Gujarat में फिर से लहराया भगवा, BJP जीत में ये 5 बड़े फैक्टर रहे अहम-VIDEO
bjp Gujarat wins five reason: गुजरात में बीजेपी को एक बार फिर सत्ता दिलाने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जानिए बीजेपी की गुजरात में जीत के ये अहम कारण रहे।
गुजरात में बीजेपी को एक बार फिर सत्ता दिलाने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है
गुजरात चुनाव में एक बार फिर बीजेपी को बड़ी जीत मिली है. 27 सालों से जो विश्वास बीजेपी ने जनता के बीच बनाया था उसपर एक बार फिर से जनता ने मुहर लगाई है, ऐसा क्या है कि गुजरात में एक बार फिर से बीजेपी पर जनता ने विश्वास दिखाया है और सत्ता सौंपी है, हम आपको इस वीडियो 5 ऐसे ही बड़े कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं कि बीजेपी कैसे जीती है।
1. मोदी इफेक्ट
गुजरात में बीजेपी को एक बार फिर सत्ता दिलाने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रदेश में बीजेपी कमजोर पड़ रही थी. कई बड़े आंदोलन प्रदेश सरकार के खिलाफ हुए, लेकिन प्रचार की कमान जब मोदी ने संभाली तो सभी मुद्दे पीछे छूट गए. मोदी ने धुंआधार 36 से ज्यादा रैलियां कीं और अपने व्यक्तित्व के करिश्मे से सीधे वोटरों तक पहुंचने में कामयाब रहे. उन्होंने हर सभा में गुजराती में भाषण दिया और 'गुजरात के बेटे' को जिताने की भावनात्मक अपील की. मोदी का यह दांव काम कर गया.
2. मोदी-शाह का लोकल कनेक्ट
पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान खुद को गुजरात का बेटा बताते हुए इस चुनाव को सीधे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ दिया. अमित शाह भी गुजरात की मिट्टी में ही राजनीति करते हुए परिपक्व हुए हैं. बीजेपी के इन दो दिग्गजों का गुजरात से होना, पार्टी के लिए बड़ा फैक्टर रहा. दोनों नेता गुजराती भाषा में प्रचार कर वोटरों तक सीधे पैठ बनाने में कामयाब रहे, जबकि राहुल हिंदी में भाषण देते थे. कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा गुजरात में नहीं था. कांग्रेस दो बड़े नेता अर्जुन मोढवाडिया और शक्ति सिंह गोहिल चुनाव भी हार गए.
4. बीजेपी के 'चाणक्य' का कमाल
टीम बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भी कई दिग्गज चेहरे रहे जिनका बीजेपी की जीत में अहम योगदान है. बीजेपी के 'चाणक्य' कहे जाने वाले अध्यक्ष अमित शाह, सीएम विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, कई केंद्रीय मंत्री, अन्य राज्यों से आए नेताओं ने जमकर प्रचार किया और वोटर्स को अपने पक्ष में किया.
4. भरोसा जीतने में नाकाम कांग्रेस
गुजरात में 22 साल के सत्ता के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने भरपूर कोशिश की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जमकर मेहनत की और मोदी के गढ़ में जाकर उन्हें चैलेंज किया, लेकिन कांग्रेस वोटरों में यह भरोसा जगाने में नाकाम रही कि वह सरकार बना सकती है. लोगों में यह संदेश गया कि कांग्रेस खुद के बल पर नहीं बल्कि हार्दिक, जिग्नेश और अल्पेश के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है. प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार में कूदने के बाद कांग्रेस की यह नकरात्मक छवि और मजबूत हुई.
5. दिल्ली मॉडल खारिज
गुजरात की जनता ने अपने गुजरात मॉडल के आगे अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल को खारिज कर दिया. आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा दमखम दिखाया था और दावा किया था कि सरकार बनाएंगे. फ्री शिक्षा, स्वस्थ्य और बिजली वाली रेवड़ियां खाने के मूड में गुजराती इस बार नजर नहीं आए. यही कारण रहा कि गुजरात की जनता ने दिल्ली मॉडल का सिरे से खारिज कर आम आदमी पार्टी के मनसूबों पर पानी फेर दिया.
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