राजस्थान में प्रचंड बहुमत को लेकर आश्वस्त बीजेपी, इन अभियानों से बूथ स्तर तक पहुंची पार्टी

Rajasthan Election 2023: बीजेपी संगठन ने बूथ लेवल पर सोशल मीडिया के माध्यम से विधानसभाओं में अपने पैर फैलाए हैं। वहीं नमो वॉलिंटियर अभियान, आकांक्षा पेटी अभियान, सामाजिक संपर्क अभियान के तहत ओबीसी, एसटी व एससी वर्ग से संपर्क साधा गया है।

राजस्थान में जीत के लिए भाजपा आश्वस्त

Rajasthan Election 2023: कल यानी 25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 विधानसभा सीटों पर मतदान किया जाएगा। 5.26 करोड़ मतदाता नई सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे। 18-19 साल के 22 लाख 71 हजार 647 नये मतदाता इस बार वोट डालेंगे। राजस्थान में इस समय अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है और विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता पर काबिज होने के लिए बूथ स्तर तक मजबूत किलेबंदी कर दी है। भाजपा ने बूथ स्तर और शक्ति केंद्रों तक माइक्रो मैनेंजमेंट किया है, वहीं वोटर को घर से निकालने के लिए पन्ना प्रमुख तक नियुक्त किए गए हैं। इन सभी का प्रशिक्षण भी भाजपा संगठन द्वारा दिया जा चुका है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में उत्कृष्ट बूथ प्रबंधन का उदाहरण पेश किया है। बीजेपी ने डिजिटल तंत्र को भी बूथ स्तर तक खड़ा किया। इसके तहत फेसबुक पर पार्टी के पौने तीन मिलियन फॉलोअर्स हैं जबकि ट्विटर पर 9 लाख फॉलोअर्स हैं। पूरे प्रदेश में पार्टी के द्वारा 66 हजार वाट्सअप ग्रुप संचालित हैं। पार्टी के समस्त सातों संभाग में आधुनिक कॉल सेंटर्स, साथ ही हर विधानसभा में अलग से कॉल सेंटर और वॉर रूम तैयार है। प्रदेश कार्यालय में बने वॉर रूम से हर विधानसभा की मॉनीटिरंग की जा रही है।

बीजेपी संगठन ने बूथ लेवल पर सोशल मीडिया के माध्यम से विधानसभाओं में अपने पैर फैलाए हैं। वहीं नमो वॉलिंटियर अभियान, आकांक्षा पेटी अभियान, सामाजिक संपर्क अभियान के तहत ओबीसी, एसटी व एससी वर्ग से संपर्क साधा गया है। गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, बूथ व घरों तक वर्कर्स पार्टी की नीतियां व केंद्र की योजनाओं की जानकारी देकर कमल को वोट देने की अपील में जुटे। बीजेपी के शीर्ष नेता एक तरफ गहलोत सरकार पर रैलियों में हमलावर हो रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी संगठन ग्राउंड से लेकर सोशल मीडिया तक पर पूरी मुस्तैदी से जुटा है। पार्टी के कार्यकर्ता बिना नींद की परवाह किए बूथ स्तर तक काम में जुटे हैं। चुनाव में भगवा दल ने गहलोत को चक्रव्यूह में फंसा दिया है और जीत के लिए मजबूत किलेबंदी कर ली है।

End Of Feed