कैसरगंज-रायबरेली सीट पर BJP ने लगाया ठाकुर चेहरों पर दांव, साधे एक तीर से कई निशाने

Karan Bhushan Singh: रणनीतिकार मानते हैं कि ठाकुर उम्मीदवार बनाकर भगवा पार्टी ने क्षत्रिय समाज की नाराजगी एक हद तक दूर करने की कोशिश की है। दूसरा कैसरगंज में मौजूदा सांसद एवं महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे बृज भूषण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया।

कैसरगंज से करण भूषण सिंह भाजपा उम्मीदवार।

Karan Bhushan Singh: पिछले दिनों गुजरात के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समाज को लेकर एक विवादित बयान दिया। उनके इस बयान से क्षत्रिय समाज काफी नाराज हुआ और उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट न देने की मांग की लेकिन भाजपा ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए उन्हें राजकोट से उम्मीदवार बनाया। इससे नाराज क्षत्रियों ने अपना आक्रोश जाहिर किया और कहा कि चुनाव में वह भाजपा के लिए वोट नहीं करेंगे।

क्षत्रिय समाज की एकजुटता का असर पश्चिमी यूपी में भी देखने को मिला। बहरहाल, मामला अब शांत है। इस बीच, यूपी की दो हाई प्रोफाइल सीटों रायबरेली और कैसरगंज में भाजपा ने दो ठाकुर उम्मीदवारों को टिकट दिया है। रणनीतिकार मानते हैं कि ठाकुर उम्मीदवार बनाकर भगवा पार्टी ने क्षत्रिय समाज की नाराजगी एक हद तक दूर करने की कोशिश की है। दूसरा कैसरगंज में मौजूदा सांसद एवं महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे बृज भूषण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया।

एक तीर से साधे दो निशाने

भाजपा ने एक तो बृज भूषण सिंह का टिकट काटकर विरोधी दलों को हमलावर होने का मौका नहीं दिया है, दूसरा उनके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाकर बृज भूषण शरण सिंह को नाराज भी नहीं किया है। इस तरह से उसने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। कैसरगंज से इस बार बृज भूषण शरण सिंह चुनाव लड़ेंगे कि नहीं भाजपा ने इस पर अंतिम समय तक सस्पेंस बनाकर रखा। हालांकि, उसने बृज भूषण को संकेत जरूर दे दिया था कि इस बार उन्हें टिकट मिलना आसान नहीं होगा।

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