Chhattigarh Chunav: आंतरिक कलह से बिगड़ेगा कांग्रेस का चुनावी खेल? समझें सरगुजा की अहमियत

Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस की राह आसान नहीं हैं। सरगुजा पर सभी की निगाहें टिकी हैं, पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने इसी क्षेत्र की 14 सीटों पर कब्जा जमाया था। ऐसे में इस बार का सियासी गणित थोड़ा अलग है। आंतरिक कलह के चलते कांग्रेस की राह में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

छत्तीसगढ़ में आंतरिक कलह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी टेंशन।

Chhattiharh Chunav News: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल कर 15 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा की रमन सिंह सरकार को उखाड़ फेंका था। मगर महज पांच साल में कांग्रेस की चिंत बढ़ गई है। सबसे अधिक चिंता सरगुजा क्षेत्र में नजर आ रही है। पिछली जीत का प्रदर्शन दोहराने में आंतरिक कलह, सत्ता विरोधी लहर मुख्य बाधाएं साबित हो सकती है।

बघेल पर फिर भरोसा करेगी छत्तीसगढ़ की जनता?

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी उठापटक का दौर जारी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बार-बार ये दावा कर रहे हैं कि एक बार फिर से सूबे में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने जा रही है। मगर ये कहना गलत नहीं होगा कि इस बार कांग्रेस पार्टी की राह आसान नहीं है। पार्टी में अंदरूनी कहल और सत्ता विरोधी लहर के चलते सीएम बघेल के दावों की मुसीबत बढ़ सकती है।

सरगुजा में क्या कांग्रेस दोहरा पाएगी 2018 का प्रदर्शन?

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सरगुजा प्रशासनिक प्रखंड में कांग्रेस के लिए 2018 का प्रदर्शन दोहराने की राह में आंतरिक कलह और सत्ता विरोधी लहर मुख्य बाधाएं हैं। पार्टी ने छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद 2018 में पहली बार इस क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर जीत मिलने से राज्य में पार्टी द्वारा जीती गई सीटों की संख्या में भारी इजाफा हुआ था। कांग्रेस ने तब 90 में से 68 सीट जीती थीं और 15 वर्ष बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य की सत्ता से बाहर कर दिया था।

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