Chhattisgarh CM: संघर्षों में बीता है विष्णु देव साय का जीवन, जड़ी-बूटियों का है ज्ञान; जनता से है सीधा जुड़ाव

Chhattisgarh CM: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जनसंघ की विरासत अपने दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय से मिली। उनके दादा स्वतंत्रता के पश्चात सन् 1947 से 1952 तक तत्कालीन सीपी एंड बरार विधानसभा में मनोनीत विधायक भी रहे।

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छत्तीसगढ़ सीएम को नागरिकों ने दी बधाई

Chhattisgarh CM: छत्तीसगढ़ के होने वाले नए सीएम विष्णु देव साय को लगातार आम जनता की ओर से बधाईंयां मिल रही हैं। उनका जनता से सीधे जुड़ाव ने उन्हें सीएम के नाम की घोषणा के बाद से और लोकप्रिय बना दिया है।

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जनसंघ में थे दादा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जनसंघ की विरासत अपने दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय से मिली। उनके दादा स्वतंत्रता के पश्चात सन् 1947 से 1952 तक तत्कालीन सीपी एंड बरार विधानसभा में मनोनीत विधायक भी रहे। साय का परिवार शुरू से ही जनसंघ से जुड़ा रहा। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय वर्ष 1977-79 तक जनता पार्टी सरकार में संचार राज्य मंत्री रहे।

किसान परिवार से आते हैं विष्णु देव साय

जिला मुख्यालय जशपुर से 57 किलोमीटर दूर छोटे से आदिवासी बहुल गांव बगिया के निवासी विष्णु देव साय किसान परिवार से आते हैं। बगिया की प्राथमिक शाला में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने कुनकुरी के लोयोला मिशनरी स्कूल में एडमिशन लिया। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह अंबिकापुर गए। जब वह प्रथम वर्ष में थे, तभी उनके पिता रामप्रसाद साय का निधन हो गया। घर परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए वह पढ़ाई छोड़कर गांव वापस आ गए। बगिया में मैनी नदी के तट पर साय परिवार का आवास है। विष्णु देव साय मंत्री, सांसद, विधायक रहे लेकिन वह अपने पैतृक गांव को नहीं छोड़ा। अपने दो भाईयों को पढ़ाकर-लिखाकर उन्होंने काबिल बनाया। उनके एक भाई जयप्रकाश साय भारत हैवी इलेक्ट्रिकल में इंजीनियर हैं। एक भाई ओमप्रकाश साय सरपंच थे। अभी चार माह पूर्व ही उनका असामयिक निधन हुआ।

संघर्षों में जीवन

साय की मां जसमनी देवी ने कहा मेरे बेटे बाबू (विष्णु देव का निकनेम) ने सबसे पहले परिवार की सेवा की, फिर गांव की सेवा की, विधायक, सांसद, मंत्री रहकर क्षेत्र की सेवा की, अब मुख्यमंत्री बनकर राज्य की सेवा करेगा। भावुक होकर उन्होंने कहा कि आज ओमप्रकाश रहता, तो यह खुशी दोगुनी हो जाती। विष्णु देव साय पढ़ाई के लिए किए गए अपने संघर्ष को अक्सर याद करते हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में स्कूलों के विकास पर सदैव ध्यान दिया। अपने गांव में जिस सरकारी स्कूल में उन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई की थी वह अब हाईस्कूल बन गया है।

खेती-बाड़ी में रुचि

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खेती किसानी में बहुत रुचि रखते हैं। नदी के तट पर अपने घर में वह सब्जियां उगाते हैं। कोरोना काल में वह गांव में सब्जी उगाते रहे और अन्य किसानों को भी प्रेरित करते रहे। उन्होंने मैनी नदी पर पुल बनवाया। नदी की रेत में खीरा, ककड़ी, मूंगफली आदि की खेती के लिए गांव के किसानों को प्रेरित किया। उनके प्रयासों से गांव में कृषि के क्षेत्र में उन्नति हुई है।

जड़ी-बूटियों का है ज्ञान

विष्णु देव साय जंगली जड़ी-बूटियों के अच्छे जानकार हैं। उनके कई लाभार्थी उनकी दवा की प्रशंसा करते हैं। साय ने जनजाति समाज के विकास के लिए काम किया। कंवरधाम के विकास का श्रेय उन्हें दिया जाता है। जनजाति समाज के आयोजनों में उनकी पत्नी कौशल्या अग्रणी भूमिका में रहती हैं। साय की दो पुत्रियों में से बड़ी बेटी निवृत्ति की शादी धमतरी में हुई है। दूसरी पुत्री स्मृति अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उनके पुत्र तोशेंद्र ने पत्रकारिता व लिट्रेचर की पढ़ाई की है और वर्तमान में रायपुर में फिटनेस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं।

नागरिकों ने किया सम्मान

छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सोमवार को राजधानी रायपुर स्थित राज्य अतिथि गृह (पहुंना) में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए पंचायत एवं नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों, आम नागरिकों ने सौजन्य मुलाकात कर, नई जिम्मेदारी मिलने पर उन्हें बधाई एंव शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय ने शुभकामनाओं के लिए आम नागरिकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जशपुर विधायक रायमुनी भगत, कोन्टा के विधायक कवासी लखमा, पूर्व राज्यसभा सांसद भूषण लाल जांगड़े, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरला कोसरिया, विभिन्न अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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