BJP vs Congress Manifesto: महिलाओं के लिए किसने क्या वादा किया? देखें संकल्प पत्र और न्यायपत्र में क्या-क्या मुद्दे शामिल

BJP vs Congress Manifesto : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। भाजपा के संकल्प पत्र और कांग्रेस के न्याय पत्र में महिलाओं से जुड़े क्या-क्या मुद्दे शामिल किए गए हैं? आपको दोनों पार्टियों के सभी वादों से रूबरू करवाते हैं।

BJP vs Congress Manifesto Women

भाजपा का संकल्प पत्र vs कांग्रेस का न्यायपत्र

Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने 'संकल्प पत्र' में महिलाओं पर खास जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में संकल्प पत्र जारी किया गया। इस संकल्प पत्र में महिलाओं के लिए क्या-क्या मुद्दे शामिल किए गए हैं। आपको बताते हैं कि भाजपा के संकल्प पत्र और कांग्रेस के न्यायपत्र में महिलाओं से क्या वादे किए गए हैं।

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भाजपा ने महिलाओं से क्या वादा किया?

मोदी की गारंटी के तहत नारी शक्ति का सशक्तिकरण के लिए भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कई मुद्दे शामिल किए हैं। भाजपा ने संकल्प पत्र में कहा कि 'विकसित भारत बनाने की यात्रा में देश की नारी शक्ति की समान भागीदारी सुनिश्चित करना हमारी प्रतिबद्वता है। हम नए कानूनी प्रावधानों और नीतियों के माध्यम से महिलाओं का गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करके उन्हें समान विकास के अवसर प्रदान करेंगे।'

BJP के संकल्प पत्र में महिलाओं के लिए क्या खास?

1). तीन करोड़ लखपति दीदियां

हमने एक करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर सशक्त किया है। अब हम तीन करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे।

2). महिला SHG को सर्विस क्षेत्र से जोड़ेंगे

हम महिला SHG को कौशल और संसाधनों के माध्यम से आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रिटेल और पर्यटन के क्षेत्रों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने के नए अवसर प्रदान करेंगे।

3). महिला SHG उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाएंगे

हम महिला SHG को एक जिला-एक उत्पाद, एफपीओ, एकता मॉल, एक स्टेशन-एक उत्पाद जैसी योजनाएं एवं ओएनडीसी, GeM पोर्टल से जोड़कर उनके उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे।

4). कामकाज़ी महिलाओं के लिए सुविधाएं

हम औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण करेंगे जिसमें शिशुगृह जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी।

5). खेल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाएंगे

हमारी महिला खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया है। हम महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए इससे जुड़े कार्यक्रमों और सुविधाओं का विस्तार करके महिलाओं की खेलों में बढ़ती भागीदारी को सुनिश्चित करेंगे।

6). महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण एवं रख-रखाव

हमने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करके महिलाओं को सम्मानजनक जीवन प्रदान किया है। अब हम महिलाओं की गरिमा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और रख-रखाव सुनिश्चित करेंगे।

7). महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा

एनीमिया, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, सर्वाइकल कैंसर जैसी समस्याओं पर विशेष ध्यान देकर, महिलाओं के स्वस्थ जीवन के लिए और अधिक प्रयास करेंगे। एक विशेष अभियान चलाकर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को पूर्णता से दूर करेंगे।

8). नारी शक्ति वंदन अधिनियम का क्रियान्वयन

हमने वर्षों से लंबित नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पारित किया है। हम इसे व्यवस्थित रूप से लागू करके लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करेंगे।

9). शक्ति डेस्क का विस्तार

हमने पुलिस स्टेशन में शक्ति डेस्क (महिला हेल्प डेस्क) स्थापित की है। अब, हम शिकायतों की समयबद्ध जांच और समाधान के लिए इनका विस्तार करेंगे।

10). आपातकालीन हेल्पलाइन 112

हम इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली) का विस्तार करके, आपातकालीन हेल्पलाइन 112 की क्षमता को बढ़ाएंगे।

महिलाओं से कांग्रेस ने किए ये वादे

नारी न्याय के तहत कांग्रेस ने महिलाओं के लिए न्याय का मुद्दा अपने मेनिफेस्टो में शामिल किया है। इसके तहत कांग्रेस ने दावा किया है कि वो हर परेशान महिलाओं को न्याय दिलाने का संकल्प लेती है। नारी न्याय में कांग्रेस ने तीन मुद्दे शामिल किए हैं।

