Chhindwara Lok Sabha Seat: छिंदवाड़ा में क्या बीजेपी लगा पाएगी बड़ी सेंध? या कमल नाथ का परिवार जारी रखेगा जीत का सिलसिला

Chhindwara Lok Sabha Seat: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पिछले 17 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। हालांकि इस सीट पर कोई और पार्टी नहीं जीत पाई है, लेकिन 1997 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस क्या बीजेपी छिंदवाड़ा में सेंध लगा पाएगी।

छिंदवाड़ा सीट पर क्या कांग्रेस जारी रखेगी जीत का सिलसिला।

Chhindwara Lok Sabha Seat: मध्य प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में से एक छिंदवाड़ा राज्य के चुनावी परिदृश्य में एक प्रमुख स्थान रखता है। कांग्रेस का गढ़ रहा छिंदवाड़ा हमेशा से ही कांग्रेस के प्रति वफादार रहा है, सिवाय 1997 के उपचुनाव के जब भाजपा के सुंदर लाल पटवा ने यहां से जीत हासिल की थी। आम चुनावों में छिंदवाड़ा ने हमेशा कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता कमल नाथ इस सीट से नौ बार जीत चुके हैं।

2019 के लोकसभा चुनावों में कमल नाथ की जगह उनके बेटे नकुल नाथ ने भाजपा के नाथन शाह को हराया। दिलचस्प बात यह है कि पिछले चुनावों में छिंदवाड़ा एकमात्र सीट थी जिसे कांग्रेस ने जीता था, जबकि शेष 28 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। पूरे छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिलों को कवर करते हुए, इस सीट में सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं- जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौराई, सौंसर, छिंदवाड़ा, परासिया और पांढुर्ना।

19 अप्रैल को को छिंदवाड़ा में हुआ था मतदान

छिंदवाड़ा में 2024 के आम चुनावों के लिए मतदान शुक्रवार, 19 अप्रैल को हुआ था। नकुल नाथ कांग्रेस के टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत की उम्मीद कर रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के विवेक 'बंटी' साहू से है। विवेक 'बंटी' साहू को नकुल नाथ ने दो बार विधानसभा चुनाव में हराया है। 2019 के उपचुनाव में उन्होंने साहू को करीब 26000 वोटों से हराया था और 2023 में करीब 36600 वोटों से। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। यह सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों को ही जीत का भरोसा है।

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