1991 में महज 2 सीटें, 2024 में जीत की हैट्रिक...बीजेपी ने हरियाणा में वो कर दिखाया जो अब तक नहीं हुआ था

2014 से पहले बीजेपी मुख्य रूप से इनेलो और फिर बंसीलाल के नेतृत्व वाली हरियाणा विकास पार्टी (अब कांग्रेस में विलय) जैसी पार्टियों के साथ दूसरी भूमिका निभाने तक सीमित थी। उसने 2014 में पहली बार सभी 90 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ा।

हरियाणा में बीजेपी की प्रचंड जीत

BJP Victory in Haryana: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने जीत की हैट्रिक लगाकर नया इतिहास रचा है। बीजेपी ने यहां फर्श से अर्श तक का हैरतअंगेज सफर तय किया है। साल 2000 में केवल छह विधायकों के साथ, फिर 2005 में दो और 2009 में चार विधायकों के साथ, बीजेपी अब हरियाणा में 48 सीटों तक पहुंच गई है और उसने राज्य में जीत की हैट्रिक बनाई है। यह प्रदर्शन साल 2014 की सफलता से भी आगे निकल गया, जब पार्टी पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई थी।

नतीजों से कांग्रेस-बीजेपी भी हैरान

सत्ता विरोधी लहर को मात देते हुए बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखी और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की वापसी की कोशिश को नाकाम कर दिया। मंगलवार को घोषित किए गए चुनाव नतीजों ने न सिर्फ सियासी पंडितों बल्कि खुद बीजेपी और कांग्रेस को भी हैरान कर दिया। बीजेपी ने राज्य में 48 सीटें जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जो 2014 की तुलना में एक अधिक है। कांग्रेस ने 37 सीटें और आईएनएलडी ने दो सीटें जीतीं। तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत का स्वाद चखा।

इनेलो और बंसीलाल के भरोसे थी पार्टी

बीजेपी ने इस बार हरियाणा की 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी ने सिरसा सीट पर चुनाव नहीं लड़ा, जहां से इसके सहयोगी गोपाल कांडा मौजूदा विधायक थे। हालांकि, कांडा अपनी सीट हार गए। 2014 से पहले बीजेपी मुख्य रूप से इनेलो और फिर बंसीलाल के नेतृत्व वाली हरियाणा विकास पार्टी (अब कांग्रेस में विलय) जैसी पार्टियों के साथ दूसरी भूमिका निभाने तक सीमित थी। उसने 2014 में पहली बार सभी 90 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ा। 2019 में भाजपा ने 40 सीटें जीतीं और जेजेपी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हरियाणा में सरकार बनाई।

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