिकॉर्ड जीत।
- 2019 में भगवा पार्टी के छह बार के सांसद अनंत कुमार के 2018 में कैंसर के कारण निधन के बाद भाजपा ने तेजस्वी सूर्या को इस सीट के लिए चुना था।
- अनंत कुमार के निधन के बाद तेजस्वी सूर्या ने 2019 में इस सीट से 7.39 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की और 62.20 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था।
Lok Sabha election 2024: कर्नाटक की प्रतिष्ठित बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा। यह सीट खास तौर पर चर्चा में है। यहां मुकाबला दो युवा चेहरों का है जो राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं। बेंगलुरु साउथ में बीजेपी के फायरब्रांड नेता तेजस्वी सूर्या का मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की सौम्या रेड्डी से होगा। आरएसएस के स्वयंसेवक और कानून डिग्रीधारी तेजस्वी सूर्या 2019 से बेंगलुरु दक्षिण के सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब वह इस निर्वाचन क्षेत्र से अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। कर्नाटक की कुल 28 सीटों में से 14 सीटों पर शुक्रवार को दूसरे चरण में मतदान होगा।
अनंत कुमार के निधन के बाद सूर्या को मिला मौका
2019 में भगवा पार्टी के छह बार के सांसद अनंत कुमार के 2018 में कैंसर के कारण निधन के बाद भाजपा ने तेजस्वी सूर्या को इस सीट के लिए चुना। कांग्रेस के दिग्गज नेता बीके हरिप्रसाद को हराने के बाद सूर्या लोकसभा में सबसे कम उम्र के भाजपा सांसद बन गए। सूर्या ने बीके हरिप्रसाद को 3.3 लाख से अधिक वोटों के भारी अंतर से हराकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
कांग्रेस ने खेला सौम्या रेड्डी पर दांव
वहीं, कर्नाटक के मुजराई और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी जयनगर से पूर्व विधायक हैं। सौम्या रेड्डी जयनगर से महज 16 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गई थीं। बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में ब्राह्मण आबादी है और इसका प्रतिनिधित्व ज्यादातर समुदाय के सदस्यों ने किया है।
1996 से ही भाजपा का गढ़
इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। यह 1996 से ही भाजपा का गढ़ रहा है, जब दिवंगत अनंत कुमार ने कर्नाटक के पूर्व सीएम आर गुंडू राव की पत्नी वरलक्ष्मी गुंडू राव के खिलाफ चुनाव जीता था। इसके बाद अनंत कुमार लगातार पांच बार इस सीट से जीतते रहे। उन्होंने 1998 में इस सीट से 4.29 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की और 53.83 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। 1999 के चुनाव में भी उन्होंने लगभग 51 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सीट जीती। अनंत कुमार 2004 और 2009 दोनों आम चुनावों में 48 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ सीट जीतने में कामयाब रहे।
तेजस्वी ने रचा इतिहास
2014 के आम चुनावों में भाजपा के दिग्गज नेता रिकॉर्ड 6.33 लाख वोटों से सीट जीती थी और लगभग 56.88 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। अनंत कुमार के निधन के बाद तेजस्वी सूर्या ने 2019 में इस सीट से 7.39 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की और 62.20 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। यह अनंत कुमार को मिले वोटों से लगभग 5.32 प्रतिशत अधिक था।
तेजस्वी सूर्या का अभियान
2019 की जीत से उत्साहित सूर्या मतदाताओं के बीच पिछले दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों को प्रमुखता से सामने रख रहे हैं। उन्होंने बेंगलुरु दक्षिण में दक्षिणपंथी बुद्धिजीवियों, विशेषकर संघ और संघ परिवार से जुड़े लोगों से बातचीत भी की है। तेजस्वी सूर्या अपने बयानों के कारण लोगों के बीच सुर्खियां बटोरते रहे हैं। एक मौके पर सूर्या ने यह भी कहा था कि भाजपा को बिना किसी खेद के हिंदुओं की पार्टी बनना चाहिए।
सौम्या रेड्डी के लिए बड़ी चुनौती
बीजेपी के इस गढ़ में जीत हासिल करना सौम्या रेड्डी के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। 1977 के बाद से सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बेंगलुरु दक्षिण में केवल एक बार जीत पाई है जब पूर्व सीएम आर गुंडू राव 1989 में विजयी हुए थे। 1989 के बाद से भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की दूसरी जीत सुनिश्चित करने के लिए सौम्या रेड्डी राज्य सरकार की उपलब्धियों की गिना रही हैं। वह बता रही हैं कि कैसे सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की 'शक्ति' गारंटी ने महिलाओं को गैर-लक्जरी बसों में मुफ्त में यात्रा करने की अनुमति दी है। प्रचार के दौरान उन्होंने कांग्रेस की चार अन्य गारंटी- गृह लक्ष्मी, गुरु ज्योति, युवा निधि और अन्न भाग्य को भी प्रमुखता से उठाया है। कर्नाटक में गृह लक्ष्मी योजना का उद्देश्य परिवार की मुखिया महिला को प्रति माह 2,000 रुपये की मौद्रिक सहायता प्रदान करना है।
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