बिहार लोकसभा चुनाव: पांचवें चरण में हाई प्रोफाइल टक्कर, लालू और रामविलास की सियासी विरासत पर लगेगी मुहर
हाजीपुर क्षेत्र रामविलास की कर्मभूमि रही है। यहां से वे रिकॉर्ड मतों से जीतकर गिनीज बुक में नाम भी दर्ज करवा चुके हैं। वहीं, सारण से लालू यादव चार बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।
रोहिणी आचार्य और चिराग पासवान
Saran and Hajipur Seat: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में यूं तो बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, लेकिन लोगों की नजर सारण और हाजीपुर लेाकसभा क्षेत्रों पर होगी। यहां मतदाता बिहार की राजनीति के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान की सियासत की विरासत पर फैसला करेंगे। इस चुनाव में लालू प्रसाद के परिवार की परंपरागत सीट समझे जाने वाले सारण से लालू की विरासत संभालने के लिए विपक्षी दल के महागठबंधन ने उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, एनडीए ने हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से लोजपा संस्थापक के पुत्र चिराग पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया है।
लालू-रामविलास की कर्मभूमि सारण-हाजीपुर
हाजीपुर क्षेत्र रामविलास की कर्मभूमि रही है। यहां से वे रिकॉर्ड मतों से जीतकर गिनीज बुक में नाम भी दर्ज करवा चुके हैं। इस सीट पर सामाजिक आधार हो या वोट बैंक की राजनीति, देश के मुद्दे हों या राज्य के मुद्दे, मतदाताओं ने अधिकतर मौकों पर रामविलास पासवान को ही समर्थन दिया है। सारण से लालू यादव चार बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। सबसे पहले वर्ष 1977 में वह यहां से जीते थे। उसके बाद 1989, 2004 और 2009 में भी लालू प्रसाद ने इस सीट से जीत हासिल की। हालांकि लालू को यहां से हार का भी सामना करना पड़ा है। पहले इस संसदीय सीट का नाम छपरा था।
लालू के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
माना जा रहा है कि इस बार लालू की विरासत संभालने के लिए चुनावी मैदान में उतरी रोहिणी आचार्य को यहां से जीताना न केवल लालू के लिए, बल्कि पूरी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। हालांकि रोहिणी की राह बहुत आसान नहीं है। उनका मुख्य मुकाबला निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी से है। वह भी इस क्षेत्र से जीत का चौका लगा चुके हैं। हाजीपुर की राजनीति में चार दशकों तक वर्चस्व कायम रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पिछला चुनाव यहां से जीते थे। इसके बाद वे राजनीति में अपने को भाई का उतराधिकारी मान रहे थे।
चिराग ठोक रहे हाजीपुर से ताल
हालांकि, इस चुनाव में परिस्थितियां बदल गई हैं और चिराग अपनी पुरानी सीट जमुई को छोड़कर हाजीपुर से ताल ठोक रहे हैं। चिराग का मुख्य मुकाबला राजद के नेता शिवचंद्र राम से है। कहा जा रहा है कि इस सीट के चुनाव का परिणाम न केवल गठबंधन के विजयी सीटों में इजाफा करेगा बल्कि यह भी तय करेगा कि पासवान की विरासत कौन संभालेगा। ऐसे में यह तय है कि राजद और लोजपा (रा) ने भले ही दोनों सीटों से प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन सही मायनों में सारण के परिणाम से जहां लालू की प्रतिष्ठा की परीक्षा होगी, वहीं हाजीपुर में चिराग की ताकत भी आंकी जाएगी। बहरहाल, इन दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। मतगणना 4 जून को होगी। (आईएएनएस)
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