Rajasthan Chunav: टीम वर्क से राजस्थान में कमल खिलाने में जुटी भाजपा, टेंशन में कांग्रेस नेतृत्व
Rajasthan Assembly Election 2023: बीजेपी एक तरफ गहलोत सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ पार्टी बूथ स्तर तक संगठन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी 20-20 घंटे काम कर रहे हैं। वहीं दिल्ली और जयपुर से बूथ स्तर तक चुनाव अभियान की मॉनीटिरंग की जा रही है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023।
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में मतदान का दिन नजदीक आ गया है। 10 दिन बाद राजस्थान की जनता ईवीएम पर बटन दबाकर मतदान करेगी। जैसे जैसे मतदान का दिन करीब आता जा रहा है, वैसे वैसे बीजेपी राज्य की सत्ता में बैठी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार पर हमलावर हो रही है। विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हर चक्रव्यहू की रचना कर रही है।
गहलोत सरकार को चौतरफा घेर रही BJP
भाजपा हर हाल में सत्ता हासिल करना चाहती है और इसीलिए गहलोत सरकार को चौतरफा घेर रही है। भ्रष्टाचार, अपराध, पेपरलीक, बहन बेटियों के अपमान को लेकर गहलोत सरकार को जमकर निशाना बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी संगठन पूरे सामंजस्य और एकजुटता के साथ कमल खिलाने के प्रयास में लगा है।
चुनाव प्रबंधन से कांग्रेस टेंशन में
बीजेपी एक तरफ गहलोत सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ पार्टी बूथ स्तर तक संगठन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी 20-20 घंटे काम कर रहे हैं। वहीं दिल्ली और जयपुर से बूथ स्तर तक चुनाव अभियान की मॉनीटिरंग की जा रही है। इसी का परिणाम है कि धरातल से लेकर सोशल मीडिया तक पर भारतीय जनता पार्टी, चुनाव अभियान में कांग्रेस से कहीं आगे चल रही है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर पूरी चुनावी रणनीति में भाजपा के टीम वर्क की झलक साफ नजर आ रही है। विरोधी भी भाजपा की इस मजबूत टीम के माइक्रो मैनेजमेंट की प्रशंसा अंदरखाने कर रहे हैं। भाजपा के इस मजबूत चुनाव प्रबंधन से कांग्रेस भी टेंशन में है। भाजपा की इस टीम का मुख्य लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को राजस्थानकी सत्ता में लाना है।
अध्यक्ष और संगठन महामंत्री का तालमेल
पार्टी अध्यक्ष सीपी जोशी और महामंत्री संगठन चंद्रशेखर पूरे चुनाव अभियान का मिल कर प्रबंधन कर रहे हैं और राज्य भर में हर छोटी बड़ी गतिविधि की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। रात के दो बजे तक पार्टी कार्यालय पर बैठकर दोनों लोग पार्टी को सत्ता में लेगी योजना पर विचार कर रहे हैं और उसे कैसे अमल में लाया जा सकता है, इसकी चिंता कर रहे हैं। अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के इस तालमेल से ही चुनाव अभियान इतना धारधार नजर आ रहा है। इसी तालमेल से आज भाजपा का डिजिटल तंत्र बूथ स्तर तक खड़ा है। पूरे प्रदेश में पार्टी के द्वारा 66 हजार वाट्सअप ग्रुप संचालित हैं। इसी प्रकार प्रदेशभर में 70 लाख वाट्सग्रुप बनाकर उसके माध्यम से लोगों को पार्टी से कनेक्ट कराया। सात संभाग में आधुनिक कॉल सेंटर्स साथ हर विधानसभा में अलग से कॉल सेंटर तैयार हुए हैं। इसी प्रकार नवमतदाता अभियान चलाकर करीब 25 लाख नए मैंबर बनाए गए और संगठन लगातार उनसे कनेक्ट रहता है।
अनुभवी नेताओं से संगठन ले रहा सलाह
पार्टी अध्यक्ष सीपी जोशी और महामंत्री संगठन चंद्रशेखर के अलावा भाजपा के अनुभवी नेता, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्र में मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह राठौर जी, पूर्व सांसद नारायण पंचारिया लगातार पूरे चुनाव अभियान की बूथ स्तर तक मॉनीटरिंग कर रहे हैं। एक टीम की तरह सभी मंडल से लेकर जिलास्तर के कार्यकर्ताओं, पन्ना प्रमुखों, विस्तारकों और प्रवासियों से सीधे संपर्क कर फीडबैक ले रहे हैं। ये नेता क्षेत्र में चुनाव प्रचार के साथ-साथ कमॉनीटरिंग और मैनेजमेंट का काम कर रहे हैं। नियमित रूप से चुनाव प्रबंधन की टीम जयपुर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कई बार बैठती है और पूरे अभियान की समीक्षा करती है। पार्टी के चुनाव अभियान के फैसले भी टीम में चर्चा के बाद लिए जाते हैं। सोशल मीडिया, आईटी, मीडिया से लेकर प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार तंत्र की मॉनीटरिंग का काम भी यही टीम कर रही है। साथ ही दूसरे राज्यों से आए प्रवासी कार्यकर्ताओं को भी रणनीति तैयार कर चुनाव में उतारा गया है। इसी का नतीजा है कि भाजपा ने अपने चुनाव अभियान से कांग्रेस नेतृत्व की सांसें फुला रखी हैं।
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