Haryana Elections 2024: सोनीपत से लेकर फरीदाबाद तक इन सीटों पर BJP के लिए सिर दर्द बने बागी, AAP ने दिया मौका

Haryana Vidhansabha Chunav 2024 : भाजपा को सोनीपत, पानीपत, हिसार, फरीदाबाद से लेकर कई जगहों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पार्टी अपने बागी नेताओं को समझाने का प्रयास भी कर रही है। महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर रामबिलाश शर्मा का नामांकन उसने वापस करा लिया है।

Haryana Assembly Elections 2024

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024

मुख्य बातें
  • टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दल के टिकट पर या निर्दलीय मैदान में उतरे बागी
  • सबसे ज्यादा बागी नेताओं का सामना भाजपा और कांग्रेस को करना पड़ा है
  • भाजपा और कांग्रेस के कई बागी नेताओं को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है
Haryana Assembly Elections 2024 : चुनाव में बागी होना और चुनाव लड़ना नई बात नहीं है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने पर बहुत सारे नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल का दामन थामते हैं। वे या तो दूसरी पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी ऐसे बागी नेताओं की भरमार हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर ये बागी नेता दूसरे दलों के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं। सबसे ज्यादा बागी नेताओं का सामना भाजपा को करना पड़ रहा है। बागी नेताओं में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और ऐसे नेता एवं कार्यकर्ता हैं जिन्हें टिकट नहीं मिला है।

भाजपा को बागियों को मनाने की उम्मीद

भाजपा को सोनीपत, पानीपत, हिसार, फरीदाबाद से लेकर कई जगहों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पार्टी अपने बागी नेताओं को समझाने का प्रयास भी कर रही है। महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर रामबिलाश शर्मा का नामांकन उसने वापस करा लिया है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 16 सितंबर है और पार्टी को उम्मीद है कि वह कुछ और बागी नेताओं को नामांकन वापस करा लेगी। इस बार भाजप से टिकट नहीं मिलने पर देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल हिसार से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। तो सोनीपत में पूर्व मंत्री कविता जैन भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। अटेली सीट पर संतोष यादव बागी हुए हैं। पानीपत से हिमांशु शर्मा, महम सीट पर शमशेर खरखरा भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

चुनाव में अकेले उतरी है भाजपा

पृथला सीट पर दीपक डार, हथीन से केहर सिंह राव और फरीदाबाद से नागेंद्र भड़ाना भाजपा के लिए चुनौती बन गए हैं। इस बार गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी भाजपा के साथ नहीं है। कांडा इनेलो के साथ चले गए हैं। खास बात यह है कि हरियाणा चुनाव में भाजपा इस बार अकेले चुनाव मैदान में उतरी है, किसी भी पार्टी के साथ उसका गठबंधन नहीं है। आम आदमी पार्टी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वह अलग-अलग दलों से आए बागी नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। उसने कांग्रेस के खिलाफ भी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। जानकार मान रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों में सेंधमारी करेगी। इससे दोनों दलों को नुकसान होगा। बातचीत असफल होने के बाद आप ने कांग्रेस के तीन और भाजपा के पांच बागियों को अपना उम्मीदवार बनाया है।

89 सीट पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 89 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और गठबंधन के तहत एक सीट उसने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को दी है। मुख्य विपक्षी दल द्वारा हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 89 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी के साथ उसके गठबंधन की संभावना फिलहाल खत्म हो गई है।कांग्रेस द्वारा घोषित 89 उम्मीदवारों में किसी भी वर्तमान सांसद का नाम नहीं है जबकि राज्य से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के कुछ सांसद तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखे जाते हैं। इनमें कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम प्रमुख हैं।

कलायत से विकास सहारण प्रत्याशी

कांग्रेस ने अपने किसी सांसद को टिकट नहीं दिया, लेकिन राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखने वाले कई नेताओं और नेता-पुत्रों को टिकट दिया है।
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के पुत्र आदित्य सुरजेवाला को कैथल से उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस ने हिसार से अपने लोकसभा सदस्य जयप्रकाश के पुत्र विकास सहारण को कलायत से उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह के पुत्र तथा पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को उचाना कलां से टिकट दिया गया है जहां वह पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला को चुनौती देंगे। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुईं किरण चौधरी की पुत्री श्रुति चौधरी के खिलाफ तोशाम विधानसभा क्षेत्र से उनके चेचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार हैं।

चंद्र मोहन एक बार फिर पंचकूला से उम्मीदवार

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र और पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्र मोहन एक बार फिर पंचकूला से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। चंद्र मोहन के भतीजे भव्य बिश्नोई हिसार में आदमपुर से भाजपा उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री अजय यादव के पुत्र और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के दामाद चिरंजीव राव को एक बार फिर से रेवाड़ी से उम्मीदवार बनाया है। राव इस क्षेत्र से वर्तमान में विधायक हैं। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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