जाटलैंड से लेकर पूर्वांचल तक, हर जगह BJP के किले में लगी सेंध, इन 6 मुद्दों ने बिगाड़ा खेल

पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों के गढ़ों में सत्तारूढ़ गठबंधन की सीटें आधी हो गईं। इसके अलावा, सत्ता विरोधी भावना का असर मोदी की जीत के अंतर में भी दिखा ...

यूपी में बीजेपी को लगा झटका

BJP Lost Seats in UP: लोकसभा चुनाव 2024 में तमाम राजनीतिक पंडितों के दावों को झुठलाते हुए विपक्षी इंडिया गुट ने पूरे उत्तर प्रदेश में सफलता हासिल की। अखिलेश-राहुल की जोड़ी ने मतदाताओं पर ऐसा जादू चलाया कि बीजेपी चारों खाने चित्त हो गई। जिस यूपी ने पिछले दो चुनावों 2014 और 2019 में बीजेपी को दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाया था, उसी ने सबसे बड़ा झटका दे डाला। पश्चिमी यूपी की जाट भूमि से लेकर सुदूर पूर्व में पूर्वांचल तक, एनडीए को भारी नुकसान हुआ। परिणाम ये हुआ कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला एनडीए 2019 में अपनी 64 सीटों में से 28 सीटें खोकर 36 पर आ गया।

पीएम मोदी-सीएम योगी के गढ़ में हुए आधे

पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों के गढ़ों में सत्तारूढ़ गठबंधन की सीटें आधी हो गईं। इसके अलावा, सत्ता विरोधी भावना का असर मोदी की जीत के अंतर में भी दिखा जो 2019 में पिछली बार के मुकाबले एक तिहाई तक कम हो गया। इसके अलावा एनडीए के सात मंत्री चुनाव हार बैठे। स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति, डॉ महेंद्र चंद्र पांडे, अजय मिश्रा टेनी, संजीव बालियान, कौशल किशोर और बीपीएस वर्मा इस बार संसद नहीं पहुंच सके।

इन 6 मुद्दों ने पहुंचाया भाजपा को नुकसान

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, अवध, बुंदेलखंड, रोहिलखंड और ब्रज क्षेत्र के माध्यम से पश्चिम से पूर्व तक हर चरण में अपनी कहानी बदलने के बावजूद, भाजपा मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रही। विपक्ष द्वारा उठाए गए महंगाई, अग्निवीर योजना, पेपर लीक और बेरोजगारी जैसे मुद्दे और संविधान में बदलाव और गरीबों के लिए आरक्षण को खत्म करने के इर्द-गिर्द फैलाई गए मुद्दों का नतीजा भाजपा को सीटों के नुकसान के रूप में सामने आया।

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