1. कांग्रेस ने प्रत्येक गरीब भारतीय परिवार को बिना शर्त नकद हस्तांतरण के रूप में एक लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने के लिए एक महालक्ष्मी योजना शुरू करने का संकल्प लिया है। हितग्राहियों की पहचान सबसे ज़रूरतमंद परिवारों में से की जाएगी।

2. यह राशि सीधे घर की सबसे बुजुर्ग महिला के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। बुजुर्ग महिला के नहीं रहने पर इसे परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा।

3. योजना को चरणों में शुरू किया जाएगा और लाभार्थी परिवारों की संख्या और गरीबी उन्मूलन पर इसके प्रभाव का आकलन करने के लिए हर साल समीक्षा की जाएगी।

वहीं महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र- न्यायपत्र 2024 में ये दावा किया है कि ऐतिहासिक रूप से महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया है और उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया गया है। कांग्रेस महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को दूर करने और महिलाओं के अधिकारों को बनाए रखने और आगे बढ़ाने का संकल्प लेती है।

कांग्रेस के न्यायपत्र में महिलाओं के लिए क्या खास?

1. संविधान का (106वां) संशोधन अधिनियम महिलाओं के प्रति भाजपा के विश्वासघात का प्रतीक है। संशोधन अधिनियम में कुटिल प्रावधान हैं जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को 2029 के बाद ही लागू करने की अनुमति देंगे। कांग्रेस इन कुटिल प्रावधानों को हटा देगी और संशोधन अधिनियम को तुरंत लागू करेगी। महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण उन राज्य विधानसभाओं में लागू हो जायेगा जो 2025 के विधानसभा चुनावों में चुनी जाएंगी।

2. कांग्रेस 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेगी।

3. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि उच्च पदों जैसे, न्यायाधीशों, सरकार के सचिवों, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों, कानून अधिकारियों और बोर्ड के निदेशकों पर अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो।

4. लैंगिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के लिए सभी कानूनों की जांच की जाएगी। कांग्रेस सरकार के पहले वर्ष में अपमानजनक प्रावधानों को हटा दिया जाएगा या संशोधित किया जाएगा।

5. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं के वेतन में भेदभाव को रोकने के लिए 'समान काम, समान वेतन' का सिद्धांत लागू किया जाए।

6. फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (जैसे आशा, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील रसोइया, आदि) के वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा।

7. कांग्रेस महिलाओं को दिए जाने वाले संस्थागत ऋण की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। विशेष रूप से, कांग्रेस बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) द्वारा स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण को व्यापक रूप से बढ़ाएंगे।

8. महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर 25 प्रतिशत है। कांग्रेस उचित और समान वेतन; कार्य के सुरक्षित स्थान; शिशु देखभाल सेवाएं; यौन उत्पीड़न और हिंसा को रोकना; और मातृत्व लाभ का विस्ता जैसे उपाय करके कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करेगी।

9. कांग्रेस "भारतीय महिला बैंक" को फिर से स्थापित करेगी, जिसने महिला निदेशक मंडल के साथ आशाजनक शुरुआत की थी, लेकिन पितृसत्तात्मक भाजपा/एनडीए सरकार ने इसे बंद कर दिया था।

10. विवाह, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेना, संरक्षकता आदि के मामलों में महिलाओं और पुरुषों का समान अधिकार होना चाहिए। कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और महिलाओं एवं पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करेगी।

11. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 जैसे महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।

12. कांग्रेस प्रवासी महिला श्रमिकों के लिए पर्याप्त रैनबसेरे बनाने के लिए राज्य सरकारों को धन देगी और कस्बों और शहरों में महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षित और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे। सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।

13. कांग्रेस राज्य सरकारों के सहयोग के साथ छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों का एक नेटवर्क स्थापित करेगी।

14. कांग्रेस प्रत्येक पंचायत में शिक्षा के लिए पैरालीगल के रूप में एक "अधिकार मैत्री" नियुक्त करेगी जो महिलाओं को उनके अधिकारों पर शिक्षित करेगी और उनके कानूनी अधिकार दिलाने में सहयोग करेगी।

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपना-अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। 4 जून को चुनावी परिणाम आएंगे, तो समझा आ जाएगा कि देश की जनता को किसके वादों पर ज्यादा भरोसा है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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