'उधार के नेताओं' को टिकट, पार्टी में आंतरिक कलह, स्थानीय नेता नाराज...झारखंड में BJP के सामने कई चुनौतियां
राज्य में 14 लोकसभा सीटों पर 13 मई से चार चरणों में मतदान होगा। भाजपा अपने सहयोगी दल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर हुए समझौते के अनुसार 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है ...
झारखंड में बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती
Tough Challenge for BJP in Jharkhand: झारखंड में पिछले तीन लोकसभा चुनावों में दबदबे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को आंतरिक कलह, टिकट वितरण को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी और कुछ इलाकों में आदिवासी विरोध के कारण इस बार कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा नेताओं ने खुद यह बात कही है। राज्य में 14 लोकसभा सीटों पर 13 मई से चार चरणों में मतदान होगा। भाजपा अपने सहयोगी दल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर हुए समझौते के अनुसार 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आजसू गिरीडीह लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।
10 सीटों पर दूसरे पार्टियों से आए नेताओं को दिया टिकट
एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, तीन प्रत्याशियों को छोड़कर भाजपा ने उन लोगों को टिकट दिए हैं जो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर या पहले पार्टी में शामिल हुए हैं। इससे पुराने नेताओं के बीच खराब संकेत गया है। हमें धनबाद निर्वाचन क्षेत्र से बाघमारा के विधायक ढुलू महतो के नामांकन से धक्का लगा है। पार्टी ने मौजूदा सांसद पशुपति नाथ सिंह का टिकट काट दिया है। इससे हमारे कार्यकर्ताओं और ऊपरी जाति के मतदाताओं के एक वर्ग ने बगावत कर दी है। पहले झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का हिस्सा रहे महतो पर दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह 2014 में भाजपा में शामिल हुए।
कांग्रेस का तंज, उधार के नेताओं पर बीजेपी का दांव
बहरहाल, किसी भी वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस पर टिप्पणी नहीं की है लेकिन कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, भाजपा उधार के नेताओं पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे फैसले के बाद उसके कार्यकर्ता ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। भाजपा घबराई हुई है।
दुमका में पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष
भाजपा ने दुमका सीट से अपने प्रत्याशी व मौजूदा सांसद सुनील सोरेन को हटाकर सीता सोरेन को उम्मीदवार बना दिया है जो 20 मार्च को भाजपा में शामिल हुईं। सीता तीन बार की विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। सुनील ने 2019 के लोकसभा चुनाव में झामुमो अध्यक्ष को 47,590 मतों से हराया था। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, सुनील को शुरुआत में दोबारा नामित किया गया था लेकिन उनकी जगह सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाया गया है। सुनील की उम्मीदवारी वापस लेने के बाद पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं में असंतोष है। ऐसी अटकलें हैं कि झामुमो पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रतिष्ठित दुमका सीट से खड़ा कर सकती है जो अभी जेल में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जमीन धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के एक मामले के संबंध में 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।
हजारीबाग में काटा जयंत सिन्हा का टिकट
भाजपा ने हजारीबाग में मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा के स्थान पर स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को नामित किया है। जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं जो मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं। पार्टी के एक अन्य नेता ने बताया कि हजारीबाग में प्रत्याशी बदले जाने से सिन्हा के वफादार कार्यकर्ता नाराज हैं। भाजपा नेता ने यह भी बताया कि पार्टी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा क्योंकि कोयला और शराब कारोबार को लेकर जायसवाल की छवि ठीक नहीं है और सिन्हा के परिवार की इस निर्वाचन क्षेत्र में पकड़ है। कांग्रेस ने भाजपा के मांडू से विधायक रहे जय प्रकाशभाई पटेल को प्रत्याशी बनाया है जो हाल में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा कि पटेल के पास अच्छे-खासे वोट हैं, खासतौर से क्षेत्र में महतो और कुर्मी समुदायों के बीच और उनके पिता टेक लाल महतो एक सांसद हैं तथा मतदाताओं पर परिवार का प्रभाव भी है।
खूंटी में अर्जुन मुंडा के सामने मुश्किल चुनौती
खूंटी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद अर्जुन मुंडा के लिए मुकाबला आसान नहीं होने जा रहा है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत का अंतर महज 1,445 वोट था। कांग्रेस ने इस सीट से कालीचरण मुंडा को खड़ा किया है जो पांच साल पहले दूसरे स्थान पर आए थे। भाजपा इस बार झामुमो से राजमहल सीट छीनने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में विजय कुमार हंसदक ने भाजपा प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू को हराया था। भाजपा ने इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है और झारखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को राजमहल से टिकट दिया है।
लोहरदगा में भी मौजूदा सांसद का काटा टिकट
लोहरदगा में पिछली बार मामूली अंतर से जीतने वाली भाजपा ने इस बार झारखंड से अपने राज्यसभा सदस्य समीर उरांव पर विश्वास जताया है और उसे उम्मीद है कि उम्मीदवार बदलने से यह सीट हासिल करने में मदद मिलेगी। उसने मौजूदा सांसद सुदर्शन भगत का टिकट काट दिया है जो पिछली बार 10,000 से अधिक मतों के अंतर से जीते थे। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से सुखदेव भगत को खड़ा किया है जो 2019 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे तथा उनका इस निर्वाचन क्षेत्र में मजबूत आधार है जिससे भाजपा प्रत्याशी के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है।
सिंहभूम में गीता कोड़ा को टिकट, स्थानीय भाजपा नेता नाराज
सिंहभूम से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के नामांकन से भी स्थानीय भाजपा नेता नाराज हैं क्योंकि वह इस बार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी में शामिल हुई हैं। गीता सिंहभूम से झारखंड की इकलौती कांग्रेस सांसद थी। झामुमो के सूत्रों ने बताया कि पार्टी इस सीट से राज्य के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ को प्रत्याशी बना सकती है। बहरहाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। (नमिता तिवारी)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसे देगी टिकट? आज मीटिंग, दिग्गजों को मैदान में उतारने की तैयारी
Delhi Chunav: दिल्ली की महरौली विधानसभा में किन मुद्दों पर होगा इस बार का चुनाव? लोगों ने बयां किया सबकुछ
Delhi Voter List: दिल्ली वोटर लिस्ट मामले को लेकर ERO के पास पहुंची AAP, दी चेतावनी
इसी सत्र में आ सकता है 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल, आम सहमति की तैयारी में सरकार; JPC भी ऑप्शन में!
दिल्ली विधानसभा चुनाव में झुग्गी निवासियों की समस्याओं का मुद्दा कितना अहम? BJP ने AAP सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited