छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सामने चुनौतियों का अंबार, क्या आरोपों में घिरे सीएम बघेल कर पाएंगे बेड़ा पार
सीएम बघेल ने लगभग हर चुनावी रैली में कह रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में महिला मतदाताओं की उम्मीदों को पूरा किया है। वहीं, बीजेपी ने सीएम बघेल और उनकी सरकार को करप्शन के मुद्दे पर घेर रही है।
भूपेश बघेल
Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होने जा रहा है। राज्य में 7 नवंबर को पहले दौर का मतदान होगा जबकि दूसरा चरण का मतदान 17 नवंबर को होना है। कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही है वहीं बीजेपी की कोशिश सत्ता में वापस आने की है। लेकिन कांग्रेस के सामने इस बार किस तरह की चुनौतियां हैं और क्या-क्या उसके पक्ष में जा सकता है, जानने की कोशिश करते हैं।
कांग्रेस का दावा, वादों को 95% पूरा किया
कांग्रेस का दावा है कि उसने 2018 के घोषणापत्र के वादों को लगभग 95% पूरा किया है। इसे लेकर भूपेश बघेल सरकार में जोश काफी हाई है। हालांकि, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार अपने 36 वादों में से 19 को पूरा करने में विफल रही है। सीएम बघेल ने लगभग हर चुनावी रैली में कह रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में महिला मतदाताओं की उम्मीदों को पूरा किया है।
कांग्रेस के पक्ष में क्या-क्या
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 2017 में 22% से घटकर अभी 0.5% हो गई है। कांग्रेस का यह भी दावा है कि जब से बघेल सरकार ने राज्य की कमान संभाली है तब से महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगभग 70% की गिरावट आई है। सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड चेक करने के लिए ऐप लॉन्च करना कांग्रेस सरकार की पहल रही है। अगर किसी उम्मीदवार के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध का रिकॉर्ड पाया जाता है, तो उसे सरकारी नौकरियों से रोक दिया जाएगा।
शिक्षा के मोर्चे पर कांग्रेस का दावा है कि बघेल सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बंद किए गए लगभग 3,000 स्कूलों को फिर से खोला है। कांग्रेस को कृषक समुदाय से भी उम्मीदें हैं क्योंकि सीएम बघेल ने सत्ता संभालने के पहले दिन कृषि ऋण माफ कर दिया था।
कांग्रेस के सामने कैसी चुनौतियां
इस चुनाव में कांग्रेस को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती है सीएम बघेल पर लगा भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महादेव ऐप की ओर से सीएम बघेल को करीब 500 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। इसे लेकर पार्टी अब सफाई देने में जुटी है। पार्टी और सीएम इसे बीजेपी और केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा राजनीति से प्रेरित आरोप बता रही है। बघेल पर लगा आरोप चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।
आप का हल्लाबोल
पार्टी के सामने दूसरी चुनौती लोकसभा चुनाव में उसका सहयोगी रही आम आदमी पार्टी है। आप ने बार-बार भूपेश बघेल सरकार पर राज्य को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाने का आरोप लगाया है और उनका इस्तीफा भी मांगा है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पिछले साल भी आप पर हमला बोला था जब इसकी गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने कथित तौर पर पीएम मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
विपक्ष ने सरकार पर लगाया इन घोटालों का आरोप
कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को भाजपा और आप से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। आप और भाजपा दोनों ने भूपेश बघेल पर अवैध शराब उत्पादन से जुड़े घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया है। जहां भाजपा ने बघेल का इस्तीफा मांगा, वहीं आप ने उनकी गिरफ्तारी की मांग तक कर दी। कांग्रेस को गोधन न्याय योजना के तहत उर्वरक खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों और कोयला लेवी घोटाले का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पार्टी के दो विधायकों का नाम था। भाजपा ने 104 पन्नों की चार्जशीट में बघेल सरकार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 600 करोड़ रुपये का घोटाला करने और केंद्र के मुफ्त अनाज वितरण के धन का उपयोग करके 5,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का भी आरोप लगाया है।
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