घाटी की 28 सीटों पर BJP ने नहीं उतारे उम्मीदवार, काम कर गई सियासी रणनीति तो खिलेगा कमल?

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: रिपोर्टों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा गया कि 'स्थानीय भाजपा नेताओं का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन के कई साल पार्टी को दिए। हम ऐसे समय भाजपा के साथ आए जब उसके साथ आने के लिए कोई तैयार नहीं था। पार्टी के इस फैसले से हम दुखी और नाराज हैं।

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जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान।

मुख्य बातें
  • जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों के लिए तीन चरणों में हो रहा मतदान
  • जम्मू रीजन की सभी 43 सीटों के लिए भाजपा ने उतारे हैं अपने उम्मीदवार
  • घाटी की 47 सीटों में से भाजपा ने केवल 19 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। पहले चरण का मतदान बुधवार को होगा। पहले चरण में 24 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर 219 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 16 सीट पर भाजपा चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन ने इन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। पहले चरण में कई पूर्व मंत्रियों, सांसदों व विधायकों की किस्मत दांव पर लगी है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी पहली बार मैदान में हैं। अधिकांश सीटों पर त्रिकोणीय या फिर बहुकोणीय मुकाबला है। खास बात यह है कि जम्मू की सभी सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है लेकिन घाटी की 47 सीटों में से वह केवल 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

घाटी में केवल 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही BJP

घाटी की केवल 19 सीटों पर चुनाव लड़ने का भाजपा का यह फैसला उसके कार्यकर्ताओं और चुनाव की तैयारी करने वाले नेताओं में ठीक नहीं गया। बाकी सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने के पार्टी के इस फैसले स्थानीय भाजपा नेता नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि टिकट पाने की उम्मीद लगाए स्थानीय नेता अपने सियासी भविष्य को लेकर ऊहापोह में हैं। रिपोर्टों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा गया कि 'स्थानीय भाजपा नेताओं का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन के कई साल पार्टी को दिए। हम ऐसे समय भाजपा के साथ आए जब उसके साथ आने के लिए कोई तैयार नहीं था। पार्टी के इस फैसले से हम दुखी और नाराज हैं। चुनाव में जब टिकट देने की बारी आती तो पार्टी ने हम पर भरोसा नहीं किया। भाजपा ने या तो सीट खाली छोड़ दी या उन्हें टिकट दिया जो कि नए हैं।'

रणनीति के तहत नहीं उतारे उम्मीदवार

28 सीटों पर उम्मीदवार ना उतारे जाने के जवाब में भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा, 'यह चुनाव हमारे लिए टेस्ट है। अगर हमें आज कामयाबी मिलती है तो आगे इससे ज्यादा उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे। वैसे भी हमें उम्मीद है कि कश्मीर घाटी में कमल खिलेगा और कम से कम हम सात सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं।' ठाकुर का कहना है कि इन 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारना पार्टी की मजबूरी नहीं बल्कि एक रणनीति है।

तो यह है रणनीति!

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा जम्मू कश्मीर में इस बार दो रणनीति पर काम कर रही है। पहली रणनीति, जम्मू रीजन की सभी 43 सीटें जीतने की है ताकि सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 46 तक पहुंचा जा सके। भगवा पार्टी की दूसरी रणनीति घाटी में इंडिया गठबंधन को कमजोर करने की है। भाजपा का मानना है कि जम्मू की वह सभी सीटें अगर जीत जाती है और घाटी की कई सीटें यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन हार जाता है तो वह सरकार नहीं बना पाएगा। ऐसे में निर्दलीय एवं क्षेत्रीय दलों को लेकर वह सरकार बना सकती है। सूत्रों का कहना है कि रणनीति के तहत भाजपा घाटी में उन निर्दलीय उम्मीदवारों को जीताने में मदद कर रही है जो कांग्रेस, नेक्रॉं गठबंधन को हराने की क्षमता रखते हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा की सभी 90 सीटों पर मतदान 5 अक्टूबर को होगा और नतीजे आठ अक्टूबर को आएंगे।

तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन यानी सोमवार को चिनाब घाटी में तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे। चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों तथा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिलों में फैलीं 24 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होगा। भाजपा प्रवक्ता और मीडिया केंद्र के प्रभारी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया, ‘गृह मंत्री 16 सितंबर को रामबन, किश्तवाड़ और पड्डेर में तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे।’
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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