Chhattisgarh Congress: जातिगत जनगणना का असर? कांग्रेस के 15 सवर्ण उम्मीदवारों में से 13 की हार
Chhattisgarh Congress: कांग्रेस ने इस बार राज्य की कुल विधानसभा 90 सीट में से 15 सीटों पर ऊंची जातियों के उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से आठ ब्राह्मण उम्मीदवार भी शामिल थे। ब्राह्मण उम्मीदवारों समेत उच्च जातियों के 13 कांग्रेस उम्मीदवारों को इस बार हार का सामना करना पड़ा।
छत्तीसगढ़ में हार के बाद समीक्षा बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल
Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार मिली है, इस हार की समीक्षा को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में राहुल गांधी ने एक बैठक भी की। इस बैठक से इतर एक ऐसा डाटा सामने आया है, जो कांग्रेस की नीति पर ही सवाल उठा सकता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 15 सवर्ण उम्मीदवारों में से 13 की हार हुई है। जातिगत जनगणना के वादों के बीच कांग्रेस के इन सवर्ण उम्मीदवारों की हार, कई सवालों को जन्म दे रही है।
ये भी पढ़ें- कौन हैं धीरज साहू? जिनके ठिकानों से बरामद हुआ करोड़ों का खजाना, जानें छापेमारी से जुड़ा हर अपडेट
सिर्फ 2 की जीत
कांग्रेस ने इस बार राज्य की कुल विधानसभा 90 सीट में से 15 सीटों पर ऊंची जातियों के उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से आठ ब्राह्मण उम्मीदवार भी शामिल थे। ब्राह्मण उम्मीदवारों समेत उच्च जातियों के 13 कांग्रेस उम्मीदवारों को इस बार हार का सामना करना पड़ा। इन 13 उम्मीदवारों में पिछली कांग्रेस सरकार के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, मंत्री रवींद्र चौबे, मंत्री जय सिंह अग्रवाल, वरिष्ठ विधायक अमितेश शुक्ला और अरुण वोरा शामिल हैं। उच्च जाति वर्ग के केवल दो कांग्रेस उम्मीदवार - राघवेंद्र सिंह और अटल श्रीवास्तव चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
टीएस सिंहदेव की भी हार
तीन बार के विधायक और निवर्तमान उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल के हाथों 94 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। तीन बार के विधायक और निवर्तमान मंत्री जय सिंह अग्रवाल अपनी कोरबा सीट भाजपा के लखनलाल देवांगन से 25,629 मतों के अंतर से हार गए।ब्राह्मण समुदाय के आठ कांग्रेस उम्मीदवारों, जो चुनाव हार गए हैं, रवींद्र चौबे (साजा), अमितेश शुक्ला (राजिम), महंत रामसुंदर दास (रायपुर शहर दक्षिण), विकास उपाध्याय (रायपुर शहर पश्चिम), अरुण वोरा (दुर्ग शहर), पंकज शर्मा (रायपुर ग्रामीण), शैलेश पांडे (बिलासपुर) और शैलेश नितिन त्रिवेदी (बलौदाबाजार) शामिल हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लुभाने की कांग्रेस की कोशिश ने ऊंची जातियों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उम्मीदवारों की संभावनाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि अधिकतर मतदाताओं को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार की ओबीसी समर्थक राजनीति पसंद नहीं आई होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited