Budhni MP Chunav Result 2023: बुधनी मे जारी रहेगा मामा शिवराज का विजय अभियान, इस सीट पर भाजपा के सर सजा जीत का ताज

Budhni MP (Madhya Pradesh) Chunav Election Result 2023: मध्यप्रदेश की सत्ता पर पिछले दो दशक से राज कर रहे शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर बुधनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिवराज इस सीट पर अजेय रहे हैं। ऐसे में जानिए विधानसभा चुनाव 2023 में कैसा है बुधनी की मतगणना का हाल?

Budhni MP Chunav Result 2023: बुधनी मे जारी रहेगा मामा शिवराज का विजय अभियान, इस सीट पर भाजपा के सर सजा जीत का ताज

Budhni MP (Madhya Pradesh) Chunav Election Result 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर को हुए चुनाव में सिहोर जिले की बुधनी पर सबकी नजर थी। शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर इस सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनका इस मुख्यमंत्री बनना तय नहीं है लेकिन बुधनी में अबतक अयेज रहे शिवराज की जीत फिर से पक्की मानी जा रही है। बुधनी सहित मध्यप्रदेश की सभी 230 सीटों पर मतगणना 3 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। जानिए इस बार बुधनी की जनता ने मामा पर कितना जताया है भरोसा। ऐसा है बुधनी की मतगणना का ताजा हाल।

बुधनी की मतगणना का ताजा हाल

क्रमांकउम्मीदवारपार्टीमतपरिणाम
1शिवराज सिंह चौहानभाजपा164951 104974 वोट से जीत
2विक्रम मत्सलकांग्रेस59977104974 वोट से हार
3 दिनेश आज़ादअन्य2363 162588 वोट से हार
मामा इस बार नही हैं सीएम पद का चेहरा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट में अजेय रहे हैं, लेकिन इस बार का चुनाव उनके लिए थोड़ा अलग दिख रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए ‘मामा’ को पार्टी का चेहरा नहीं बनाया है। राज्य में मामा के नाम से मशहूर चौहान ने बुधनी सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ा है और 60 प्रतिशत या उससे अधिक वोट हासिल करके वह अजेय रहे हैं, लेकिन इस बार का चुनाव बुधनी के लिए थोड़ा अलग दिखाई दे रहा है।

कई केंद्रीय मंत्री मैदान में उतारे

इस बार सत्तारूढ़ दल ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए लोकसभा के सात सदस्यों को मैदान में उतारा है, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल, रीति पाठक, राकेश सिंह, गणेश सिंह और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। भाजपा ने पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी चुनाव मैदान में भेजा है। इस कदम से संकेत मिलते हैं कि भाजपा ने राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए विकल्प खुले रखे हैं और मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले चौहान एकमात्र पसंद नहीं हो सकते हैं।

1990 में बुधनी से विधानसभा चुनाव जीता

चौहान ने 1990 में बुधनी से विधानसभा चुनाव जीता था। हालांकि, भाजपा ने उन्हें 1991 में विदिशा लोकसभा सीट से उस वक्त मैदान में उतारा था, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ संसदीय सीट बरकरार रखने के लिए विदिशा से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के एक प्रमुख ओबीसी चेहरा शिवराज सिंह चौहान ने 2013 में कांग्रेस के महेंद्र सिंह चौहान को 84,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इसके बाद 2018 में उनकी जीत का अंतर घटकर लगभग 59,000 मतों का रह गया था। उस वक्त कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को मैदान में उतारा था। वह भी ओबीसी नेता हैं।

कांग्रेस ने अभिनेता विक्रम मस्तल को मैदान में उतारा

कांग्रेस ने इस बार बुधनी में चौहान के मुकाबले के लिए टीवी अभिनेता विक्रम मस्तल को मैदान में उतारा है, जिन्होंने एक धारावाहिक में हनुमान की भूमिका निभाई है। चौहान की अस्वाभाविक शैली ने उन्हें मध्य प्रदेश में 'मामा' उपनाम दिया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस ने चौहान की तुलना में कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारकर ‘मामा’ के लिए मुकाबले को आसान बना दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी वैराग्यानंद गिरि उर्फ ‘मिर्ची बाबा’ को बुधनी से पार्टी का टिकट दिया है। बाबा ने 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्च का इस्तेमाल करके हवन (अनुष्ठान) किया था, हालांकि भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बाजी मार ली थी।

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